शुक्रवार, 15 जनवरी 2016

सड़क सुरक्षा को जनांदोलन बनाने की तैयारी!

एनजीओ व सोशल मीडिया भी बनेगा जरिया
ओ.पी. पाल
. नई दिल्ली।
देश में बढ़ती सड़क दुर्घटनाओं पर अंकुश लगाने की कवायद में जुटी केंद्र सरकार ने अब इस अभियान को जनांदोलन बनाने का निर्णय लिया है। जहां सरकार ने सड़कों के बुनियादी ढांचों में सुरक्षात्मक सुधारों की योजनाओं में तेजी लाने पर बल दिया है, वहीं देशभर में सड़क सुरक्षा के मुद्दों पर आम नागरिकों के अलावा गैर सरकारी संगठनों को जागरूकता के लिए जोड़ने की पहल शुरू की है।
केंद्र सरकार देशभर में सड़कों पर होने वाली दुर्घटनाओं और उनमें गंवाई जा रही लोगों की जानों की बढ़ती संख्या केंद्र सरकार की चिंता का कारण बनी हुई है। भारत में सड़क हादसों में दुनियाभर के देशों के मुकाबले ज्यादा लोगों की मौतों के आंकड़ो को हर हालत में सरकार न्यूनतम स्तर पर लाने के लिए कई योजना चला रही है, लेकिन सड़क सुरक्षा के मामले में सुधार करना बड़ी चुनौती बना हुआ है। केंद्र सरकार ने देशभर में सुरक्षा के लिहाज से सड़क के बुनियादी सुधार के लिए देशभर में 726 दुर्घटनाग्रस्त यानि ब्लैक स्पॉट भी चिन्हित करके 11 हजार करोड़ रुपये खर्च करने का ऐलान कर दिया है। दरअसल देशभर में चल रहे ‘सड़क सुरक्षा सप्ताह’ के तहत गुरुवार को यहां गैर-सरकारी संगठनों आयोजित राष्ट्रीय सम्मेलन ‘सड़क सुरक्षा मंच’ से भी केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने सड़क हादसों की चिंता और उन पर अंकुश लगाने की प्रतिबद्धता को दोहराया है। उन्होंने कहा कि सड़क सुरक्षा को अकेले सरकार सुनिश्चत नहीं कर सकती, बल्कि राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा अभियान के रूप में इसे जनांदोलन बनाया जाना चाहिए। उन्होंने गैर-सरकारी संगठनों के साथ आम नागरिकोें को भी इस अभियान से जुड़ने के लिए जोर दिया। उन्होंने सड़क सुरक्षा के मुद्दे को सोशल मीडिया के जरिये भी जागरूकता फैलाने का आव्हान किया है।
यूपी व तमिलनाडु में ज्यादा हादसे
केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार सरकार ने सड़क हादसों में कमी लाने के लिए देशभर में अधिकांश दुर्घटनाओं के आधार पर जिन 726 ब्लैक स्पॉट यानि दुर्घटनाग्रस्त जगहों को चिन्हित कराया है, उसमें उत्तर प्रदेश व तमिलनाडु में सबसे ज्यादा 100-100 खतरनाक जगह चिन्हित की गई है। इसके बाद कर्नाटक में 86, तेलंगाना में 71, राजस्थान में 58, महाराष्ट्र में 34, हरियाणा में 33, पश्चिम बंगाल में 31, छत्तीसगढ़ व केरला में 29-29, झारखंड में 26, मध्य प्रदेश, बिहार और गुजरात में 25-25, दिल्ली में 13, ओडिसा में दस, आंध्र प्रदेश में आठ और हिमाचल प्रदेश में पांच ऐसे खतरनाक जगह हैं, जहां ज्यादातर सड़क हादसे होते आ रहे हैं। खतरनाक जगहों को चिन्हित करने की मुहिम में चंडीगढ़, पंजाब, उत्तराखंड, मणिपुर, सिक्किम, त्रिपुरा,अंडमान निकोबार, दादरा हवेली, लक्ष्यद्वीप और पुडुचेरी का सफर सबसे सुरक्षित पाया गया है।
छत्तीसगढ़ में यहां ज्यादा खतरा
मंत्रालय के अनुसार छत्तीसगढ़ में चिह्नित किये गये 29 ब्लैक स्पॉट में से 15 जगह ऐसी हैं जो पिछले लंबे समय से समस्या का कारण बने हुए हैं, सरकार ने इन जगहों में सुरक्षा के लिहाज से सड़क के बुनियादी सुधार को राज्य की मौजूदा परियोजनाओं में शामिल किया है। इसके अलावा मंत्रालय ने 11 जगहों को दीर्घकालीन उपाय करने की योजना के लिए चयननित किया है। मंत्रालय के अनुसार नक्सलवाद क्षेत्र में सड़क परियोजनाओं को अंजाम देने की चुनौती से भी निपटने का प्रयास किया जाएगा।
15Jan-2016

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