
संसद में भारी-भरकम काम के साथ आएगी सरकार
ओ.पी. पाल. नई दिल्ली।
सोमवार
से शुरू हो रहे संसद सत्र में जहां विपक्ष कई मुद्दों पर सरकार को घेरने
की तैयारी कर चुका है, वहीं सरकार जीएसटी और कई महत्वपूर्ण वित्तीय कामों
को अंजाम देने का प्रयास करेगी। सरकार के सामने इस सत्र के लिए दोनों सदनों
में दो दर्जन विधेयकों को अंजाम देने के अलावा कई मामलों को विकास की पटरी
पर लाने की चुनौती होगी।
संसदीय कार्य मंत्रालय के अनुसार
सोमवार से शुरू हो रहे संसद सत्र के लिए सरकार की के एजेंडे में लोकसभा में
13 और राज्यसभा में 11 विधेयकों को पारित कराने की प्राथमिकता होगी,
जिसमें सरकार की प्राथमिकता वाला जीएसटी विधेयक भी शामिल है। संसद में इन
विधेयकों के अलावा वित्तीय व्यवसायों में लोक सभा में विभिन्न मंत्रालयों
की अनुदान मांगों एवं राज्य सभा में कुछ मंत्रालयों के कामकाज के तहत रेल
विनियोग विधेयक 2016 पर चर्चा और उसे पारित कराने के साथ वित्त विधेयक 2016
भी प्रमुख हैं। वहीं पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास, आवास एवं शहरी गरीबी
उन्मूलन, कौशल विकास एवं उद्यमशीलता, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता और
नागरिक उड्डयन की अनुदान मांगों पर चर्चा होगी। जबकि राज्य सभा स्वास्थ्य
एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, मानव संसाधन विकास मंत्रालय, वित्त मंत्रालय,
सूक्ष्म लघु एवं मझोले उद्यम मंत्रालय और विदेश मंत्रालय की कार्यप्रणाली
पर चर्चा करेगी। इसके बाद वित्त विधेयक 2016 एवं गिलोटिन के उपयोग मामले को
उठाया जाएगा।
लोकसभा:
राज्यसभा से पारित हो चुके सिख गुरुद्वारे (संशोधन) विधेयक और जैव
प्रौद्योगिकी के क्षेत्रीय केंद्र विधेयक के अलावा संसदीय स्थायी समिति की
जांच से गुजरकर आए कारखाना (संशोधन) विधेयक, बिजली संशोधन विधेयक, लोकपाल
और लोकायुक्त और अन्य संबंधित कानून (संशोधन) विधेयक, मर्चेंट शिपिंग
विधेयक, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम विकास (संशोधन) विधेयक तथा प्रतिपूरक
वनीकरण निधि विधेयक भी शामिल है। वहीं लोकसभा में पारित कराने के लिए
दिवाला और दिवालियापन विधेयक,बेनामी लेनदेन (निषेध) संशोधन विधेयक,
उपभोक्ता संरक्षण विधेयक, कंपनी (संशोधन) विधेयक, तथा भूमि अधिग्रहण,
पुनर्वास और पुनर्स्थापन (संशोधन) द्वितीय विधेयक पर संयुक्त संसदीय समिति
की रिपोर्ट का इसी सत्र के दौरान इंतजार रहेगा।
राज्यसभा:
उच्च सदन में इस सत्र के दौरान सरकार प्रवर समिति की रिपोर्ट आते ही
जीएसटी को पारित कराने का प्रयास करेगी। जबकि लोकसभा से पारित हो चुके
संविधान (अनुसूचित जाति) आदेश (संशोधन) विधेयक, विनियोग अधिनियम (निरसन)
विधेयक, निरस्त और संशोधन (तृतीय) विधेयक, खान और खनिज (विकास और विनियमन)
संशोधन विधेयक, व्हिसल ब्लोअर संरक्षण (संशोधन) विधेयक, भारतीय न्यास
(संशोधन) विधेयक, उद्योग (विकास और विनियमन) संशोधन विधेयक के साथ संयुक्त
समिति की अनुशंसा के आधार पर भारतीय चिकित्सा परिषद (संशोधन) विधेयक पर
उच्च सदन की मुहर लगवाने का प्रयास करेगी। जीएसटी की तरह ही लोकसभा से
पारित हो चुके शत्रु संपत्ति (संशोधन और विधिमान्यकरण) विधेयक, भारतीय
चिकित्सा परिषद (संशोधन) विधेयक को पारित कराने के लिए प्रवर समिति की
रिपोर्ट का इंतजार है।
25Apr-2016
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें