प्रवासियों की तर्ज
पर
पांच
सौ
करोड़
रुपये
का
करेंगे
निवेश
हरिभूमि ब्यूरो.
नई
दिल्ली।
गंगा एवं सहायक
नदियों
की
स्वच्छता
के
लिए
केंद्र
सरकार
के
महत्वाकांक्षी
कार्यक्रम
‘नमामि
गंगे’
की
विभिन्न
परियोजनाओं
के
तहत
विकास
के
लिए
भारतीय
कारोबारियों
और
उद्योग
जगत
ने
भी
उसी
प्रकार
500 करोड़
रुपये
निवेश
करने
का
भरोसा
दिया
है,
जिस
प्रकार
पिछले
सप्ताह
ब्रिटेन
में
भारतीय
कारोबारियों
ने
पांच
अरब
डॉलर
का
निवेश
करने
के
लिए
समझौते
किये
थे।
केंद्रीय जल संसाधन
एवं
सड़क
परिवहन
मंत्री
नितिन
गडकरी
के
आव्हान
पर
नमामि
गंगे
मिशन
के
तहत
गंगा
नदी
के
किनारे
विभिन्न
स्थानों
पर
घाट,
नदी
के
तटों,
श्मशान
और
पार्क
जैसी
सुविधाओं
के
विकास
के
लिए
भारतीय
करोबारियों
ने
करीब
500 करोड़
रुपये
का
निवेश
करने
का
फैसला
किया
है।
यह
जानकारी
देते
हुए
जल
संसाधन
मंत्रायल
के
प्रवक्ता
ने
बताया
कि
गुरुवार
को
मुंबई
में
केंद्रीय
मंत्री
नितिन
गडकरी
ने
मुंबई
में
उद्योग
एवं
व्यापार
जगत
के
संगठनों
के
साथ
‘नमामि
गंगे’
मिशन
को
लेकर
बैठक
की,
जिसमें
गडकरी
कारोबारी
नेताओं
से
गंगा
को
साफ
करने
के
लिए
मिशन
में
भागीदारी
करने
की
अपील
की।
इस
मौके
पर
जल
संसाधन
राज्य
मंत्री
सत्यपाल
सिंह
ने
भी
निवेश्कों
को
आकर्षित
करते
हुए
कहा
कि
भारतीयों
के
लिए
गंगा
सिर्फ
एक
नदी
नहीं
है,
बल्कि
यह
एक
बहती
सभ्यता
है।
भारतीयों
के
लिए
गंगा
ने
सदा
ही
सबसे
महत्वपूर्ण
पवित्र
नदी
का
प्रतिनिधित्व
किया
है।
गंगा
नदी
के
किनारे
कई
धार्मिक
केंद्र
विकसित
हुए
हैं।
जल
एक
तत्व
के
रूप
में
सृजन,
विघटन,
उर्वरता
एवं
सफाई
के
साथ
प्रतीकात्मक
रूप
से
जुड़ा
हुआ
है
और
यह
व्यापक
भारतीय
सांस्कृतिक
आस्था
में
निहित
है।
मिशन नहीं जनांदोलन
मंत्रालय के अनुसार
इस
दौरान
केंद्रीय
मंत्री
गडकरी
ने
इस
बात
पर
जोर
देते
हुए
कहा
कि
गंगा
को
स्वच्छ
करना
एक
मिशन
नहीं,
बल्कि
जनांदोलन
बनना
चाहिए।
उन्होंने
कहा
कि
दुनियाभर
के
कई
निजी
व्यक्तियों
और
संस्थाओं
ने
भी
गंगा
की
सफाई
के
लिए
समर्थन
देते
हुए
निवेश
करने
का
भरोसा
दिया
है
,तो
ऐसे
में
भारतीयों
को
इस
जनांदोलन
में
अपनी
भागीदारी
करने
से
वंचित
नहीं
रहना
चाहिए।
उन्होंने
कहा
कि
गंगा
नदी
को
प्रदूषण
से
निजात
दिलाने
के
मकसद
से
सरकार
ने
सख्त
कानून
भी
बनाने
की
तैयारी
कर
चुकी
है
जिसके
लिए
एक
विधेयक
संसद
में
लंबित
है।
उन्होंने
भारतीय
कारोबारियों
को
ब्रिटेन
में
नमामि
गंगे
मिशन
पर
आयोजित
एक
रोड
शो
में
भारतीय
उद्योग
जगत
द्वारा
नमामि
गंगे
में
दिलचस्पी
लेते
हुए
पांच
अरब
डॉलर
का
निवेश
करने
की
प्रतिबद्धता
के
लिए
समझौतों
पर
हस्ताक्षर
किये
हैं।
निजी वित्तपोषित परियोजनाएं
केंद्रीय जल संसाधन
मंत्री
नितिन
गडकरी
का
कहना
है
कि
गंगा
स्वच्छता
के
नमामि
गंगे
कार्यक्रम
के
तहत
विभन्न
घाट,
शवदाहगृह,
पानी
के
झरने,
पार्क,
स्वच्छता
सुविधाएं,
सार्वजनिक
सुविधाएं
और
नदी
के
मुहाने
विकसित
करने
से
संबंधित
2500 करोड़
रुपये
से
भी
ज्यादा
राशि
की
लागत
वाली
परियोजनाओं
के
निजी
वित्त
पोषण
के
रूप
में
प्रयास
किये
जा
रहे
हैं
और
इसके
लिए
कारोबारियों
का
आगे
आना
इस
बात
का
प्रमाण
है
कि
इस
कार्यक्रम
को
पूरा
करने
के
लक्ष्य
को
हासिल
करना
कोई
मुश्किल
नहीं
होगा।
निजी
वित्त
पोषण
के
लिए
इस
मिशन
में
हिस्सेदारी
करने
वालों
की
सुविधा
के
लिए
मंत्रालय
ने
परियोजनाओं
की
एक
सांकेतिक
सूची
एक
पुस्तिका
के
रूप
में
प्रकाशित
की
गई
है,
जिसे
राष्ट्रीय
स्वच्छ
गंगा
मिशन
(एनएमसीजी)
की
वेबसाइट
पर
भी
ई-बुकलेट
के
रूप
में
अपलोड
किया
गया
है।
सरकार
कारोबारी
समुदाय
से
नमामि
गंगे
मिशन
में
भाग
लेने
की
अपील
कर
रही
है,
ताकि
वे
अपनी
पसंदीदा
परियोजनाओं
का
वित्त
पोषण
करें
और
इस
तरह
गंगा
को
स्वच्छ
करने
का
मार्ग
प्रशस्त
हो
सके।
08Dec-2017
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें