सोमवार, 18 दिसंबर 2017

महंगा पड़ेगा निजी वाहनों का व्यवसायिक इस्तेमाल



केंद्र सरकार ने राज्यों को जारी किये दिशानिर्देश
ओ.पी. पाल. नई दिल्ली। 
देश की परिवहन व्यवस्था को दुरस्त करने में जुटी केंद्र सरकार लगातार सख्त नियमों को लागू करने का सिलसिला जारी रखे हुए है, जिसमें अब फरमान जारी किया गया है कि निजी वाहनों का व्यवसायिक इस्तेमाल करने वालों के खिलाफ कार्रवाही की जाएगी।
केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के अनुसार अब ऐसे निजी वाहनों पर शिकंजा कसने के लिए मंत्रालय ने एक दिशानिर्देश जारी किया है कि परिवहन व्यवस्था के सुधार के लिए जारी प्रयासों में निजी वाहनों का कॉमर्शियल इस्तेमाल भी एक बड़ी अड़चन है, जिसके कारण सड़क हादसों का अंदेशा भी बना रहता है। मंत्रालय के एक अधिकारी का कहना है कि मंत्रालय ने सभी राज्यों के परिवहन विभाग को सभी एआरटीओ (प्रवर्तन) को ऐसे वाहनों की सघन चैंकिंग करने संबन्धी दिशानिर्देश जारी करते हुए कहा है कि निजी वाहनों के कॉमर्शियल इस्तेमाल से जहां यातायात नियमों का उल्लंघन हो रहा है, वहीं कर की चोरी भी हो रही है इसलिए ऐसे निजी वाहनों के व्यवसायिक इस्तेमाल अंकुश लगाया जाए। इसके लिए ऐसे वाहन स्वामियों के खिलाफ कार्यवाही करने का प्रावधान भी दिशानिर्देशों में किया गया है। मंत्रालय के अनुसार राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में पडोसी राज्यों से कर की चोरी को अंजाम देते हुए ऐसे निजी वाहनों की संख्या बढ़ रही है। वहीं खासकर औद्योगिक क्षेत्रों में स्थापित संस्थानों से लेकर अन्य संस्थानों तक निजी वाहनों का व्यवसायिक इस्तेमाल किया जा रहा है। मंत्रालय में ऐसी शिकायतों के आधार पर जहां पांच और सात सीटर निजी वाहनों का ऐसी गतिविधियों में इस्तेमाल हो रहा है, वहीं दो पहिया वाहनों का भी कॉमर्शियल इस्तेमाल हो रहा है। मंत्रालय ने संसद में लंबित नए मोटर वाहन कानून में निजी वाहनों के कॉमर्शियल वाहनों का इस्तेमाल करने के लिए सख्त प्रावधान किये हैं, जिसमें ऐसे वाहनों को कॉमर्शियल वाहनों के लाइसेंस के दायरे में शामिल किया जाएगा।
राजस्व की हानि
मंत्रालय के मुताबिक निजी वाहनों के कॉमशियल इस्तेमाल के कारण सरकार को प्रति माह लाखों रुपये के कर की चपत भी लग रही है, व्यवसायिक इस्तेमाल करने वाले निजी वाहनों में कुछ स्कूल बसे और कैब भी शामिल हैं जो बिना कॉमर्शियल लाइसेंस के बच्चों को लाने-लेजाने का काम कर रही है। इसलिए सरकार ने अब निजी वाहनों के कॉमर्शियल इस्तेमाल पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है।
दो पहिया वाहन भी रडार पर
मंत्रालय के अनुसार ऐसे दो पहिया वाहनों पर भी कार्यवाही करने के दिशा निर्देश है जो पीछे बकायदा कंटेनर बनवाकर बेकरी संबन्धी फैलावट वाला सामान, सब्जी, छोटे नॉन वेज अथवा जीवित मुर्गे आदि लादकर चलते हैं। मौजूदा मोटर अधिनियम के अनुयार दो पहिया वाहनों का कमर्शियल इस्तेमाल भी प्रतिबंधित है। इस संबन्ध में ऐसे दो पहिया वाहनों खासकर फास्ट फूड संस्थानों द्वारा चलाई जा रही गतिविधियों को कॉमर्शियल दायरे में लाने की योजना है, ताकि  कमर्शियल तौर पर चल रहे दो पहिया वाहनों पर शिकंजा कसा जा सके।
क्या हो सकती है कार्यवाही
मंत्रालय के अनुसार मौजूदा लागू मोटर वाहन कानून के तहत यदि कोई निजी वाहन को कमर्शियल गतिविधि में इस्तेमाल करता है तो उसके स्वामी पर बिना परमिट सवारी या सामान ढोने के मामले में धारा 207 के तहत कार्रवाई की जाएगी। इसके साथ ही कानूनी प्रावधान के तहत उसका वाहन भी जब्त करके वाहन मालिक से जुर्माना भी वसूला जाता है। इसके अलावा धारा 56 के तहत ऐसे वाहन का पंजीकरण निलंबित या समाप्त करने करने की कार्यवाही करने का भी प्रावधान है।
चार पहिया प्राइवेट वाहनों का कमर्शियल उपयोग करने पर तो परिवहन विभाग सख्त कार्रवाई करता है जिसके तहत 4 पहिया वाहनों को इम्पऊंड करके मालिकों से जहाँ जुर्माना वसूला जाता है, वहीं दो पहिया वाहन, जो कहीं भी कमर्शियल तौर पर उपयोग करने के लिए अधिकृत नहीं हैं, का धड़ल्ले से कमर्शियल प्रयोग किया जा रहा है। दो पहिया वाहनों के कमर्शियल उपयोग से जहाँ सरकार को करोड़ों रुपए के राजस्व का नुक्सान हो रहा है वहीं इनके कारण हादसों में भी बढ़ौतरी होती हैं। बढ़ते शहरीकरण के चलते शहर में खुले अनेक पिजा हट्स, ढ़ाबे आदि लोगों की माँग पर खाद्य पदार्थ उनके घरों में पहुंचाने का कार्य करते हैं।

दो पहिया वाहन भी रडार पर
मंत्रालय के अनुसार ऐसे दो पहिया वाहनों पर भी कार्यवाही करने के दिशा निर्देश है जो पीछे बकायदा कंटेनर बनवाकर बेकरी संबन्धी फैलावट वाला सामान, सब्जी, छोटे नॉन वेज अथवा जीवित मुर्गे आदि लादकर चलते हैं। मौजूदा मोटर अधिनियम के अनुयार दो पहिया वाहनों का कमर्शियल इस्तेमाल भी प्रतिबंधित है। इस संबन्ध में ऐसे दो पहिया वाहनों खासकर फास्ट फूड संस्थानों द्वारा चलाई जा रही गतिविधियों को कॉमर्शियल दायरे में लाने की योजना है, ताकि  कमर्शियल तौर पर चल रहे दो पहिया वाहनों पर शिकंजा कसा जा सके।
10Dec-2017

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