शुक्रवार, 1 दिसंबर 2017

लंदन में रोड शो में हुई नमामी गंगे की गूंज



ब्रिटेन में भारतीयों ने किया 5 अरब डॉलर का निवेश
हरिभूमि ब्यूरो. नई दिल्ली।
मोदी सरकार की महत्वाकांक्षी परियोजना ‘नमामि गंगे मिशन’ के तहत गंगा स्वच्छता के लिए चलाई जा रही परियोजनाओं को दिशा देने के लिए ब्रिटेन में भारतीय मूल के कारोबारियों और उद्योगपतियों द्वारा पांच अरब डॉलर का निवेश किया जाएगा।
यह जानकारी देते हुए केंद्रीय जल संसाधन मंत्रालय ने बताया कि ब्रिटेन के दौरे पर गये केंद्रीय जल संसाधन, सड़क परिवहन  एवं जहाजरानी मंत्री नितिन गडकरी ने लंदन में भारतीय समुदाय को संबोधित करते हुए भारतीय मूल के उद्योगों और कंपिनयों से गंगा के सफाई अभियान को सफल बनाने के लिए परियोजनाओं में निवेश का आव्हान किया। इस दौरान लंदन में ब्रिटेन में भारतीय उच्च आयोग और गंगा सफाई राष्ट्रीय अभियान द्वारा आयोजित रोड शो में वहां के भारतीय उद्योग जगत यानि संयुक्त गणराज्य में भारतीय कारोबारियों, एनआरआई और पीआईओ ने नमामि गंगे मिशन के तहत गंगा किनारे सुविधाओं को विकसित करने वाली परियोजनाओं के लिए पांच बिलियन डॉलर से भी अधिक निवेश करने की वचनबद्धता केंद्रीय मंत्री गडकरी को दी है। भारतीय कारोबारियों ने नमामि गंगे अभियान के तहत ही घाटों, नदियों के अहातों, श्मशान घाटों और पार्कों जैसी सुविधाएं जुटाने के लिए यह निवेश करने का फैसला किया है।
इन कंपनियों ने निवेश पर करार
मंत्रालय के अनुसार नमामि गंगे मिशन की परियोजनाओं में निवेश करने वाली भारतीय कंपनियों ने महत्वपूर्ण समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर भी किये हैं। इन करारों के पटना में गंगा नदी पर घाटों और सुविधाओं के लिए वेदांता समूह के अनिल अग्रवाल, कानपुर के लिए फोरसाइट समूह के रवि मल्होत्रा, हरिद्वार के लिए हिंदुजा समूह, कोलकाता के लिए इंडो रामा समूह के प्रकाश लोहिया ने समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं। करारों के तहत नमामि गंगे की परियोजनाओं का विकास, निर्माण तथा परिचालन इन कारोबारियों द्वारा अपने सीएसआर कार्यकलापों के तहत किया जाएगा। वहीं लंदन वाटर केल्टिक रेनुएबल्स, मेडिफार्म, एनएचवी प्रौद्योगिकियां और अरकाताप सहित कई कंपनियों के साथ नदी सफाई हेतु नवीन प्रौद्योगिकियों के लिए समझौता ज्ञापनों पर भी हस्ताक्षर किये गए। इनके अलावा कई कंपनियों और व्यक्तिगत प्रवासियों ने 200 से अधिक परियोजनाओं की सूची में अपनी इच्छा से चयनित परियोजनाओं में निजी धन खर्च करने की सहमति दी है।
दस हजार करोड़ रुपये की दरकार
मंत्रालय के अनुसार नमामि गंगे कार्यक्रम के तहत घाटों, श्मशान घाटों, जलाशयों, पार्कों, स्वच्छता सुविधाओं, जन सुविधाओं और नदी अहातों के विकास आदि परियोजनाओं के लिए 10 हजार करोड़ रूपये से भी अधिक की की आवश्यकता है। इसके अलावा  2500 करोड रूपये से भी अधिक की परियोजनाओं के लिए धन को निजी स्रोतों से जुटाने की आवश्यकता महसूस की गई है। इस संबन्ध में मंत्रालय के तहत स्वच्छ गंगा राष्ट्रीय अभियान (एनएमसीजी) की वेबसाइट पर ई-बुकलेट के रूप में भी उपलब्ध होने की जानकारी दी गई, वहीं मंत्रालय की जारी एक पुस्तक को भी इस मौके पर जारी किया गया। 
01Dec-2017

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें