शनिवार, 23 अप्रैल 2016

भारत में कितना बढ़ा साइबर क्राइम


-ओमप्रकाश पाल
भारत में दिनों दिन बढ़ते क्राइम में सबसे ज्यादा तेजी से फैल रहा साइबर क्राइम है जो आज भारत के राज्यों में अपनी जड़े फैला चुका है। जैसे-जैसे इंटरनेट के इस्‍तेमाल में बढ़ोतरी हो रही है, वैसे-वैसे साइबर अपराध में भी इजाफा देखा जा रहा है। और इसके लिए भारत में कई कानून भी बने हुए है लेकिन फिर भी अपराधों में कमी नहीं हो रही है।  
बता दें कि नेशनल काइम रिकॉर्ड्स ब्‍यूरो (एनसीआरबी) के आंकड़ों के मुताबिक, 2013 में समाप्‍त हुए तीन वर्षों के दौरान साइबर क्राइम के मामले 966 से बढ़ कर 5,508 हो गए, इसमें 350 फीसदी की बढ़ोतरी हुई। तो वही दूसरी तरफ ताजा रिपोर्ट ने अनुसार साइबर अपराध के मामलों में वर्ष 2014 में 69 प्रतिशत की वृद्धि हुई और इस दौरान आईटी कानून और भारतीय दंड संहिता आईपीसी की संबंधित धाराओं के तहत 9,622 मामले दर्ज किए गए है।
सबसे ज्यादा साइबर क्राइम वाले राज्य
राष्ट्रीय अपराध रिकार्ड ब्यूरो की रिपोर्ट के मुताबिक, साइबर क्राइम के मामले में चार राज्य सबसे आगे महाराष्ट्र- 907, आंध्र प्रदेश- 631, उत्तर प्रदेश- 682 और कर्नाटक- 533 मामले दर्ज किए गए है। ऐसा लगता है कि साबइर क्राइम उन राज्‍यों में ज्‍यादा है जहां प्रमुख शहरें हैं, जो संकेत करता है कि शहरीकरण बढ़ने के साथ ही इंटरनेट की बढ़ती पहुंच भी एक कारक है। आईटी एक्‍ट 2000 के तहत सबसे ज्‍यादा लोग महाराष्‍ट्र में गिरफ्तार किए गए और उत्‍तर प्रदेश ऐसा राज्‍य रहा जहां सबसे ज्‍यादा लोग भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) के तहत गिरफ्तार किए गए। 
सबसे कम साइबर क्राइम वाले राज्य
तो वही दूसरी तरफ सबसे कम वाले राज्यों में मणिपुर -01, अरूणाचल प्रदेश- 10, त्रिपुरा- 14, और मेघालय- 17 मामले दर्ज किए गए। जहां पर इनका आंकड़ा सबसे कम रहा। ये राज्य वो राज्य है जो देश के पूर्वोतर राज्यों में आते हैं।  
मुख्य उद्देश्य- अवैध लाभ, धोखेबाजी, ऑनलाइन डाटा चोरी और तंग करना,
 गौरतलब है कि आंकड़ों से स्‍पष्‍ट होता है कि साइबर क्राइम का मुख्य उद्देश्‍य अवैध कमाई करना, धोखेबाजी करना और तंग करना है। तो वही ज्‍यादातर अपराधों का पंजीकरण अन्य की श्रेणी में किया गया है, इस श्रेणी में 2,042 मामले दर्ज किए गए थे। इन आकड़ों से पता चलता है कि अन्य मामले ज्यादा रहे है। उद्यमियों, व्यापारियों द्वारा ऑनलाइन वाणिज्यिक लेनदेन, ऑनलाइन व्यापारिक गतिविधियां व ऑनलाइन निजी दैनिक जीवन प्रबंधन के डाटा की चोरी कर ली जाती है। इसके माध्यम से कई प्रकार के अपराध साइबर अपराधियों द्वारा किए जाते हैं।
16Apr-2016

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