एनएचएआई ने उठाए सख्त कदम, दस गुणा जुर्माना के प्रावधान
ओ.पी. पाल. नई दिल्ली।
केंद्र
सरकार की राष्ट्रीय राजमार्गो के सफर को सुरक्षित बनाने की दिशा में चलाई
जा रही परियोजना के तहत भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण ने कार्मिशियल
वाहनों यानि ओवरलोडिंग ट्रकों पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। एनएचएआई के
सख्त फैसले में ओवरलोडिंग ट्रकों को टोल प्लाजा पर जाते ही या तो ट्रक के
सामान को वहीं उतारना पडेंगा और साथ में टोल टैक्स का दस गुणा जुर्माने के
रूप में भुगतान भी करना होगा।

क्या हैं दिशा निर्देश
केंद्र
सरकार ने राजमार्गो पर दुर्घटनाओं को रोकने, प्रदूषण को कम करने और
राजमार्गो की डैमेज को रोकने के लिए के दिसंबर में ही ऐसे निर्देशों के लिए
एक अधिसूचना जारी कर दी थी, जिसके लिए एनएचएआई ने इस फैेसेले के मुताबिक
ओवरलोडिंग ट्रकों से दस गुना अधिक टोल वसूला करने और ट्रक में क्षमता से
अतिरिक्त सामान को वहीं उतरवाने का नियम भी लागू किया है। मसलन अब एनएचएआई
के जारी इस नए निर्देश के मुताबिक जुमार्ने के साथ-साथ हर हाल में ट्रकों
से ओवरलोड सामान उतारना भी जरूरी होगा। एनएचएआई के अनुसार टोल प्लाजा पर
ओवरलोड की पहचान होने पर ट्रकों को वहां से हटाकर दूसरी जगह पार्क किया
जाएगा और तब तक नहीं छोड़ा जाएगा जब तक ट्रांसपोर्टर ओवरलोड सामान को उतारने
के लिए तैयार नहीं हो जाता। यही नहीं ट्रांसपोर्टर को एनएचएआई द्वारा
निर्धारित पार्किंग और टोविंग फीस के अलावा लोडिंग, अनलोडिंग शुल्क भी देना
पड़ेगा। जबकि उतारे गये सामान की जिम्मेदारी स्व्यं ट्रांसपोर्टरों की
होगी। यही नहीं यदि गाड़ी को सात दिन तक क्लेम नहीं किया जाता है तो उसे
संबंधित पुलिस थाने में भेज दिया जाएगा।
फैसले से बढ़ेगा बढ़ेगा भ्रष्टाचार
दिल्ली
गुड्स ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन के चेयरमैन मनजिंदर पाल सिंह ने कहा कि सरकार
ने कुछ दिन पहले ही ट्रांसपोर्टर्स को ओवरलोडिंग में 5 प्रतिशत रियायत देने
का ऐलान किया था, लेकिन अब इस फैसले से ट्रांसपोर्टर्स को भारी नुकसान
होगा। वहीं भ्रष्टाचार और अपराध को भी बढ़ावा मिलेगा। इसी प्रकार दिल्ली
गुड्स ट्रांसपोर्टर्स आॅगेर्नाइजेशन के अध्यक्ष राजेंदर कपूर का कहना है कि
इस तरह के फैसले ट्रांसपोर्टर्स के लिए घातक साबित होंगे। इससे महंगाई की
मार पूरा देश झेलने को मजबूर होगा। वहीं टोल
प्लाजाओं पर भ्रष्टाचार बढ़ेगा।
19Jan-2016
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