परियोजना को चार सौ दिन में पूरा करने का लक्ष्य
ओ.पी. पाल. नई दिल्ली।
राष्ट्रीय
राजधानी दिल्ली के चारों ओर इस्टर्न पैरीफेरल एक्सप्रेस वे और वेस्टर्न
पैरीफेरल एक्सप्रेस वे को जोड़ते हुए ‘गोल्डन नेकलस’का रूप देने वाली
इस्टर्न पैरीफेरल एक्सप्रेस वे की महत्वाकांक्षी सड़क परियोयजना के निर्माण
का कार्य शुरू हो गया है। इस गोल्डन नेकलस की आधारशिला गत पांच नवंबर को
सोनीपत में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा रखी गई थी।
केंद्र
सरकार की इस महत्वपूर्ण सड़क परियोजना को केंद्र सरकार ने दिल्ली जैसे
महानगर की यातायात समस्या का सामना किये बिना हरियाणा के पलवल व फरीदाबाद
से सीधे सोनीपत के सफर की राह को आसान बनाने के लिए शुरू किया है। सरकार का
प्रमुख मकसद दिल्ली में यातायात का दबाव कम करने का है जिसके लिए 5,763
करोड़ रुपये की पूर्वी बाहरी एक्सप्रेसवे पर काम शुरू हो गया है।
भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण ने इस परियोजना को 400 दिनों में पूरा
करने का लक्ष्य तय किया है। दिल्ली के पूर्वी बाहरी हिस्से से होते हुये
उत्तर प्रदेश से हरियाणा को जोड़ने वाली इस सड़क परियोजना के बारे में सरकार
ने दावा किया है कि भूमि अधिग्रहण के मुद्दों का समाधान होने के बाद इस
एक्सप्रेसवे पर काम शुरू हो गया है। गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र
मोदी ने पिछले साल पांच नवंबर में 2,274 करोड़ रुपये की पश्चिमी बाहरी
एक्सप्रेसवे और 2,129 करोड़ रुपये की लागत से आठ लेन की एक परियोजना के साथ
ही 5,763 करोड़ रुपये की 135 किलोमीटर लंबी पूर्वी बाहरी एक्सप्रेसवे की
आधारशिला रखी थी।
किसानों को मुआवजे का भुगतान
भारतीय
राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण यानि एनएचएआई के सूत्रों ने बताया कि भूमि
अधिग्रहण मुद्दों के चलते अभी तक अटकी रही पूर्वी बाहरी एक्सप्रेसवे पर काम
पलवल की ओर शुरू हो गया है। एनएचएआई द्वारा अधिक मुआवजा दिए जाने के बाद
काम शुरू हुआ है। किसान अब पलवल जिले में राजी खुशी से जमीन का कब्जा
एनएचएआई को सौंप रहे हैं। एनएचएआई के चेयरमैन राघव चन्द्रा ने किसानों के
मुद्दों को हल करने में सहयोग के लिए पलवल के उपायुक्त का आभार प्रकट किया
है। परियोजना के सभी पांच निर्माण एजेंसियों के साथ एक बैठक में एनएचएआई के
चेयरमैन ने उन्हें युद्धस्तर पर योजना को आगे बढ़ाने का आग्रह किया, ताकि
इस परियोजना को 400 दिनों में पूरा किया जा सके।
परियोजना से आबाद होंगे 98 गांव
इस
135 किमी लंबे ईस्टर्न पेरीफेरल एक्सप्रेस-वे यानि ईपीई के दायरे में
हरियाणा के 32 गांव आएंगे, जिसमें सोनीपत जिले के आठ व फरीदाबाद-पलवल जिले
के 24 गांव शामिल हैं। जबकि उत्तर प्रदेश के 66 गांव इस राजमार्ग के रूप
में बनने वाले एक्सप्रेस-वे के दायरे में होंगे, जिनमें बागपत जिले के 12,
गाजियाबाद जिले के 16 तथा गौतमबुद्धनगर के 39 गांव शामिल हैं। इसके निर्माण
में जहां हाइवे को पार करना होगा, उसके लिए ऊपरी पुलों का निर्माण किया
जाएगा।
21Jan-2016
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