रमजान
के दिनों में एक तरफा संघर्ष विराम को विस्तार नहीं
हरिभूमि ब्यूरो. नई दिल्ली।
केंद्र
सरकार ने पवित्र रमजान के महीने में आतंकवादियों के खिलाफ रोके गये अभियानों
सुरक्षा बल सख्ती के साथ फिर से शुरू करने का ऐलान किया है। गौरतलब है कि रमजान के
दिनों भी भी सीमापार से आतंकवादियों ने जम्मू-कश्मीर में अपने हमले जारी रखे,
जिसके कारण कई जवान शहीद हुए।
केंद्रीय
गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने रविवार को इबादत,
पवित्रता और अमन के महीने रमजान के दिनों में जम्मू-कश्मीर में 16 मई को जारी एकतरफा
संघर्ष विराम के फैसले को वापस ले लिया है। मसलन अब गृह मंत्रालय के इस ऐलान के
तहत जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा बलों का आतंकवादियों के खिलाफ फिर से आक्रामक
कार्रवाई के रूप में यह अभियान तेजी से चलता रहेगा। गृहमंत्री सिंह ने रमजान की शुरुआत में जम्मू-कश्मीर
में घोषित एकतरफा संघर्ष विराम की अवधि आगे न बढ़ाने का फैसला लिया, जिसमें सरकार
ने रमजान के दिनों में सुरक्षा बलों को जम्मू-कश्मीर की शांतिप्रिय जनता के हित में
आक्रामक कार्रवाही रोकने को कहा था, लेकिन आतंकवादियों की ओर से हमला करने का
करारा जवाब देने से भी इंकार नहीं किया था। रविवार को आतंकवादियों की गतिविधियों
को मुहंतोड़ जवाब देने के लिए जारी अभियान को तेज करने का ऐलान करते हुए कहा कि
रमजान के दिनों में सरकार क फैसले को सुरक्षा बलों ने जिस तत्परता से लागू किया है
उसी के अनुसार अब अभियान को भी उसी तत्परता लागू किया जा रहा है। गृहमंत्री ने कहा
कि सुरक्षा बलों को आदेश दिया जा रहा है कि वे पूर्वत: ऐसी सभी आवश्श्क कार्रवाइयां
करें, जिससे कि आतंकवादियों को हमले करने तथा हिंसक वारदातों को अंजाम देने से रोका
जा सके और लोगों की जान-माल की रक्षा की जा सके। केंद्र सरकार के प्रयास हैं कि जम्मू-कश्मीर
में आतंक और हिंसा से मुक्त वातावरण बनाया जा सके।
हरकतों से बाज नहीं आया पाक
राजनाथ
सिंह ने इस बात पर चिंता जताई कि रमजान के दिनों में भारत सरकार की इस सकारात्मक पहल
के बावजूद पाकिस्तान अपनी हरकतों से बाज नहीं आया और इन पवित्र दिनों में भी
जम्मू-कश्मीर में अपनी गतिविधियों को जारी रखा, जिसके कारण आम नागरिकों एवं सुरक्षा
बलों के लोगों की जानें गईं और कई लोग घायल भी हुए। इसी दौरान आतंकवादियों ने वरिष्ठ
पत्रकार शुजात बुखारी की श्रीनगर में गोली मारकर हत्या करके माहौल खराब करने का
प्रयास किया। इसके बावजूद केंद्र सरकार जम्मू-कश्मीर में आतंक एवं हिंसा मुक्त माहौल
बनाने को लेकर प्रतिबद्ध है।
इस साल मरे 55 आतंकी
गृह
मंत्रालय के अनुसार कश्मीर घाटी में इस साल 55 से अधिक आतंकवादी मारे गए। इसी साल
27 स्थानीय लोगों की भी जान गई। कश्मीर की स्थिति अत्यधिक गंभीर मानी जा रही है, क्योंकि
पिछले चार महीने में यहां करीब 80 हिंसक घटनाएं हुई हैं। श्रीनगर के बाहरी इलाके में
लासजान में कल आतंकवादियों ने सुरक्षा बलों पर गोलियां चलाई थी, जिसमें सीआरपीएफ का
एक जवान घायल हो गया था।
18June-2018
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