सड़कों के बुनियादी सुधार पर 11 हजार खर्च करेगी सरकार
ओ.पी. पाल. नई दिल्ली।
दुनियाभर
के देशों के मुकाबले सबसे ज्यादा भारत में होने वाली सड़क दुर्घटनाओं से
चिंतित मोदी सरकार के सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने कई ठोस योजनाएं
शुरू की हैं। सरकार ने यह भी माना है कि सड़क दुर्घटनाओं से हर साल 60 हजार
करोड़ यानि तीन प्रतिशत जीडीपी का नुकसान हो रहा है। इन सड़क हादसों को
रोकने की दिशा में देशभर में दुर्घटनाग्रस्त जगहों को चिन्हित करके उनके
बुनियादी ढांचों में सुधार के लिए सरकार ने 11 हजार रुपये खर्च करने की
योजना बनाई है।
देशभर में इस साल मनाए जा रहे ‘सड़क सुरक्षा
सप्ताह’ में सरकार ने सड़क हादसों पर अंकुश लगाने के अभियान को फोकस किया
गया है। स्वयं केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने
माना है कि देश में सड़क दुर्घटनाओं का सीधा प्रभाव जीडीपी दर पर पड़ रहा है।
मसलन तीन प्रतिशत जीडीपी का हर साल नुकसान का अनुमान लगाया गया है। सड़क
हादसों के कारण हर साल होने वाले करीब 60 हजार करोड़ रुपये से बिगड़ती
अर्थव्यवस्था को सुधारने के लिए मंत्रालय ने दुर्घटनाग्रस्त स्थानों का चयन
करके उनके बुनियादी ढांचे में सुधार करके सुरक्षित बनाने के लिए अगले पांच
साल में 11 हजार करोड़ रुपये खर्च करने का खाका तैयार किया गया है। इसके
अलावा सरकार ने सड़क हादसों में ज्यादा से ज्यादा कमी लाने के लिए कई अन्य
ठोस कदम उठाते हुए योजनाओं को भी पटरी पर उतारा है। इन योजनाओं में सड़क
इंजीनियरिंग में सुधार, μलाईओवर तथा अंडरपास का निर्माण आदि जैसे अन्य कदम
भी उठाये जा रहे हैं।
एक युद्ध से भी ज्यादा मौतें

सड़क सुरक्षा प्राधिकरण बनेगा
केंद्रीय
सड़क परिहवन मंत्री नितिन गडकरी ने ऐलान किया है कि इस दिशा में सड़क
सुरक्षा प्राधिकरण का गठन किया जाएगा और सड़क परिवहन एवं सुरक्षा विधेयक
जल्द ही संसद में पेश किया जाएगा। केंद्र सरकार सड़क सुरक्षा के संकल्प में
देश की जनता को भागीदार बनाकर अगले पांच वर्षों में सड़क
दुर्घटनाओं की संख्या में 50 प्रतिशत कमी करने का प्रयास कर रही है।
मंत्रालय का कहना है कि यदि संसद में सड़क परिवहन एवं सुरक्षा विधेयक पारित
होता है तो सड़क सुरक्षा संबन्धी ज्यादातर समस्याओं का समाधान हो जाएगा,
जिसमें विदेशी तकनीक और तौर-तरीकों को अपनाते हुए सुधारात्मक प्रावधान
शामिल किये गये हैं।
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