गुरुवार, 21 अप्रैल 2016

राजीव गांधी खेल अभियान बना ‘खेलो इंडिया’

केंद्र ने कई योजनाओं से हटाए राजीव-इंदिरा के नाम
ओ.पी. पाल. नई दिल्ली।
केंद्र सरकार द्वारा देश में राजीव गांधी और इंदिरा गांधी के नाम से चल रही योजनाओं से उनके नाम हटाने की मुहिम में राजीव गांधी खेल अभियान योजना को हटाकर उसके स्थान पर ‘अब खेलो इंडिया’ की योजना को आगे बढ़ाने का फैसला किया है। इस निर्णय के तहत 'शहरी विकास बुनियादी ढांचा योजना' और 'राष्ट्रीय खेल प्रतिभा खोज व्यवस्था योजना' को भी ‘अब खेलो इंडिया’ के दायरे में शामिल करने का ऐलान किया है
केंद्र सरकार ने खेलों के विकास के लिए 'राजीव गांधी खेल अभियान' वाले राष्ट्रीय कार्यक्रम को भी बजट के दौरान ही 'खेलो इंडिया’ योजना के रूप में करने का ऐलान किया था। केंद्रीय खेल मंत्रालय के अनुसार राजीव गांधी खेल अभियान योजना को फरवरी 2014 में राहुल गांधी और तात्कालीन खेल मंत्री जीतेंद्र सिंह ने शुरू किया था। यह योजना भी पंचायत युवा क्रीडा और खेल अभियान की जगह लाई गई थी। कांग्रेस द्वारा लागू की गई स्पोर्ट्स प्रोजेक्ट अर्बन स्पोर्ट्स इंफ्रास्ट्रक्चर स्कीम और नेशनल स्पोर्ट्स टैलेंट सर्च स्कीम को खेलो इंडिया में शामिल किए जाने पर स्वयं केंद्रीय खेल मंत्री सरबानंद सोनोवाल ने कहा कि इसमें किसी तरह की राजनीति नहीं है, बल्कि इसे मर्ज करने का उद्देश्य बेहतर और प्रतियोगी माहौल तैयार करना था। खेलो इंडिया के दायरे में आई 'शहरी विकास बुनियादी ढांचा योजना' और 'राष्ट्रीय खेल प्रतिभा खोज व्यवस्था योजना' को यूपीए सरकार ने 'राष्ट्रमंडल खेल 2010' को आपस में मिलाकर एक नई योजना बनाई थाी।
इन योजनाओं से भी गायब राजीव इंदिरा
केंद्र सरकार ने पिछले महीने बजट सत्र के पहले चरण में आम बजट की घोषणाओं में कई ऐसी योजनाओं के नामों में बदलाव करने का ऐलान किया था, जो पूर्व प्रधानमंत्री स्व. राजीव गांधी और स्व. इन्दिरा गांधी के नाम से चल रही थी। इसी प्रकार 'राजीव गांधी राष्ट्रीय फेलोशिप योजना' को राष्ट्रीय फेलोशिप फॉर स्टूडेंट्स विद डिसैबिलिटीज किया गया। जबकि अनुसूचित जाति के छात्रों को दी जाने वाली 'राजीव गांधी राष्ट्रीय फेलोशिप योजना' के नाम को बदलकर राष्ट्रीय फेलोशिप फॉर शेडयूल्ड कास्ट्स रख दिया गया है। पंचायती राज मंत्रालय के अंतर्गत चलने वाली राजीव गांधी पंचायत सशक्तिकरण योजना के नाम को बदलकर अब उसे एक अप्रैल से पंचायत सशक्तिकरण योजना के रूप में लागू कर दिया है। इस योजना को कांग्रेसनीत यूपीए सरकार के समय शुरू किया गया था। इससे पहले भी केंद्र सरकार ने राजीव गांधी के नाम से चल रही कई योजनाओं का नाम बदला था। मसलन, कमजोर आय वर्ग के नागरिकों की आवास समस्या सुलझाने के लिए बनाई गई यही नहीं इससे पहले मोदी सरकार ने 'राजीव गांधी ऋण योजना' का नया नाम प्रधानमंत्री आवास योजना कर दिया गया है। राजीव गांधी के नाम पर शुरू की गई ग्रामीण विद्युतीकरण के लिए शुरू की गई योजना में राजीव के स्थान पर 'दीनदयाल उपाध्याय' का नाम जोड़ा गया था। सरकार ने हिंदी पुरस्कारों से भी राजीव गांधी व इंदिरा गांधी के नाम हटाए हैं। हालांकि मोदी सरकार ने इन योजनाओं के नामों को बदलकर अपने किसी नेता या पसंदीदा शख्सियत का नाम नहीं रखा है। बल्कि इन योजनाओं के नामों को बदलकर ज्यादा राजनीतिक रूप से निष्पक्ष दिखने की कोशिश की गई है।
21Apr-2016

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