बुधवार, 27 दिसंबर 2017

नमामि गंगे मिशन में शामिल हुई चार सहायक नदियां



गंगा के साथ होगी गोमती, काली, हिंडन व राम गंगा की सफाई
हरिभूमि ब्यूरो. नई दिल्ली।
केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी परियोजना ‘नमामि गंगे मिशन’ के तहत गंगा स्वच्छता अभियान में अब गंगा के साथ यूपी की चार सहायक नदियों गोमती, काली, हिंडन व राम गंगा नदियों की सफाई के लिए भी परियोजनाएं शुरू की जाएगी।
केंद्रीय जल संसाधन मंत्रालय के अनुसार जिन सहायक नदियों को इस अभियान में शामिल किया गया है उन्हें साफ किये बिना गंगा नदी स्वच्छता अभियान को अंजाम देना मुश्किल था। इस सबंन्ध में मंत्रालय में सचिव और राष्ट्रीय गंगा स्वच्छ मिशन के निदेशक यूपी ने जानकारी दी कि नमामि गंगे मिशन के तहत चलाई जा रही परियोजनाओं में आ रही बाधाओं को दूर करने के लिए कराए गये एक अध्ययन में इस पहलुओं को शुरू करने की आवश्यकता महसूस की गई, जिसके बाद गंगा नदी के जल की धारा को अविरल बनाने की दिशा में यूपी की गोमती, काली, हिंडन व राम गंगा नामक सहायक नदियों को अभियान के दायरे में शामिल किया गया है। उन्होंने कहा कि गंगा स्वच्छ अभियान के तहत पहले चरण में इन चारों सहायक नदियों के तटों पर जलमल शोधन संयंत्र (एसटीपी) स्थापित किये जाएंगे। इसके लिए मंत्रालय में कैबिनेट नोट तैयार है जिसकी केंद्र सरकार से जल्द मंजूरी ली जाएगी, ताकि नमामि गंगे अभियान में तेजी लायी जा सके। जबकि गंगा नदी में जलमल शोधन संयंत्र लगाने को मंजूरी पहले ही दी जा चुकी हैं। मंत्रालय के अनुसार नमामि गंगे अभियान के दूसरे चरण में अन्य सहायक नदियों को इस मिशन का हिस्सा बनाया जाएगा।
औद्योगिक प्रदूषण बड़ी अडचन
मंत्रालय के सचिव का मानना है कि गंगा नदी की सहायक नदियों में औद्योगिक प्रदूषण एवं इनके तट पर स्थित शहरों से निकलने वाले कचरे से बढ़ते प्रदूषण स्वच्छता अभियान में सबसे बड़ी बाधा है। एक अध्ययन के बाद इस अभियान में शामिल करने के लिए काली और राम गंगा नदी के अलावा हिंडन व गोमती नदी को पहले चरण के लिए चिन्हित किया गया है। अध्ययन में नदियों में प्रदूषण का स्तर काफी बढ़ने के तथ्य सामने आए हैं, जिनमें शहरी कचर के अलावा नदियों के किनारे चीनी मिलों और अन्य कैमिकल उद्योगों का जहरीला जल इन नदियों में आकर गिरता है। हालांकि नमामि गंगे मिशन की शुरूआत में ही केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने 1109 ऐसे उद्योगों को चिन्हित किया था जो सर्वाधिक प्रदूषण फैलाने के लिए जिम्मेदार हैं, इनमें सर्वाधिक 400 की संख्या से भी ज्यादा कानपुर में हैं जहां चमड़ा उद्योग इस अभियान में सबसे बड़ी चुनौती के रूप में देखा गया है।  आंकड़ों से यह बात सामने आई है कि पिछले तीन साल में गंगा को साफ करने की 184 परियोजनाओं में से केवल 46 ही पूरी हो सकी है। लेकिन सरकार का कहना है कि इन परियोजनाओं पर कार्य जारी है और सरकार की प्रतिबद्धता में कोई कमी नहीं आई है। कई चीजें साथ साथ चल रही हैं।निविदा प्रक्रिया पूरा करना जरूरी है। इससे तकनीकी एवं वित्तीय पहलु जुड़े होते हैं। अनेक परियोजनाओं के संबंध में निविदा प्रक्रिया अंतिम चरण में है।

परियोजनाओं पर काम जारी
मंत्रालय के अधिकारियों ने बताया कि पिछले तीन वर्षो में पांच राज्यों उत्तराखंड, उत्तरप्रदेश, बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल में 123 नए घाटों का निर्माण किया गया है, साथ ही 65 नए श्मशान गृहों का भी निर्माण हुआ है। सतत रूप से नदी की साफ-सफाई सुनिश्चित करने की पहल की गई है। इस उद्देश्य के लिए मंत्रालय ने जल क्रांति अभियान शुरू किया है जिसके तहत गंगा गांव, जल मित्र और महिला मित्रों को जोड़ा जा रहा है।
27Dec-2017

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