रविवार, 24 दिसंबर 2017

सचिन तेंदुलकर भाषण में रोड़ा बनी कांग्रेस


हंगामे के कारण स्थगित करनी पड़ी रास की कार्यवाही
हरिभूमि ब्यूरो. नई दिल्ली।
दुनिया के महानतम क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर राज्यसभा सांसद के रूप में गुरुवार को पहली बार सदन में भाषण करने के लिए सियासी पिच पर उतरे, लेकिन कांग्रेस का हंगामा उनके भाषण का रोड़ा बना और वे अपना भाषण करने से वंचित रह गये। इस कारण सचिन सदन में ‘भारत में खेल का अधिकार और खेल-कूद का भविष्य’ पर अल्पकालिक चर्चा की शुरूआत करने के लिए खड़े ही रह गये और हंगामे के कारण सदन की कार्यवाही स्थगित हो गई।
राज्यसभा की कार्यवाही जैसे ही शुरूआती स्थगन के बाद दोपहर बाद दो बजे शुरू हुई तो संसद के शीतकालीन सत्र में गुरुवार को सचिन तेंदुलकर की पहली उपस्थिति थी, जो अल्पकालिक चर्चा में अपना पहला भाषण करने आए थे। सभापति एम. वेंकैया नायडू ने सदन को इस बारे में अवगत कराते हुए कहा कि सचिन तेंडुलकर सदन में अपना पहला भाषण करेंगे और उन्होंने उनका नाम पुकारते हुए अल्पकालिक चर्चा की शुरूआत करने को कहा। तभी कांग्रेस के सदस्यों ने पीएम मोदी से माफी मांगने का मुद्दा उठाते हुए नारेबाजी शुरू कर दी और सचिन करीब 10 मिनट तक अपनी सीट पर बोलने के इरादे से खड़े रहे, लेकिन हंगामा थमने का नाम ही नहीं ले रहा था। नायडू ने हंगामा करते सदस्यों को सचिन तेंदुलकर जैसी शख्सियत का भारत रत्न जैसी विशेषताओं का हवाला देते हुए नसीहत देते हुए उन्हें शांत होने की अपील भी की, लेकिन कांग्रेस सदस्यों पर इस अपील का कोई प्रभाव नहीं हुआ। सचिन तेंडुलकर अपनी पत्नी अंजलि के साथ गुरुवार को राज्यसभा पहुंचे थे। आखिर संसद में हंगामे के कारण सदन की कार्यवाही शुक्रवार तक स्थगित कर दी गई है।
इन मुद्दो पर था भाषण
सांसद के रूप में सचिन तेंदुलकर को अल्पकालिक चर्चा में सचिन देश में खेल और खिलाड़ियों को लेकर व्यवस्था, ओलंपिक की तैयारियों और किस तरह भारतीय खिलाड़ी दुनियाभर में अच्छा प्रदर्शन कर सकते है इस पर भाषण देना था। इसके अलावा उनके भाषण में इस बात पर भी जोर दिया जाना था कि जो खिलाड़ी देश के लिए मेडल जीतते हैं, उन्हें रिटायरमेंट के बाद काफी कम पैसा मिलता है। सचिन स्कूली शिक्षा में खेल को एक सिलेबस के तौर पर पेश किए जाने की भी बात करनी थी। संसद में पीएम मोदी से लगातार माफी की मांग कर रहे विपक्ष ने गुरुवार को भी अपना हंगामा जारी रखा। स्थिति यहां तक आ गई कि सदन में पहली बार बोलने के लिए खड़े हुए सचिन तेंडुलकर बिना बोले ही बैठ गए। हंगामे के कारण सदन की कार्यवाही शुक्रवार तक स्थगित कर दी गई है।
जया ने की आलोचना
सदन में सचिन तेंदुलकर को बोलने से वंचित करने वाले कांग्रेस सदस्यों की आलोचना करते हुए सपा सांसद जया बच्चन ने कहा कि यह दुर्भाग्य है कि जिस कांग्रेस ने सचिन तेंदुलकर को राज्यसभा सदस्य मनोनीत किया और उन्हें  सर्वोच्च सम्मान भारत रत्न से नवाजा है उसी कांग्रेस ने उन्हें सदन में बोलने से रोकने का काम किया है। भाजपा के प्रकाश जावडेकर, प्रभात झा और अन्य दलों के नेताओं ने भी इस बात पर सहमति जताई कि कांग्रेस सदस्यों को हंगामा करने से पहले सचिन को बोलने दिया जाना चाहिए था।
22Dec-2017

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