गुरुवार, 7 दिसंबर 2017

कारों की स्पीड पर शिकंजा कसने की तैयारी



वाहन निर्माताओं को जल्द जारी होगी दिशानिर्देशों की अधिसूचना
हरिभूमि ब्यूरो. नई दिल्ली।
देश में सड़क हादसों को रोकने की दिशा में कई योजनाओं पर काम कर रही केंद्र सरकार ने नई कारों की खरीद में फास्टैग की अनिवार्यता करने के बाद अब उनकी गति पर शिकंजा कसने की योजना है। इसके लिए तैयारी के तहत जल्द ही अधिसूचना जारी की जा सकती है, जिसमें तमाम श्रेणी की कारों में सीट बेल्ट रिमांइडर के अलावा स्पीड वॉर्निंग सिस्टम जैसे कई फीचर अनिवार्य कर दिया जाएगा।
केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के सूत्रों ने जानकारी दी है कि दुनियाभर में सड़क सुरक्षा को लेकर अपनायी जा रही तकनीक को भारत में भी अपनाने के प्रयास किये जा रहे हैं। इसके लिए खासकर दुनियाभर के देशों के मुकाबले सबसे ज्यादा भारत में हो रही सड़क दुर्घटनाओं को लेकर केंद्र सरकार चिंतित है। देश की परिवहन व्यवस्था को सुरक्षित परिवहन में बदलने की कवायद में सख्त प्रावधान वाला नया मोटर वाहन विधेयक संसद में लंबित है। इसके अलावा सरकार अधिसूचनाओं के जरिए नियमों में बदलाव करने में जुटी हुई है। मंत्रालय के एक अधिकारी ने हरिभूमि को बताया कि सरकार की यह कवायद देश पर लगे सर्वाधिक सड़क हादसों पर अंकुश लगाने के मकसद से की जा रही है, जिसके तहत आगामी एक जनवरी से सभी ट्रकों के कैबिन एयर कंडीशनर बनाने के लिए अधिसूचना जारी की गई और राष्ट्रीय राजमार्गो पर टोल प्लाजाओं पर सफर को आसान बनाने के लिए गत एक दिसंबर से फास्टैग लगी नई कारो की बिक्री अनिवार्य की गई है। इसी दिशा में मंत्रालय में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने सड़कों पर चलने वाले वाहनों की गति पर लगाम लगाने के लिए विशेषज्ञों के विचार विमर्श के लिए कारों की अधिकतम गति 80 किमी प्रति घंटा तक लाने की योजना बनाई है। सूत्रों ने बताया कि मंत्रालय की योजना के तहत देश में चलने वाली सभी प्रकार की कारों में एयरबैग, सीट बेल्ट रिमांइडर, स्पीड वॉर्निंग सिस्टम, रिवर्स पार्किंग सेंसर, मैनुअल ओवराराइड जैसे सिस्टम अनिवार्य कर दिया जाएगा। हालांकि यह प्रणाली वाहन निर्माताओं की सुविधा को देखते हुए वर्ष 2019 तक लागू करने की योजना है, लेकिन देश में कारों का निर्माण करने वाली वाहन कंपनियों को कारों में इस प्रणाली से लैस करने संबन्धी दिशानिर्देशों के लिए जल्द ही अधिसूचना जारी करने के लिए मसौदा तैयार किया जा चुका है।
लग्जरी कारों में लागू
मंत्रालय के अनुसार देश में फिलहाल लग्जरी और महंगी कारों में ही सुरक्षा संबंधी इन मानकों का इस्तेमाल हो रहा है, लेकिन अन्य कारों में गति का कोई पैमाना नहीं है। इसलिए केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने भारत में होने वाली सड़क दुर्घटनाओं को कम करने की दिशा में इस योजना को लागू करने का निर्णय लिया है। सूत्रों के अनुसार रिवर्स पार्किंग के दौरान होने वाली दुर्घटनाओं को कम करने के लिए कारों में रिवर्स पार्किंग अलर्ट दिया जाएगा। कार जब रिवर्स गियर में पीछे जा रही होगी तक ड्राइवर को रियर मॉनिटरिंग रेंज के हिसाब से पता चलता रहेगा कि पीछे कोई ऑब्जेक्ट है या नहीं। परिवहन मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक एयरबैग और रिवर्स पार्किंग सेंसर्स को हल्के व्यवसायिक वाहनों के लिए भी अनिवार्य किया जाएगा। इस अधिसूचना के तहत कंपनी से बाहर आने वाली नई कारों में ऐसी प्रणाली लागू होगी, जो कार की गति को 80 किलोमीटर प्रति घंटा से अधिक होने पर ऑडियो अलर्ट मिलेगा और 100 किलोमीटर प्रति घंटा से अधिक गति होने पर इस अलर्ट की आवाज और भी तेज होती जाएगी। विशेषज्ञों के अनुसार पावर फेल्योर की स्थिति में अगर सेंट्रल लॉकिंग सिस्टम ने काम करना बंद कर दिया तो मैनुअल ओरवाराइड सिस्टम से ड्राइवर और पैसेंजर्स आसानी से कार के बाहर निकल सकेंगे।
07Dec-2017


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