शनिवार, 2 जनवरी 2016

हाइवे ट्रक लूट पर बनेगी विशेष योजना!


राज्यों की मदद से जल्द तैयार होगा सुरक्षा नेटवर्क
ओ.पी. पाल.
नई दिल्ली।
देश में सड़कों का जाल बिछाने की कवायद के साथ सुरक्षित सफर बनाने के लिए भी केंद्र सरकार ने खासकर  राष्ट्रीय राजमार्गो पर बढ़ती जा रही ट्रक जैसे वाहनों की लूट पर अंकुश लगाने के लिए भी एक विशेष योजना का खाका तैयार किया है। केंद्र सरकार इस योजना को आगामी मार्च तक लागू करने की तैयारी में है, जिसमें राज्यों की पुलिस की मदद से एक सुरक्षा नेटवर्क तैयार किया जा रहा है।
केंद्र सरकार ने देश में राष्ट्रीय राजमार्गो के निर्माण की सड़क परियोजनाओं को पटरी पर उतारा है, जिसमें सरकार ने सड़क पर सफर करने वाले वाहनों और लोगों की सुरक्षा को भी प्राथमिकता पर रखा है। दरअसल राजमार्गो पर रात्रि के समय चलने वाले ट्रकों और उनमें लदे माल की लूट की वारदातों के मद्देनजर केंद्र सरकार ने इस विशेष योजना का खाका तैयार किया है। सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के अनुसार ट्रक लूट की वारदातों पर लगाम कसने की दिशा में गृह मंत्रालय के साथ मिलकर बनाई जा रही इस विशेष योजना में राज्यों की सरकारों और पुलिस के समन्वय से एक तकनीकी सुरक्षा नेटवर्क बनाने के तहत एक ऐसा साफ्टवेयर तैयार किया जा रहा है, जो कंप्यूटर के जरिए इस विशेष योजना को कारगर बनाएगा। केंद्र सरकार और राज्य सरकार के समन्वय से ट्रक लूट की घटनाओं पर लगाम कसने के लिए बनने वाली इस तकनीकी आधारित विशेष योजना से हाइवे राबरी पर अंकुश लगने की उम्मीद है।
कैसी होगी विशेष योजना
केंद्र सरकार की इस विशेष योजना में विकसित किये जा रहे साफ्टवेयर के जरिए हाइवे पर होने वाली लूट जैसी वारदातों और उसे अंजाम देने वाले अपराधियों का डाटा तैयार हो सकेगा। वहीं अपराधियों के हुलिए और फिंगर प्रिंट भी कंप्यूटर के डाटा बैंक में होंगे। इस योजना के जरिए खासकर राज्यों की सीमा के पुलिस अधिकारियों का टेलीफोन और इंटरनेट सिस्टम के तहत गृह मंत्रालय से भी संपर्क बना रहेगा। ऐसी तकनीकी योजना के जरिए लूट के शिकार ट्रक चालकों का संदेश की पहुंच पुलिस और इस कंप्यूटरीकृत सिस्टम तक हो जाएगी। केंद्र सरकार ने टोल बेरियर पर फोन सुविधा और व उच्चकोटि के कैमरे लगाने की व्यवस्था को इस योजना के दायरे में शामिल किया है। फिलहाल गृहमंत्रालय ने राज्यों की सरकारों को सुझाव दिया है कि वारदात होने पर पुलिस शून्य एफआईआर दर्ज करके बाद में उसे संबन्धित पुलिस थाना क्षेत्र को हस्तांतरित करने की पहल को आगे बढ़ाए।
ऐसे दिया जाता है लूट का अंजाम
गृह मंत्रालय के सूत्रों की माने तो राष्ट्रीय राजमार्गो और अन्य सड़क मार्गो पर ट्रक चालक लुटेरों की वारदात में सबसे आसान लक्ष्य होता हैं। अभी तक की वारदातों के तथ्यों में ट्रक और उसमें लदे माल को लूटे जाने की वारदात दो राज्यों की सीमाओं पर ज्यादा हुई हैं, जहां दोनों राज्यों की पुलिस को गुमराह होती नजर आई है। गृह मंत्रालय के मुताबिक ट्रक चालकों के साथ लूट जैसे अपराधों में 20 से 22 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है। गृह मंत्रालय भी मानता है कि राष्टÑीय राजमार्गो के विस्तार के साथ ऐसी वारदातों पर रोक लगाना जरूरी है, ताकि सड़क मार्ग के सफर को सुरक्षित बनाया जा सके। केंद्र सरकार ने ट्रक मालिकों और ट्रांसपोर्टरों की इस चिंता पर इस योजना को विकसित करने का फैसला किया है।
02Jan-2016

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