
संसद में
प्रशस्त हुआ विधेयक पारित होने का रास्ता
ओ.पी. पाल. नई दिल्ली।
देश में
बढ़ते सड़क हादसों पर अंकुश लगाने के लिए परिवहन व्यवस्था को दुरस्त करने वाले नए
मोटर वाहन विधेयक के मौजूदा संसद
सत्र में पारित होने की उम्मीद बढ़ गई है। संसद में अटके इस विधेयक पर राज्यसभा की
प्रवर समिति की पेश हुई रिपोर्ट में की गई सिफारिशों पर केंद्र सरकार ने काम करना
शुरू कर दिया है।
केंद्रीय
सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के अनुसार संसद में अटके इस नए मोटर वाहन(संशोधन)
विधेयक की जांच पड़ताल करके राज्यसभा की प्रवर समिति ने अपनी रिपोर्ट सदन में पेश
कर दी है, जिसकी सिफारिशों पर मंत्रालय ने तत्काल तेजी से काम करना शुरू कर दिया
है, ताकि इस विधेयक को संसद के मौजूदा सत्र में पारित कराया जा सके। संसद में पेश
की गई रिपोर्ट के बाद केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि परिवहन व्यवस्था को
दुरस्त करने खासकर सड़को पर हो रहे हादसों पर अंकुश लगाने की दिशा में इस सख्त
कानूनी प्रावधान वाले नए कानून पर संसदीय समिति की रिपोर्ट का इंतजार था, जिसमें
दिये गये महत्वपूर्ण सुझाओं और सिफारिशों को प्रावधानों में समायोजित करने पर काम
शुरू कर दिया है और उम्मीद है कि इस नए मोटर वाहन विधेयक को मौजूदा सत्र में ही
पारित करा लिया जाएगा। नए सड़क सुरक्षा कानून को लागू करने के लिए सड़क सुरक्षा के
लिए काम करने वाली देश की विभिन्न संस्थाओं का भी लगातार सरकार पर दबाव है, जिनके
मत संसदीय समिति ने भी हासिल करके रिपोर्ट में इंगित किये हैं। केंद्र सरकार के इस
नए कानूनी प्रावधानों का समर्थन करते हुए सड़क सुरक्षा पर कार्य करने वाली संस्था
कंज्यूमर वॉयस के सीओओ असीम सान्याल ने कहा कि सड़क हादसों और यातायात नियमों को दुरस्त
करने के लिए इसे लागू करना जरूरी है।
क्या हैं समिति की सिफारिशें
राज्यसभा
की प्रवर समिति ने रिपोर्ट में सड़क सुरक्षा को मजबूत बनाने लिए नए कानून को लागू कराने
वाले यातायात पुलिसकर्मियों तथा आरटीओ कार्यालय के अधिकारियों को शरीर पर धारण किए
जाने वाले वियरएबल कैमरों से लैस करने का सुझाव दिया है। समिति ने अपराधों को डिजिटल
रूप में संग्रहीत तथा नियंत्रण कक्ष में निगरानी की जाने की भी सिफारिश की है। समिति
का मत है कि इससे भ्रष्टाचार पर अंकुश लगेगा और प्रवर्तन एजेंसियों की मनमानी भी रोकी
जा सकेगी। हालांकि प्रवर समिति ने नए मोटर वाहन (संशोधन) विधेयक की समीक्षा के बाद
इस कानून को बिना किसी संशोधन के लागू करने की सिफारिश की है। मंत्रालय के एक
अधिकारी ने बताया कि समिति की इस राय से केंद्रीय सड़क मंत्रालय को इस विधेयक को
इसी सत्र में पेश करने का मौका मिलेगा और नए कानून को नए साल से लागू करना संभव हो
सकेगा। समिति ने यह भी स्वीकार किया है कि इस विधेयक में राज्यों के अधिकारों का कोई
हरण नहीं करता है। समिति ने वाहनों का डीलरों से पंजीकरण कराने की सिफारिश की है और
आरटीओ पर वाहनों को पेश नहीं करने की सिफारिश की है।
राज्यसभा में अटका
संसद के बजट
सत्र में 10 अप्रैल को लोकसभा से पारित हो चुके नए मोटर वाहन अधिनियम (संशोधन) विधेयक
राज्यसभा में आकर अटक गया था, जिसे मानसून सत्र कई बार पेश करने का प्रयास के
बावजूद राज्यसभा में अटका हुआ था, जिसे आम सहमति बनाने के बाद भाजपा सांसद डा. विनय सहस्रबुद्धे की अध्यक्षता में
गठित की गई 24 सदस्य प्रवर समिति को सौंप दिया गया था, जिसने अपनी रिपोर्ट
राज्यसभा में सभापति को सौंप दी है। इस विधेयक को पारित कराने के लिए संसदीय समिति
की रिपोर्ट पेश कराने के लिए सड़क सुरक्षा पर कार्य करने वाली संस्था कंज्यूमर
वॉयस के सीओओ असीम सान्याल के नेतृत्व में पिछले सप्ताह ही सिटीजन कंजयूमर एंड
सिविल एक्शन ग्रुप, कंज्यूमर यूनिटी एंड ट्रस्ट सोसायटी तथा सामाजिक संस्था परिसर
आदि ने संयुक्त रूप से राज्यसभा के सभापति एम. वेंकैया नायडू को एक पत्र भेजकर
हस्तक्षेप करने की मांग की थी।
24Dec-2017
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