शुरू हुई कंटीली बाड़बंदी में घंटियां लगाने की कार्यवाही
ओ.पी. पाल. नई दिल्ली।
पाकिस्तान
की ओर से भारत-पाक सीमाओं के जरिए ना-पाक हरकतों यानि घुसपैठ को पूरी तरह
से खत्म करने की योजना पर काम कर रही केंद्र सरकार ने एक और कदम उठाया है।
मसलन पठानकोट एयरबेस पर आतंकी हमले के बाद भारत-पाक सीमा पर जहां सुरक्षा
व्यवस्था, सीसीटीवी कैमरों और तेज लाईटिंग और नदी क्षेत्र में लेजर दीवारों
का निर्माण करने की योजना बनाई है, वहीं इसी योजना के तहत सीमाओं पर
सुरक्षा अलर्ट के लिए कंटील बाडबंदी में घंटियां लगाने की योजना शुरू कर दी
है।
गृहमंत्रालय के अनुसार भारत-पाक अंतर्राष्टÑीय सीमा पर
कंटीली तारो से की गई बाडबंदी में सुरक्षा अलर्ट के लिए घंटियां लगाने का
काम शुरू कर दिया गया है। दरअसल ये घंटियां बाड़बंदी से किसी भी तरह की
छेड़छाड़ होने अथवा घुसपैठ का प्रयास होने पर बजने लगती हैं और सीमाओं की
निगरानी में तैनात सुरक्षा बल सतर्क हो जाते हैं। इस व्यवस्था को फिर से
अन्य अत्याधुनिक इंतजामों के साथ फिर बहाल करने का फैसला किया गया है।
सूत्रों के अनुसार गुजरात राज्य से लगी पाक सीमा पर श्रीगंगानगर सेक्टर में
कंटीली बाडबंदी में छोटी-छोटी घंटियां लगाने का काम शुरू कर दिया गया है।
देश की पश्चिम सीमा से लगते इस अंतर्राष्टÑीय सीमा पर बाडबंदी की सुरक्षा
कतार को और मजबूत करने के इरादे से इन घंटियों की खनखनाहट से सुरक्षा बलों
को सतर्क होने के लिए बेहतर सुरक्षा अलर्ट माना गया है।
चौकसी होगी मजबूत
सूत्रों
के मुताबिक इसी प्रकार पाक सीमा से लगे राज्यों में भी ऐसी घंटियां लगाकर
सुरक्ष अलर्ट जैसे तंत्र को मजबूत किया जाएगा। हालांकि पठानकोट आतंकी हमले
के बाद पाक सीमा से होने वाली किसी भी प्रकार की घुसपैठ को रोकने के लिए
केंद्र सरकार ने सख्त कदम उठाते हुए सीमाओं पर अत्याधुनिक व्यवस्थाओं का
खाका तैयार करके योजना को अमल में लाना शुरू कर दिया है। गौरतलब है कि
फिलहाल भारत-पाक अतंर्राष्टÑीय सीमा पर पड़ोसी देश से घुसपैठ रोकने के लिए
जीरो लाइन से पांच सौ मीटर के अंतर पर भारतीय सीमा में कंटीली तारों की
दोहरी बाडबंदी की हुई है। दोहरी बाड़बंदी में सुरक्षा के लिहाज से छोटी-छोटी
घंटियां बांधने की पुरानी परंपरा को बहाल करना शुरू कर दिया गया है, जो
पिछले करीब तीन साल पहले बाड़बंदी की मरम्मत के दौरान इन घंटियों को
नजरअंदाज कर दिया गया था।
30Jan-2016
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