शुक्रवार, 8 दिसंबर 2017

नमामि गंगे मिशन में आगे आए भारतीय कारोबारी

प्रवासियों की तर्ज पर पांच सौ करोड़ रुपये का करेंगे निवेश
हरिभूमि ब्यूरो. नई दिल्ली।
गंगा एवं सहायक नदियों की स्वच्छता के लिए केंद्र सरकार के महत्वाकांक्षी कार्यक्रमनमामि गंगेकी विभिन्न परियोजनाओं के तहत विकास के लिए भारतीय कारोबारियों और उद्योग जगत ने भी उसी प्रकार 500 करोड़ रुपये निवेश करने का भरोसा दिया है, जिस प्रकार पिछले सप्ताह ब्रिटेन में भारतीय कारोबारियों ने पांच अरब डॉलर का निवेश करने के लिए समझौते किये थे।
केंद्रीय जल संसाधन एवं सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी के आव्हान पर नमामि गंगे मिशन के तहत गंगा नदी के किनारे विभिन्न स्थानों पर घाट, नदी के तटों, श्मशान और पार्क जैसी सुविधाओं के विकास के लिए भारतीय करोबारियों ने करीब 500 करोड़ रुपये का निवेश करने का फैसला किया है। यह जानकारी देते हुए जल संसाधन मंत्रायल के प्रवक्ता ने बताया कि गुरुवार को मुंबई में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने मुंबई में उद्योग एवं व्यापार जगत के संगठनों के साथनमामि गंगेमिशन को लेकर बैठक की, जिसमें गडकरी कारोबारी नेताओं से गंगा को साफ करने के लिए मिशन में भागीदारी करने की अपील की। इस मौके पर जल संसाधन राज्य मंत्री सत्यपाल सिंह ने भी निवेश्कों को आकर्षित करते हुए कहा कि भारतीयों के लिए गंगा सिर्फ एक नदी नहीं है, बल्कि यह एक बहती सभ्यता है। भारतीयों के लिए गंगा ने सदा ही सबसे महत्वपूर्ण पवित्र नदी का प्रतिनिधित्व किया है। गंगा नदी के किनारे कई धार्मिक केंद्र विकसित हुए हैं। जल एक तत्व के रूप में सृजन, विघटन, उर्वरता एवं सफाई के साथ प्रतीकात्मक रूप से जुड़ा हुआ है और यह व्यापक भारतीय सांस्कृतिक आस्था में निहित है।
मिशन नहीं जनांदोलन
मंत्रालय के अनुसार इस दौरान केंद्रीय मंत्री गडकरी ने इस बात पर जोर देते हुए कहा कि गंगा को स्वच्छ करना एक मिशन नहीं, बल्कि जनांदोलन बनना चाहिए। उन्होंने कहा कि दुनियाभर के कई निजी व्यक्तियों और संस्थाओं ने भी गंगा की सफाई के लिए समर्थन देते हुए निवेश करने का भरोसा दिया है ,तो ऐसे में भारतीयों को इस जनांदोलन में अपनी भागीदारी करने से वंचित नहीं रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि गंगा नदी को प्रदूषण से निजात दिलाने के मकसद से सरकार ने सख्त कानून भी बनाने की तैयारी कर चुकी है जिसके लिए एक विधेयक संसद में लंबित है। उन्होंने भारतीय कारोबारियों को ब्रिटेन में नमामि गंगे मिशन पर आयोजित एक रोड शो में भारतीय उद्योग जगत द्वारा नमामि गंगे में दिलचस्पी लेते हुए पांच अरब डॉलर का निवेश करने की प्रतिबद्धता के लिए समझौतों पर हस्ताक्षर किये हैं।

निजी वित्तपोषित परियोजनाएं
केंद्रीय जल संसाधन मंत्री नितिन गडकरी का कहना है कि गंगा स्वच्छता के नमामि गंगे कार्यक्रम के तहत विभन्न घाट, शवदाहगृह, पानी के झरने, पार्क, स्वच्छता सुविधाएं, सार्वजनिक सुविधाएं और नदी के मुहाने विकसित करने से संबंधित 2500 करोड़ रुपये से भी ज्यादा राशि की लागत वाली परियोजनाओं के निजी वित्त पोषण के रूप में प्रयास किये जा रहे हैं और इसके लिए कारोबारियों का आगे आना इस बात का प्रमाण है कि इस कार्यक्रम को पूरा करने के लक्ष्य को हासिल करना कोई मुश्किल नहीं होगा। निजी वित्त पोषण के लिए इस मिशन में हिस्सेदारी करने वालों की सुविधा के लिए मंत्रालय ने परियोजनाओं की एक सांकेतिक सूची एक पुस्तिका के रूप में प्रकाशित की गई है, जिसे राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन (एनएमसीजी) की वेबसाइट पर भी -बुकलेट के रूप में अपलोड किया गया है। सरकार कारोबारी समुदाय से नमामि गंगे मिशन में भाग लेने की अपील कर रही है, ताकि वे अपनी पसंदीदा परियोजनाओं का वित्त पोषण करें और इस तरह गंगा को स्वच्छ करने का मार्ग प्रशस्त हो सके।
08Dec-2017


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