रविवार, 24 जून 2018

नई तकनीक से प्रदूषणमुक्त होंगी यमुना व घग्गर नदी




हरियाणा में जल शोधन परियोजनाओं का विस्तार
हरिभूमि ब्यूरो. नई दिल्ली।
केंद्र सरकार के नमामि गंगे मिशन के तहत गंगा व सहायक नदियों को प्रदूषणमुक्त कर साफ करने के लिए कई राज्यों के शहरों में सीवेज जल शोधन परियोजनाएं चल रही है। इसमें दिल्ली की यमुना और हरियाणा की घग्गर नदियों के सीवेज शोधन में नई तकनीक का इस्तेमाल करने की योजना है।
हरियाणा के लोक स्‍वास्थ्य इंजीनियरिंग विभाग द्वारा यहां नई दिल्ली में यमुना और घग्गर नदी में गिरने वाले गंदे पानी के सीवेज शोधन के लिए एक कार्यशाला आयोजित की गई। इसमें यमुना नदी के तट पर बसे शहरों खासकर हरियाणा के यमुनानगर, करनाल, पानीपत, सोनीपत तथा फरीदाबाद शहरों और उनके गांवों का डाटाबेस तैयार करने पर बल दिया गया। इसमें हरियाणा जल शोधन परियोजनाओं का विस्तार व जल शोधन प्रक्रियाओं को सक्षम करने के अलावा हरियाणा की घग्गर नदी को भी प्रदूषणमुक्त करने के लिए सीवेज परियोजना में तकनीकी इस्तेमाल करने की बात कही गई। इसी प्रकार हरियाणा में मलशोधन की वर्तमान स्थितियों, आवश्यकताओं, नदियों में शुद्ध पानी की निरंतरता व सीवरेज व्यवस्था के विस्तार करने पर विशेषज्ञों ने तकनीकी व्याख्यान दिए। इस मौके पर केंद्रीय जल संसाधन मंत्रालय के सचिव यूपी सिंह ने कहा कि गंगा की सहायक नदियों की सफाई का काम भी नमामि गंगे कार्यक्रम के तहत यमुना जैसी नदियों की परियोजनाओं पर कार्य शुरू कर दिया गया है। सिंह ने नदी की सफाई और जल संरक्षण के बारे में कहा कि भूजल को रिचार्ज करने, जलाशयों के संरक्षण जैसे कदम नदी संरक्षण के लिए महत्‍वपूर्ण हैं और इन पर कार्य किया जाना बेहद जरूरी है। उन्होंने यमुना नदी में प्रदूषण खत्म करने के लिए सीवेज शोधन में नई तकनीक पर भी चर्चा की। उन्होंने कहा कि हरियाणा समेत देश में भूजल के दोहन, नदियों में सीवरेज पानी निकासी, सतही जल प्रदूषण, मलशोधन संयंत्रों की क्षमताओं का पूर्ण उपयोग व अन्य मामलों में केंद्र सरकार पूर्ण सहयोग करेगी।
यमुना की सफाई पर करार
गंगा सफाई पर राष्‍ट्रीय मिशन के महानिदेशक राजीव रंजन मिश्रा ने कहा कि एनएमसीजी तथा इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन लिमिटेड के बीच हुए समझौते के तहत यमुना नदी के किनारे बसे मथुरा में गंदे जल की सफाई के बाद उसका फिर से उपयोग करने के मकसद से हाइब्रिड एन्यूटी मोड के अंतर्गत परियोयजना चलाई जा रही है। इस साफ किए गए पानी के फिर से इस्‍तेमाल के लिए रेल तथा विद्युत मंत्रालयों के साथ समझौते किये गये हैं। उन्होने कहा कि हाइब्रिड एन्‍यूटी–पीपीपी मोड के अंतर्गत ’एक शहर, एक संचालक’ की तर्ज पर परियोजनाएं विकसित करने में राष्‍ट्रीय मिशन तकनीकी सहायता देगा। कार्याशाला में कमांड एरिया डेवलेपमेंट अथॉरिटी के मुख्य अभियंता राजीव बंसल, केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड दिल्ली के अतिरिक्त निदेशक आरएम भारद्वाज, जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय के प्रो. सिराजुदूदीन अहमद ने अपशिष्ट जल शोधन तकनीकों के चयन की बात कही।
हरियाणा के इन अधिकारियों ने लिया हिस्सा
हरियाणा के जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव राजीव अरोड़ा ने कार्यशाला में मलशोधन प्रक्रियाओं में तकनीकी समाधानों के विस्तार पर बल देते हुए कहा कि इसके लिए हरियाणा को सभी विभागों व एजेंसियों के सहयोग की अपेक्षा है। कार्यशाला में हरियाणा के इंजिनीयर-इन चीफ मनपाल सिंह, हरियाणा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के पर्यावरण इंजिनीयर जेपी सिंह ने हरियाणा के सलाहकार हरमिल सिंह ने सिंचाई में शोधात्मक जल जैसे मुद्दो पर चर्चा की।
24June-2018

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