रविवार, 3 जनवरी 2016

अब कैदियों के मुद्दे पर उलझे भारत-पाक!


भारतीय जेलों में बंद 189 पाक कैदी गायब!
सूची के आदान-प्रदान के बाद हुआ खुलासा
ओ.पी. पाल. नई दिल्ली।
भारत और पाकिस्तान के बीच रिश्तों की जमी बर्फ को पिघलाकर वार्ता को पटरी पर चढ़ाने का प्रयास चल ही रहा है कि इसी कवायद में जैसे ही दोनों देशों के बीच ‘रेड सिग्नल’ ने दस्तक दे दी। मसलन नए साल पर दोनों देशों ने एक-दूसरे देशों की जेलों में बंद अपने-अपने कैदियों की सूची का आदान-प्रदान किया। इसमें हैरानी की बात सामने आई कि पाकिस्तान ने भारत को जिन कैदियों की सूची सौंपी है उसमें सूचीबद्ध 189 पाक कैदी किसी भी भारतीय जेल में बंद ही नहीं हैं।
विदेश मंत्रालय के अनुसार भारत और पाकिस्तान के बीच गंभीर मुद्दों पर चर्चा के लिए 25 जनवरी को ही सचिव स्तर की वार्ता तय हुई है। दोनों देश करीब आठ साल पुराने के समझौते के तहत हर साल दो बार एक-दूसरे देश के कैदियों को रिहा करने की परंपरा निभाते आ रहे हैं। भारत और पाकिस्तान ने शुक्रवार को इसी कूटनीतिक के तहत शुक्रवार को नए साल में दोनों देशों के एक-दूसरे देश की जेलों में बंद कैदियों की रिहाई के लिए सूचियों का आदान प्रदान किया है। पाकिस्तान से भारत को मिली पाक कैदियों की सूची की जांच पड़ताल की गई तो उस सूची में 189 पाक कैदियों का भारत की किसी भी जेल में बंदी होने का कोई रिकार्ड नहीं है। इस पर पाक की आंखे तिरछी हुई और उसने आरोप लगाया है कि भारत में पाकिस्तान के 460 कैदी बंद है, जिनमें 113 मछुआरे भी शामिल हैं। जबकि भारत के पास पाक कैदियों की सूची में 17 मछुआरों समेत कुल 271 पाक कैदी हैं। दोनों देशों की पाक कैदियों की सूची में विरोधाभास होने पर पाक ने साफ कर दिया है कि वह इस मुद्दे को इस माह के अंत में इस्लामाबाद में होने वाली भारत-पाकिस्तान के विदेश सचिवों की बैठक में उठाएगा।
पाक जेलों से गायब आठ भारतीय 
सूत्रों के अनुसार भारत को पाक से मिली भारतीय कैदियों की सूची में आठ भारतीय कैदियों के नाम नहीं है, जिनके नाम भारत ने पाक को सौंपे हैं। विदेश मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार पाकिस्तान की जेल से लापता सभी आठ भारतीय कैदी उत्तर प्रदेश के बांदा जिले के बताये गये हैं। हालांकि इसका खुलासा पिछले साल फरवरी में पाक से रिहा होकर अपने वतन लौटे बांदा के सात कैदियों ने भी किया था। भारत पहुंचे इन कैदियों ने यह भी खुलासा किया था कि पाकिस्तान की जेलों में बंद भारतीय कैदियों की किडनी निकालकर उन्हें मौत के घाट उतार कर उनकी मौत का कारण बीमारी बताया जाता है। सूत्रों के अनुसार मरने वाले भारतीय कैदियों को जेल में ही दफना दिया जाता है।
03Jan-2016

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