गुरुवार, 14 जनवरी 2016

सड़को के बुनियादी ढांचे को मजबूत करेगा इसरो!

केंद्र सरकार का का इसरो व नेक्टार से करार
ओ.पी. पाल.
नई दिल्ली।
देश में सड़कों का जाल बिछाने के लिए चलाई जा रही सड़क परियोजनाओं में निर्माण को टिकाऊ और मजबूती प्रदान करने की दिशा में तकनीकी को बढ़ावा दिया जा रहा है। इस दिशा में केंद्र सरकार ने इसरो और नेक्टार नामक एजेंसियों से करार किया है, जो तकनीकी रूप से सड़कों के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने में मददगार होंगी।
केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के अनुसार देश में चलाई जा रही सड़क परियोजनाओं के तहत सड़क निर्माण की गुणवत्ता और उनके टिकाऊपन व मजबूती देने की दिशा में भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण यानि एनएचएआई ने राष्ट्रीय राजमार्गों की निगरानी एवं प्रबंधन के लिए स्थानिक प्रौद्योगिकियों का इस्तेमाल करने की योजना बनाई है। इसी योजना के तहत भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) एवं प्रौद्योगिकी उपयोग एवं अनुसंधान के लिए पूर्वोत्तर केंद्र (नेक्टार) यानि अमृत के साथ ऐसा महत्वपूर्ण करार किया गया है, ताकि सड़क निर्माण में परियोजनाओं पर तकनीकी रूप से निगरानी रखी जा सके। दरअसल इन दोनों संगठनों को अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी के लिए भारत की नोडल एजेंसी के रूप में कार्य करती आ रही हैं। नेशनल रिमोट सेंसिंग सेंटर (एनआरएससी)यानि नेक्टार भी इसरो के एक हिस्से के रूप में देश में दूरसंवेदी उपग्रह डेटा उत्पादों के वितरण के लिए केन्द्र बिन्दु बनी हुई है। इस करार के तहत अब एनएचएआई कुछ प्रायोगिक परियोजनाओं में तकनीकी प्रक्रिया की शुरूआत करेगा, जिसमें दोनों एजेंसी संगठन राजमार्ग एवं ढांचागत क्षेत्र में उपग्रह आंकड़ें एवं भू स्थानिक प्रौद्योगिकी तथा यूएवी प्रौद्योगिकी के वास्तविक उपयोग एवं लाभों की पहचान करने तथा अंतिम रूप देने का काम करेंगे। इस तकनीक से उपग्रह डाटा एवं भू स्थानिक प्रौद्योगिकी का उपयोग राजमार्ग एवं ढांचागत परियोजनाओं में इनपुट मुहैया कराने में उपयोग होगा, वहीं निर्माण एवं सड़क परिसंपत्ति प्रणाली के तहत डीपीआर तैयार करने, नवीन सरेखण में पूर्व व्यवहार की स्थिति प्राप्त करने, सड़कों को उन्नत करने, चौड़ीकरण करने तथा सड़क क्षेत्रों की निगरानी में मदद मिलेगी।

ये मिलेगा लाभ
सड़क परियोजनाओं में भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण को राजमार्ग और बुनियादी ढांचा क्षेत्र में सेटेलाइट डाटा और भू-स्थानिक प्रौद्योगिकी और यूएवी प्रौद्योगिकी दोनों के वास्तविक उपयोग और लाभ को अंतिम रूप देने में मदद मिलेगी। इस करार के तहत दोनों संगठनों के साथ एनएचएआई कुछ पायलट परियोजनाओं में समय लगाएगा। इसके तहत देश में सड़कों के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने की दिशा में एक तकनीकी सेल के रूप में रिपोर्ट तैयार करने के लिए सलाहकार, इंजीनियरों, कर्मचारी और उपयोगकर्ता परियोजना में इस तकनीक का उपयोग करते हुए 24 घंटे विशिष्ट डेटा सामने रहेगा और बुनियादी ढांचे की मजबूती को बढ़ावा मिलेगा।
14Jan-2016

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