शुक्रवार, 8 जनवरी 2016

देश में बनंगे सौलह ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस-वे!

पिछड़े इलाकों को सड़क नेटवर्क से जोड़ने की तैयारी
ओ.पी. पाल. नई दिल्ली।
देश को सड़कों के जाल से जोड़ने की योजना के तहत केंद्र सरकार ने दूर-दराज और पिछड़े इलाको तक सड़क नेटवर्क बनाने की दिशा में 16 ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस-वे बनाने का निर्णय लिया है। केंद्र सरकार की इस मेगा परियोजना के खाके पर 16,680 करोड़ रुपये की लागत से ऐसे एक हजार किलोमीटर लंबे एक्सप्रेस-वे का निर्माण किया जाएगा, जिसमें प्रमुख रूप से सात गलियारे होंगे।
मोदी सरकार ने एनएचडीपी चौथे चरण के तहत डीबीएफओटी आधार पर 16,680 करोड़ रुपये की लागत से 1000 किलोमीटर एक्सप्रेसवेज का निर्माण करने की योजना को मंजूर कर दिया है। केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के अनुसार पिछड़े इलाकों को सड़क संपर्क मार्ग से जोड़ने की दिशा में इन एक्सप्रेस-वे गलियारों में 400 किमी लंबे वडोदरा-मुम्बई गलियारे पहली प्राथमिकता में शामिल किया गया है, जिसमें 93 किलोमीटर लंबा अहमदाबाद-वडोदरा गलियारा देश के पहले एक्सप्रेस-वे के रूप में माना जाता है। सरकार ने शेष 600 किलोमीटर के चयन में यह तय किया गया है कि यातायात घनत्व के आधार पर ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे का चयन किया जा रहा है। मंत्रालय के अनुसार ये सभी ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस-वे देश के सुदूर इलाकों और पिछड़े हुए इलाकों से होकर गुजरेंगे। इस परियोजना का मकसद है कि सड़क संपर्क बढ़ने से पिछड़े इलाकों को आर्थिक विकास की दिशा में बल मिल सके। इन सड़क परियोजनाओं के बारे में स्वयं सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी का भी कहना है कि वडोदरा-मुंबई, जयपुर-अजमेर-अहमदाबाद और अमरावती-हैदराबाद-बेंगलुरू में पिछड़े इलाकों को सड़क संपर्क मार्गो से जोड़ने के लिए ये सभी 16 एक्सप्रेस-वे तैयार किए जाएंगें।
यूपीए ने भी बनाई थी परियोजना
सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के सूत्रों ने कहा कि हालांकि ऐसे सात ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस-वे बनाने का ऐलान कांग्रेसनीत यूपीए सरकार ने वर्ष 2005 में ही कर दिया था, लेकिन ऐसी सड़क परियोजना को यूपीए अपने दूसरे कार्यकाल तक अंजाम तक पहुंचाने में कोई कदम नहीं बढ़ा सकी। ऐसी महत्वकांक्षी परियोजना की समीक्षा के बाद मोदी सरकार ने इन परियोजना को नए सिरे से आगे बढ़ाने के लिए अपनी नौ परियोजनाएं शामिल करते हुए 16 एक्सप्रेस-वे बनाने की परियोजनाओं को मंजूरी दे दी और इसके लिए अनुमानित लागत को भी स्वीकृत कर लिया गया है। मंत्रालय का कहना है कि देश के विकास के लिए राजमार्गो के संपर्क की हालत को सुधारने की दिशा में सरकार ने तेजी के साथ कदम बढ़ाने का फैसला किया है। हालांकि मंत्रालय का कहना है कि इतनी बड़ी परियोजना में भूमि अधिग्रहण और वित्तीय व्यस्था की सभी बाधाओं को दूर करने के प्रयास जारी है, लेकिन परियोजना को सरकार अंजाम तक पहुंचाएगी।
ये एक्सप्रेसवे भी रडार पर
केंद्र सरकार देश हर कोने को सड़क संपर्क मार्ग से जोड़ने वाली परियोजनाओं में पूर्वी परिधीय एक्सप्रेसवे, दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे तथा वडोदरा-मुम्बई एक्सप्रेसवे को अंतिम रूप दे चुकी है। इसी प्रकार एक्सप्रेस-वे के रडार पर नागपुर-मुंबई, जयपुर-अजमेर अहमदाबाद, नागपुर-हैदराबाद, पुणे-हैदराबाद, हैदराबाद-बैंगलुरू, अमृतसर-हैदराबाद-बैंगलुरू तथा दिल्ली-अमृतसर-जम्मू- कटरा को भी आपस में राष्टÑीय राजमार्गो से जोड़ने की योजना तैयार की जा रही है।
08Jan-2016

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