सभी टोल
प्लाजाओं पर आज से अनिवार्य हुआ ई-टोल कलेक्शन
हरिभूमि ब्यूरो. नई दिल्ली।
देशभर में
राष्ट्रीय राजमार्गो पर तमाम टोल प्लाजाओं पर ई-टोल संग्रहण प्रणाली अनिवार्य हो
जाएगी। वहीं अब कोई भी वाहन कंपनी बिना फास्टैग के किसी नए चार पहिया वाहन को नहीं
बेच सकेंगे। यानि अब हर नया चार पहिया वाहन फास्टैग से लैस होकर सड़क पर आएगा।
केंद्र सरकार
ने देशभर के सभी 370 टोल प्लाजाओं पर ई-टोल संग्रहण प्रणाली को अनिवार्य करने और
एक दिसंबर से वाहन कपंनियों को फास्टैगयुक्त चार पहिया वाहन बेचने की अनिवार्यता
के लिए गत दो नवंबर को एक अधिसूचना के साथ दिशानिर्देश जारी कर दिये थे। केंद्रीय
सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के अनुसार इस राजपत्र अधिसूचना के लिए मंत्रालय
की ओर से केंद्रीय मोटर वाहन नियम 1989 की संशोधित धारा 138ए का हवाला देते हुए
वाहन निर्माता कंपनियों स्पष्ट आदेश दिये गये हैं कि वे नए वाहनों को कंपनी से बाहर
निकलने से पहले ही फास्टैग से लैस करना सुनिश्चत करें। मसलन अब कल एक दिसंबर से
कोई भी चार पहिया वाहन बिना फास्टैग के नहीं खरीदा जा सकेगा। अधिसूचना में जारी
दिशानिर्देशों के तहत बिना विंड स्क्रीन के ड्राइव अवे चेसिस के रूप में बेचे जाने
वाले वाहनों के मामले में वाहन मालिक द्वारा उसके पंजीकरण कराए जाने से पूर्व उनमें
फास्टैग फिट करना अनिवार्य होगा। मंत्रालय के अनुसार इसका मकसद टोल प्लाजाओं पर
लगने वाली वाहनों की लंबी कतारों के कारण समय की बर्बादी और परेशानियों को दूर
करना है। सरकार का लक्ष्य वर्ष 2019 तक 80 फीसदी वाहनों को फास्ट टैग युक्त करने
का है। मंत्रालय के अनुसार फास्ट टैग मोबाइल एप पर भी उपलब्ध है और इसके अलावा एसबीआई
समेत देश के लगभग सभी बड़े बैंक टोल प्लाजाओं पर भी बिक्री के लिए फास्टैग मुहैया हो
सकेंगे। एनएचएआई के अनुसार फास्टैग की मियाद 5 साल तक होगी, जिसे प्रीपेड एकाउंट से
लिंक करने पर वाहन चालक को समय-समय पर इसे रीचार्ज कराना होगा।
वाहनों को यह होगा लाभ
केंद्र
सरकार की टोल प्लाजाओं पर ई-टोल संग्रहण के लिए शुरू की गई इस योजना से वाहन
मालिकों को फायदा होगा। इसके तहत जब वाहन किसी भी टोल प्लाजा से गुजरता है तो वहां
वाहन चालक को रुककर टोल देने की जरूरत नहीं होगी। फास्टैग लगे वाहन टोल प्लाज से
बिना रूके अपने गणतंव्य के लिए जा सकेंगे। वाहन पर लगे फास्टैग जरिए टोल प्लाजा पर
फास्टैग लेन में घुसते ही टोल टैक्स का भुगतान प्रीपेड या संबंध बचत खाते से स्वत:
ही कट जाएगा। यानि ऐसे वाहनों को टोल देने के लिए ठहरने की जरूरत नहीं होगी।
लाखों वाहनों में लगे फास्टैग
मंत्रालय
के अनुसार केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने टोल प्लाजाओं को
इलैक्ट्रॉनिक संग्रहण प्रणाली से जोड़ने के लिए सभी हितधारकों को इस संबन्ध में
दिशानिर्देश जारी कर दिये है और इसके लिए पहले ही अधिसूचना जारी करके टोल पर
ई-कलैक्शन करना अनिवार्य किया है। मंत्रालय के अनुसार इस अधिसूचना के बाद फास्टैग
से लैस वाहनों की संख्या में तेजी से इजाफा हुआ है। अब तक देशभर में 7.50 लाख से
ज्यादा चार पहिया वाहनों में फास्टैग लग चुके हैं, जिनकी संख्या मार्च 2018 तक 25
लाख से भी ज्यादा होने की संभावना है।
क्या है फास्टैग
फास्टैग रेडियो
फ्रिक्वेंसी टैग की तरह है, जिसे वाहन की स्क्रीन यानि अगले शीशे पर लगाया जाता है।
फास्टैग जैसे उपकरण में रेडियो फ्रीक्वेंसी पहचान आरएफआईडी प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल
किया गया है। मंत्रालय के अनुसार इलेक्ट्रॉनिक टोल वसूलने की दिशा में नेशनल हाइवे
के प्रत्येक टोल प्लाजा पर ‘फास्टैग लेन’ बनना अनिवार्य है। टोल प्लाजा की इस लेन से
केवल उन्हीं वाहनों को जाने की अनुमति होगी, जिन पर इलेक्ट्रॉनिक टोलिंग के लिए स्मार्ट
टैग ‘फास्टैग’ लगा होगा। ऐसे वाहन जब फास्टैग लेन से गुजरेंगे तो उनके खाते से टोल
की राशि का स्वत: ही भुगतान होकर पहले टोल संचालक और बाद में रोड डेवलपर के खाते में
चली जाएगी। जिसके जरिए टोल प्लाजा पर
फास्टैग लेन में घुसते ही फास्टैग लेग वाहन के टोल टैक्स का भुगतान प्रीपेड या संबंध
बचत खाते से स्वत: ही कट जाएगा। यानि ऐसे वाहनों को टोल देने के लिए ठहरने की
जरूरत नहीं होगी।
01Dec-2017
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