शुक्रवार, 1 अप्रैल 2016

सड़क हादसे में सरकार देगी आर्थिक मदद!

सड़क दुघर्टना कोष के गठन की राह आसान बनाने की तैयारी
ओ.पी. पाल. नई दिल्ली।
मोदी सरकार का नया मोटर वाहन और सड़क सुरक्षा विधेयक भले ही संसद में लंबित हो, लेकिन सुप्रीम कोर्ट के सड़क हादसों पर जारी दिशानिर्देशों की मंजूरी के फैसले ने केंद्र सरकार की यात्रियों व माल वाहकों को सुरक्षित, तीव्र, किफायती एवं समावेशी यातायात
की सुविधा की राह आसान बना दी है। मसलन सड़क हादसों पर अंकुश लगाने की दिशा में अब सरकार ने सड़क हादसों में घायलों को तत्काल राहत देने के लिए प्रस्तावित वाहन दुर्घटना कोष के गठन की राह तेज करना शुरू कर दिया है। 
दरअसल केंद्र में मोदी सरकार ने देश की परिवहन व्यवस्था में आमूल-चूल परिवर्तन लाने और सड़कों के सफर को सुरक्षित करने के नया मोटर एवं सुरक्षा विधेयक का मसौदा तैयार करने की पहल की, लेकिन यह विधेयक लोकसभा में तो पारित हो चुका है, लेकिन राज्यसभा में इसे आगे नहीं बढ़ाया जा सका है। सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के अनुसार हालांकि सड़क हादसों के पीड़ितों को फोरी राहत के लिए राष्ट्रीय कोष है, लेकिन मंत्रालय ने सड़क क्षेत्र के लिए अलग से एक राष्ट्रीय ‘सड़क दुर्घटना कोष’ के गठन का प्रस्ताव करके उसे नए विधेयक के प्रावधानों में शामिल किया था। चूंकि विधेयक संसद में अटका हुआ है, इसलिए सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर सरकार के दिशानिर्देशों में सड़क हादसों पर अंकुश लगाने की पहल की गई और सुप्रीम कोर्ट ने एक दिन पहले ही सरकार के इस कदम पर मुहर लगाकर सरकार की राह आसान कर दी है। हालांकि केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी कई बार इस नये विधेयक पर राज्यों के क्षेत्राधिकार हनन की आशंका को दूर कर मकसद को पहले ही स्पष्ट कर चुके हैं।
राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा बोर्ड बनेगा
मंत्रालय के अनुसार सड़क विधेयक के पारित होने की इंतजार में अटकी प्रस्तावित सड़क सुरक्षा कोष की स्थापना करने की तैयारियां शुरू कर दी है। सरकार ने इसके लिए पेट्रोल और डीजल पर लगने वाले रोड सेस से राशि जुटाने की योजना बनाई है। ऐसे संकेत बजट में भी सरकार दे चुकी है। इस कोष की स्थापना के नियंत्रण के लिए सरकार सुंदर कमेटी के सुझाव पर एक छह सदस्यीय राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा बोर्ड के गठन करेगी। इस बोर्ड में सड़क परिवहन, सिविल इंजीनियरिंग, आपात चिकित्सा, अनुसंधान, सर्वेक्षण व डाटा संग्रह से जुड़े विशेषज्ञ शामिल किये जा रहे हैं।
विधेयक में ऐसे हैं प्रावधान
मंत्रालय के अनुसार नया सड़क परिवहन व सुरक्षा विधेयक 1988 के मोटर वाहन कानून से एकदम अलग है, जिसमें वाहनों के साथ सड़कों के सुरक्षित डिजाइन, रखरखाव व इस्तेमाल पर खासा बल दिया गया। वहीं यातायात नियम उल्लंघन पर ज्यादा सख्त दंड और जुर्माना करके परिवहन व्यवस्था दुरस्त करने का प्रयास है। विधेयक के प्रावधानों का दावा है कि नियम उल्लंघनों की इलेक्ट्रॉनिक पड़ताल व अपराधों की केंद्रीयकृत सूचना व्यवस्था से बार-बार उल्लंघन करने वाले को आसानी से पकड़ना संभव होगा। विधेयक में खासकर स्कूली बच्चों व महिलाओं की सुरक्षा को लेकर विशेष प्रावधानों के साथ आधुनिक सेफ्टी प्रौद्योगिकियों के इस्तेमाल का प्रस्ताव शामिल है।
01Apr-2016

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