पठानकोट आतंकी हमले से मिला नया सबक
एलईडी-हाईमास्ट फ्लैग के साथ लगेंगे सीसीटीवी कैमरे
ओ.पी. पाल. नई दिल्ली।
केंद्र
सरकार ने पठानकोट एयरबेस आतंकी हमले के बाद भारत-पाक सीमाओं से होने वाली
आतंकियों और अन्य अपराधियों की घुसपैठ रोकने की मजबूत योजना बनाने का फैसला
किया है। इसके लिए सरकार पाक से लगती भारतीय सीमाओं पर एलईडी और फ्लड
लाईटिंग को और ज्यादा सघन करने के साथ घुसपैठ के प्रयासों पर सख्त निगरानी
रखने के लिए हाई रिजोल्यूशन वाले सीसीटीवी कैमरे भी लगाने की योजना है।
केंद्र
सरकार ने पठानकोट एयरबेस पर आतंकी हमले से सबक लेते हुए अब भारत-पाक सीमा
पर घुसपैठ को रोकने की दिशा में गंभीर और मजबूत इंतजाम करने के लिए कमर कसी
है। भारत-पाकिस्तान को विभाजित करने वाली पंजाब फ्रंटियर की 550 किलोमीटर
लंबी सीमा पर दुश्मनों की ज्यादा घुसपैठ होती रही है। गृह मंत्रालय के
सूत्रों के अनुसार भारत-पाक सीमा पर लगी फ्लडलाईटों को एलईडी में बदलने के
बजाए इस रोशनी को और भी ज्यादा व्यापक करने के लिए ज्यादा लाइटें लगाई
जाएगी। वहीं पाकिस्तान से लगी जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, पंजाब,
राजस्थान, महाराष्ट्र और गुजरात की करीब दो हजार किलोमीटर तक की सीमा इस
व्यवस्था के साथ कंटीली बाडबंदी को भी मजबूत किया जाएगा। इसमें समुद्री
तटों को भी ज्यादा सुरक्षित करने की तैयारी शुरू की जा रही है। भारत-पाक
सीमा के रास्ते भारतीय सुरक्षा की चिंता को दूर करने के लिए सरकार ने
लाईटिंग तेज करने के साथ सीमाओं पर सुरक्ष चौकियों के अलावा बाडबंदी के
खंभों पर भी सीसीटीवी कैमरों से निगरानी रखने का खाका बनाना शुरू कर दिया
गया है। मंत्रालय का कहना है कि सरकार की योजना है कि भारत-पाकिस्तान को
विभाजित करने वाली पंजाब फ्रंटियर की 550 किलोमीटर लंबी सीमा पर खासतौर से
रात्रि के समय होने वाली घुसपैठ को रोकने पर जोर है। इस तकनीकी योजना के
लिए तेज रोशनी के साथ ऐसे अति आधुनिक यानि हाई रिजोल्यूशन वाले सीसीटीवी
कैमरों की की तकनीक को विकसित किया गया है, जिनकी मदद से सीमा पर निगरानी
होने के साथ वहां होने वाली गतिविधियों को दिल्ली मुख्यालय में भी बैठकर
देखा जा सकता है।
सुरक्षा मजबूत करने का होगा फायदा
मंत्रालय
के सूत्रों की माने तो भारत-पाक सीमा पर स्थापित पुलिस और सुरक्षा बलों की
चेक पोस्टों को तेज रोशनी के साथ हाई रिजोल्यूशन वाले सीसीटीवी कैमरों से
लैस करने से सीमा चैकियों से गुजरने वाले वाहनों पर नजर रखने में भी आसानी
होगी। वहीं सुरक्षा अधिकारियों को अपनी अधीनस्थ सुरक्षा अधिकारियों व
कर्मचारियों पर नजर रखने में भी मदद मिलेगी। मसलन सुरक्षा व्यवस्था कायम
रखने में भी चुस्ती बनाई जा रखी जा सकेगी। कैमरों से सीमाओं पर होने वाली
हर गतिविधियों का डाटा नियंत्रण कक्ष में रिकार्ड बनेगा तो किसी भी घटना के
बारे में जांच करना भी आसान हो जाएगा।
05Jan-2016
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