सोमवार, 11 जनवरी 2016

सड़क हादसों रोकने पर आगे बढ़ी सरकार!

12 हजार करोड़ की योजना को अंतिम रूप
ओ.पी. पाल. नई दिल्ली।
देशभर में कल सोमवार से सड़क सुरक्षा सप्ताह की शुरूआत हो रही है। इससे पहले ही सड़कों पर होने वाले हादसों को रोकने के लिए लगातार कवायद में जुटी केंद्र सरकार ने 12 हजार करोड़ की सड़क सुरक्षा योजना को अंतिम रूप देकर शुरू करने का फैसला लिया है।
दरअसल सड़कों पर होने वाली दुर्घटनाओं को लेकर होने वाली मौतों के मामले में पूरी दुनिया में भारत अव्वल रहा है। इसी कलंक को मिटाने के लिए केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने केंद्रीय सड़क परियोजनाओं में राज्यों के समन्वय से सड़क सुरक्षा को प्राथमिकता पर रखा है और सड़क हादसों पर अंकुश लगाने के लिए मंत्रालय में विशेषज्ञों के परामर्श से लगातार जारी अध्ययन के बाद जो तथ्य सामने आए हैं उसका खाका तैयार करके एक सड़क सुरक्षा योजना तैयार की गई है। मंत्रालय के अनुसार सरकार की इस योजना में राज्यों की सरकारों और पुलिस रिकार्ड की मदद से देश में दुर्घटनाग्रस्त क्षेत्रों को चिन्हित किया जा रहा है, जिसके आधार पर राजमार्गो के डिजाइन को सुरक्षित करने का काम शुरू किया जा रहा है। केंद्र सरकार द्वारा कराये गये अध्ययन में वाहन चालकों की मानवीय चूक को भी शामिल किया गया है, खासकर लंबा सफर करने वाले ट्रक या बस चालकों की सहूलियमों को भी योजना में शामिल किया गया है। मंत्रालय के अनुसार इसके लिए पहले ही केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ऐलान कर चुके हैं कि राष्‍ट्रीय राजमार्गो और प्रमुख राजमार्गो व सड़कों के किनारे ट्रक चालकों के लिए सभी बुनियादी सुविधाओं के साथ विश्राम गृह बनाने की योजना शुरू कर दी गई है।
क्या है सरकार की योजना
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने पिछले सप्ताह ही ऐलान किया है कि सड़क हादसों को रोकने की सडक सुरक्षा योजना के तहत मंत्रालय द्वारा चलाए गये अभियान के तहत देशभर राष्ट्रीय राजमार्गों पर संभावित और दुर्घटनाग्रस्त क्षेत्रों की पहचान कर ली गई है। ऐसे राजमार्गों में जरूरी सड़क सुधार करके सरकार ने 12 हजार करोड़ रुपए की योजना को अंतिम रूप दे दिया है। इस योजना के तहत सरकार ने ट्रकों और बसों में एयर कंडीशनिंग चालक केबिनों को अनिवार्य करने का निर्णय किया है, जिसके तहत घंटों काम करने वाले चालकों को आसानी होगी ओर ज्यादा सतर्कता से अपना वाहन चला सकेंगे। उनका कहना है कि सरकार इस योजना में कम से कम देश की सड़कों पर होने वाले हादसों को आधा करने का प्रयास करेगी। मंत्रालय के अनुसार हालांकि सरकार के नए सड़क परिवहन एवं सुरक्षा विधेयक में भी सख्त प्रावधान किये गये हैं, जो अभी तक संसद में लंबित है।
स्वास्थ्य दल होंगे तैयार
सड़क एवं परिवहन मंत्रालय के अनुसार केंद्रीय मंत्री गडकरी की इस योजना में मंत्रालय मोटरसाइकिल सवार पैरामेडिकल कर्मियों की ऐसी टीमे तैयार करने पर भी विचार कर रहा है, जो सड़क हादसे की स्थिति में मोटरसाइकिल से फौरन मौके पर पहुंचकर घायलों को प्राथमिक उपचार देगी। केंद्र के नए सड़क सुरक्षा विधेयक के कानूनों में राज्यों को भी अधिकार दिये गये है, जो सड़क हादसों को रोकने में अपनी योजनाओं को भी अपना सकेंगे।
सड़क सुरक्षा सप्ताह शुरु
नई दिल्ली। केंद्र सरकार देश में हो रहे सड़क हादसों पर अंकुश लगाने की दिशा में पूरे देश में आम लोगों के बीच जागरुकता पैदा करने के लिए सोमवार से सड़क सुरक्षा सप्ताह का आयोजन कर रही है। सोमवार को नई दिल्ली में इंडिया गेट से केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह इस अभियान की आत करते हुए ˜वॉकथॉन को हरी झंडी दिखाएंगे। सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के प्रवक्ता ने यह जानकारी देते हुए बताया कि दिल्ली में इंडिया गेट से एक वॉकथॉन का आयोजन होगा, जिसे केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी की मौजूदगी में केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह हरी झंडी देकर रवाना करेंगे। इस दौरान छात्रों, ड्राइवरों के माध्यम से विभिन्न गतिविधियों का आयोजन करके सड़क दुर्घटनाओं के कारणों तथा उन्हें रोकने के विभिन्न उपायों पर प्रकाश डाला जाएगा।  इन गतिविधियों में सड़क सुरक्षा से संबंधित बैनर, रोड चिह्न् और पोस्टर शामिल हैं। सड़क सुरक्षा सप्ताह के कार्यक्रमों में विभिन्न हितधारकों में राज्य सरकारों के विभिन्न विभाग, यातायात पुलिस, वाहन निमार्ता, ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन, सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम और कोरपोरेट हिस्सा ले रहे हैं। सड़क सुरक्षा सप्ताह के एक भाग के रूप में मंत्रालय यातायात पुलिस और सोसायटी फॉर इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्यूफैक्चर्स (एसआईएएम) के सहयोग से सड़क सुरक्षा सप्ताह कार्यक्रम में आम जनता की भागीदारी को सक्रिय बनाने के लिए 11 जनवरी से 16 जनवरी तक देशभर में चलाया जाएगा। मंत्रालय के अनुसार केंद्र सरकार सड़कों की इंजीनियरिंग में सुधार करके और नागरिकों के लिए जागरुकता अभियान के द्वारा राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा नीति के कार्यान्वयन हेतु सक्रिय कदम उठा रही है। हालांकि सरकार का मानना है कि केंद्र द्वारा अकेले किए जा रहे प्रयास तभी सफल होंगे, जब देश के आम नागरिकों की भागीदारी होगी और सड़क सुरक्षा को एक सामाजिक आंदोलन बनाया जाए।
11Jan-2016

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