बुधवार, 13 जनवरी 2016

जल्द हो सकता है मोदी मंत्रिमंडल में फेरबदल!


इस साल जारी योजनाओं के नतीजे देना चाहती है सरकार
ओ.पी. पाल.
नई दिल्ली।
संसद के बजट सत्र के दौरान मोदी सरकार अपने पिटारे से देश के विकास और आर्थिक सुधार की बड़ी योजनाएं निकालने की तैयारी में है, जिसमें अभी तक के शासनकाल में किये गये कामकाज के नतीजो को भी सामने रखना चाहती है। इसी लिहाज से बजट सत्र से पहले मोदी मंत्रिमंडल में फेरबदल होने की संभावनाएं जताई जा रही है।
सूत्रों के अनुसार केंद्र सरकार की योजनाओं को देशभर में दी जा रही रμतार के बावजूद बिहार और स्थानीय निकायों जैसे चुनावों के नतीजों के मद्देनजर भी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी कड़े फैसले लेने का जोखिम उठा सकते हैं। मसलन संसद के आगामी बजट सत्र से पहले अपने मंत्रिमंडल में फेरबदल की संभावनाओं से इंकार नहीं किया जा सकता। हालांकि केंद्रीय मंत्रिमंडल में फेरबदल बिहार चुनाव के नतीजों के बाद ही होना था, लेकिन केंद्रीय मंत्रियों को जनता के बीच जाने की हिदायतों और नसीहतों के अलावा ऐसे फैसले को टाल दिया गया था। अब नए साल में अपने केंद्रीय मंत्रालयों के कामकाज और उनके कार्यान्वयन के लक्ष्य को आधार बनाते हुए मोदी सरकार इस फैसले को लागू कर सकते हैं। सूत्रों के अनुसार मंत्रिमंडल में फेरबदल करते हुए पीएम मोदी उन मंत्रियों को हटा सकते हैं, जिनके कारण सरकार और पार्टी दोनों की छवि प्रभावित होती नजर आई है। यही नहीं ऐसी संभावना भी है कि 'अंडरपरफॉर्मर्स' मंत्रियों को बाहर का रास्ता दिखाते हुए सक्रिय और नए चेहरों को मंत्रिमंडल में स्थान मिल सकता है। इसके साथ ऐसी संभावना से भी इंकार नहीं किया जा सकता कि मोदी अभी तक के कामकाज के रिपोर्टकार्ड के आधार पर कुछ मंत्रियों के विभागों में फेरबदल करने की योजना को अंजाम दे सकते हैं।
कुछ मिल सकती है पार्टी की जिम्मेदारी
सूत्रों के अनुसार इसी महीने भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव प्रक्रिया भी पूरी होनी है, इसलिए जिन मंत्रियों को प्रधानमंत्री मोदी के मंत्रिमंडल से हटाया जाएगा उन्हें पार्टी यानि संगठन में महत्वपूर्ण जिम्मेदारी सौंपे जाने की भी संभावना है। ऐसी रणनीति पर सरकार और पार्टी के बीच विचार-विमर्श चल रहा है। भाजाा के उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार मकर संक्रांति यानी 14 जनवरी के बाद कभी भी राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव की प्रक्रिया पूरी होने की उम्मीद है। हालांकि भाजपा के राष्‍ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह को इस चुनाव की प्रक्रिया में वर्ष 2019 तक के लिए पार्टी की कमान सौंपकर उनके कार्यकाल को विस्तार दिये जाने के संकेत हैं। सूत्रों के अनुसार ऐसे संकेत हालांकि प्रधानमंत्री मोदी ने केंद्रीय मंत्रियों को पिछले महीने एक भोज के दौरान के दौरान नसीहतों के साथ दे दिये थे। उन्होंने अपने केंद्रीय मंत्रियों को सरकार के कामकाज और उपलब्धियों को जनता के बीच जाकर उजागर करने की हिदायतें दी थी और यह भी कहा था कि वे जनता के नजदीक ज्यादा रहकर कामकाज को अंजाम दें। सूत्रों के अनुसार राजग सरकार का नेतृत्व कर रही भाजपा भी पार्टी की छवि को बुलंदियों पर ले जाना चाहती है।
नए साल में नया करने की कसक
सूत्रों के मुताबिक देश के विकास के एजेंडे और आर्थिक सुधार की योजनाओं को जिस प्रकार आगे बढ़ाया है उसमें मोदी सरकार की नीतियों को लेकर दुनिया की नजरे भी भारत की ओर टिकी हुई है। ऐसा दावा करते हुए सरकार के सूत्रों का कहना है कि करीब 20 माह के मोदी शासनकाल में किये गये कामकाज के नतीजों को भी सार्वजनिक करके विपक्ष की घेराबंदी को बेनकाब करने की योजना है। विपक्ष के हमलों से इस साल सरकार आक्रमकता के रूख अपना सकती है। इसका मकसद है कि विकास और आर्थिक सुधार के कामकाज को आगे बढ़ाने में आ रही बाधाओं को स्वीकार नहीं करेगी। जहां तक बजट सत्र में सरकार के पिटारे से निकलने वाली योजनाओं का सवाल है उसमें सरकार देश के विकास और आर्थिक व सामाजिक सुधार की योजनाओं को ज्यादा तरजीह देगी।
13Jan-2016

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