भारत पड़ोसी
देशों से व्यापार बढ़ाने की तैयारी में सरकार
केंद्र
सरकार की पडोसी देशों के अलावा आसियान देशों के साथ व्यापार बढ़ाने की दिशा में
संपर्क राजमार्ग बनाने की दिशा में अंतर्राष्ट्रीय सड़क राजमार्ग के रूप में
कॉरिडोर बनाने की परियोजनाएं चला रही है। इसी दिशा में सरकार अब
भारत-म्यांमार-थाईलैंड यानि आईएमटी त्रिपक्षी संपर्क राजमार्ग की परियोजना को
वियतनाम तक विस्तार देने की योजना बना रही है।
केंद्रीय
सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के अनुसार भारत-म्यांमार और थाईलैंड (आईएमटी)
संपर्क राजमार्ग के लिए पहले ही त्रिपक्षीय समझौता किया जा चुका है। जबकि इसी
प्रकार सरकार ने भारत-नेपाल-भूटान व बांग्लादेश के बीच व्यापार के प्रोत्साहन देने
की दिशा में राजमार्ग के रूप में कॉरिडोर की योजना को आगे बढ़ा रही है। इसमें
पिछले साल भारत और बांग्लादेश के बीच मालवाहक ट्रक का आवागमन हो भी चुका है। मंत्रालय
के एक वरिष्ठ अधिकारी संयुक्त सचिव दक्षिता दास ने हरिभूमि को बताया कि भारत अपने हाइवे
कॉरिडोर्स को अंतरराष्ट्रीय ट्रेड पॉइंट्स से जोड़ने के अलावा कई ऐसी सड़क परियोजनाएं
भी पूरी करेगा, जिनका मकसद भारत की दक्षिण एशियाई और आसियान देशों के साथ अंतर्राष्ट्रीय
संपर्क बेहतर हो सकेगा। भारत-म्यांमार-थाईलैंड (आईएमटी त्रिपक्षीय संपर्क) राजमार्ग
का वियतनाम तक विस्तार करने की योजना को भी इसी दायरे में शामिल किया जा रहा है। मंत्रालय
के अनुसार भारत-म्यांमार-थाईलैंड तक 1360 किलोमीटर के आईएमटी राजमार्ग का वियतनाम तक विस्तार करने के लिए भारत की आसियान
देशों के साथ इस परियोजना पर कई दौर की बातचीत हो भी चुकी है और इस पर सहमति बनते
ही करार कर लिया जाएगा।
मंत्रालय
के अनुसार भारत सरकार की इस परियोजना के लिए सकारात्मक संकेत मिल रहे हैं।
मंत्रालय के अधिकारी के अनुसार हाल ही में सीआईआई द्वारा आयोजित आसियन-भारत संपर्क
शिखर सम्मेलन में भी इस राजमार्ग के विस्तार की योजना पर भारत की आसियान देशों के
साथ चर्चा हुई है। ऐसी परियोजना से भारत का पडोसी देशों के साथ व्यापार को बढ़ावा
मिलेगा। ऐसी संपर्क सुविधाओं से सकल घरेलू उत्पाद यानि जीडीपी में इजाफे की ज्यादा
संभावनाएं होंगी। गौरतलब है कि दक्षिण पूर्व एशियाई राष्ट्रों के संघ आसियान में 10
सदस्य देश इंडोनेशिया, मलेशिया, फिलीपींस, सिंगापुर, थाईलैंड, ब्रुनेई दारुस्सलाम,
वियतनाम, लाओ पीडीआर, म्यांमार और कंबोडिया शामिल हैं।
उधर
केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी का कहना है कि पड़ोसियों के साथ व्यापार
को बेहतर बनाने की दिशा में भारत माला परियोजना के हिस्से के रूप में दो हजार किमी
लंबे हाइवे बनाने का खाका तैयार किया जा चुका है, जो नेपाल और बांग्लादेश की सीमा
तक पहुंच बनाएंगे। इस परियोजना पर भारत 25 हजार करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान
है। इस परियोजना के तहत बनने वाले कॉरिडोर के जरिए भारत को नेपाल, भूटान, बांग्लादेश
और म्यांमार के साथ व्यापार को सुगम बनाने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि यह परियोजना
5.35 करोड़ रुपये लागत वाली 'भारतमाला परियोजना' के तहत पूरी की जाएगी, जिसमें
भारत बड़े हाइवे कॉरिडोर्स को अंतरराष्ट्रीय ट्रेड पॉइंट्स से जोड़ने की योजना पर
काम कर रहा है। गडकरी ने कहा कि भारतमाला की कुल लागत, 5.35 करोड़ रुपये में से
2.37 करोड़ रुपये केंद्रीय रोड फंड से, 2.05 लाख करोड़ रुपये बाजार से उधार लेकर,
34 हजार करोड़ रुपये हाइवे प्रॉजेक्ट्स के मुद्रीकरण से और 60 हजार करोड़ रुपये बजट
आवंटन से आएंगे।
25Dec-2017
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