
ओ.पी. पाल. नई दिल्ली।
प्रधानमंत्री
नरेन्द्र मोदी की अगुवाई में केंद्र की राजग सरकार देश के बुनियादी ढांचे
को मजबूत करने की योजनाओं से हटकर अब नये रोडमैप का सहारा लेगी, ताकि
सामाजिक क्षेत्र के सामने बन रही नकारात्मक छवि को निखारा जा सके। दरअसल
मोदी सरकार को अभी तक कारपोरेट जगत की हितैषी बताकर विपक्ष अपने निशाने पर
लिये हुए था।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में सामाजिक
क्षेत्र में कामकाज के बेहतर संचालन, समावेशी विकास, रोजगार सृजन, शिक्षा
एवं स्वास्थ्य, स्वच्छ भारत और ऊर्जा दक्षता जैसे क्षेत्रों पर फोकस करने
के लिए सचिवों के आठ समूहों का गठन किया है, जो इन क्षेत्रों में ऐसे
निर्णायक बदलावों के रोडमैप तैयार करेंगे। सामाजिक जन-जीवन को सुधारने की
दिशा में प्रधानमंत्री ने सभी सचिवों को नतीजे देने तथा निर्णायक बदलाव
लाने को जोरदार तरीके से काम करने का भी आग्रह किया है। सामाजिक जीवन स्तर
को सुधारने की कवायद में स्वास्थ्य क्षेत्र सरकार की प्राथमिकता पर होगा।
सूत्रों के अनुसार गठित किये गये सचिवों के इन समूहों को सामाजिक क्षेत्र
में आमूल-चूल परिवर्तन को अंजाम देने वाली परियोजनाओं का रोडमैप इसी महीने
पीएमओ को देना है, ताकि परियोजनाओं का खाका तैयार करके उसे आगामी बजट में
शामिल किया जा सके। दरअसल अभी तक अपने 18 माह के कार्यकाल में मोदी सरकार
ने देश के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने वाली परियोजनाओं के जरिए देश की
अर्थव्यवस्था को भी पटरी पर लाने का प्रयास किया गया है। इसी कारण कारपोरेट
जगत की हितैषी होने का ठप्पा लगने से विपक्ष मोदी सरकार पर निशाना साधता
रहा है। हालांकि सत्ता में आने के बाद केंद्र सरकार ने सभी क्षेत्रों के
लिए योजनाओं को पटरी पर उतारने का दावा किया है, लेकिन अब मोदी सरकार ने
अपने रोडमैप की दिशा सामाजिक क्षेत्र की ओर मोड़ते हुए विपक्ष को माकूल जवाब
देने का रास्ता चुना है।
स्वास्थ्य भारत का संकल्प
सूत्रोें
के अनुसार मोदी सरकार ने स्वच्छ भारत की तर्ज पर स्वस्थ्य-भारत के संकल्प
के साथ स्वास्थ्य क्षेत्र पर फोकस करते हुए जहां बीपीएल परिवारों को सरल
बीमा योजना देने पर जोर दिया है। वहीं दूर दराज और ग्रामीण क्षेत्रों में
स्वास्थ्य केंद्रों और चिकित्सकों व स्वास्थ्यकर्मियों की कमी को दूर करने
की योजना भी बनेगी। सूत्रों की माने तो सरकार विशेषज्ञ चिकित्सकों की
सेवानिवृत्ति विस्तार की योजना भी बना रही है। वहीं सेवानिवृत्त विशेषज्ञ
चिकित्सकों के साथ सरकारी अस्पतालों में सप्ताह में एक दिन निजी क्षेत्र के
विश्ोषज्ञ चिकितसकों और पैरा मैडिकल स्टॉफ की सेवा लेने की योजना का खाका
तैयार हो रहा है। इसके अलावा देश को स्वस्थ्य बनाने की योजना में सरकार
विदेशों में सेवा दे रहे भारतीय चिकित्सकों को स्वदेश लौटने के लिए
प्रोत्साहित कर रही है। दर असल सरकार ने स्वास्थ्य क्षेत्र को सामाजिक
क्षेत्र की जीवन रेखा मानते हुए मौजूदा आंकड़ो की समीक्षा भी की है, जो
दुनिया के मुकाबले बेहद चिंताजनक है।
अभी तक के नतीजे का रहेगा इंतजार
सूत्रों
के अनुसार प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अभी तक विकास के एजेंडे पर देश
में कमजोर अर्थव्यवस्था के बावजूद बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के लिए जिस
तरह की परियोजनाओं के जाल को बिछाया है, जिसके नतीजे आने वाले दो-तीन साल
में सबके सामने आने की सरकार को उम्मीद है। इसलिए सरकार ने अब संसद के बजट
सत्र में कुछ नया करके सामाजिक क्षेत्र के जीवनस्तर को सुधारने का बीड़ा
अपने हाथ में लिया है।
20Jan-2016
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