शनिवार, 2 जून 2018

अब विदेशी चंदे पर होगी सरकार की नजर!



गृहमंत्री राजनाथ ने लांच किया विश्लेषण टूल लॉन्च
हरिभूमि ब्यूरो. नई दिल्ली।
केंद्र सरकार ने देश में गैर सरकारी संस्थाओं पर पहले से कसे जा रहे शिकंजे के तहत अब इन संस्थाओं को विदेशों के मिलने वाले चंदे पर नजर रखने की योजना को पुख्ता कर दिया है, जिसमें विदेश चंदे की निगरानी के लिए एक ऑनलाइन विश्लेषण टूल शुरू किया गया है।
केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने शुक्रवार को यहां विदेशी योगदान (नियमन) अधिनियम-2010 के अंतर्गत विदेशी धन प्रवाह तथा इसके उपयोग की निगरानी के लिए एक ऑनलाइन विश्लेषण टूल की शुरूआत की है। वेब आधारित यह टूल सरकार के विभिन्न विभागों के अधिकारियों को विदेशी योगदान के स्रोत और भारत में इसके उपयोग की जांच करने में मदद करेगा। एफसीआरए 2010 के प्रावधानों के अनुपालन के तहत यह टूल आंकड़ों तथा साक्ष्य के आधार पर निर्णय लेने में विभागों को सहायता प्रदान करेगा। गृहमंत्रालय के अनुसार इसमें वृह्द आंकड़ों को ढूंढने और विश्लेषण करने की क्षमता है। इसका डैशबोर्ड एफसीआरए पंजीकृत बैंक खाताओँ से जुड़ा होगा और यह लोक वित्तीय प्रबंधन प्रणाली के माध्यम से वास्तविक समय पर अद्यतन जानकारी उपलब्ध कराएगा। इस मौके पर राजनाथ सिंह ने विश्लेषण टूल के विभिन्न आयामों पर आधारित एक प्रस्तुति देखी। इस मौके पर गृह सचिव राजीव गाबा, आईबी के निदेशक राजीव जैन, महानिदेशक (एनआईसी) श्रीमती नीता वर्मा तथा मंत्रालय के अधिकारी इस अवसर पर उपस्थित थे।
देश में 25 हजार एनजीओ पंजीकृत
मंत्रालय के अनुसार फिलहाल देश में एफसीआरए-2010 के अंतर्गत लगभग 25, हजार सक्रिय गैर सरकारी संगठन पंजीकृत है। इन संगठनों को वर्ष 2016-17 के दौरान सामाजिक, सांस्कृतिक, आर्थिक, शैक्षिक तथा धार्मिक गतिविधियों के लिए 18,065 करोड़ रुपये का विदेशी चंदा प्राप्त हुआ है। प्रत्येक एफसीआरए–एनजीओ विदेशी योगदान प्राप्त करने तथा इसे खर्च करने में कई प्रकार का वित्तीय लेनदेन करता है। अब इन संस्थाओं के खातों में विदेशी चंदे में मिली राशि का इस टूल के जरिए लेन देन की प्रक्रिया की आसानी से निगरानी की जा सकेगी और उसके आंकड़े व साक्ष्य भी सरकार की निगरानी में रहेंगे। मसलन इस टूल की मदद से विभिन्न सरकारी विभाग यह पता लगा सकेंगे कि किस संगठन को कहां से पैसा मिल रहा है और इनका वास्तविक उपयोग कहां किया जा रहा है।
हजारों एनजीओ के पंजीकरण रद्द
गृह मंत्रालय के अनुसार मोदी सरकार देश में फर्जी और अनियमितताओं और नियमों का उल्लंघन करने की दोषी पाई गई 10 हजार से ज्यादा एनजीओ के पंजीकरण रद्द कर चुकी है। वहीं फेरा के तहत अपने सालाना आय-व्यय के ब्योरे को सरकार को मुहैया कराने में नाकाम रहे जबकि फेरा के उल्लंघन के दोषी पाए गए करीब 1400 एनजीओ के पंजीकरण का नवीनीकरण आवेदन खारिज किये जा चुके हैं।
क्या हैं दिशानिर्देश
गृह मंत्रालय ने गैर सरकारी संगठनों पर शिकंजा कसने के लिए पिछले साल जुलाई में देशभर में पंजीकृत गैर सरकारी स्वयंसेवी संगठनों यानि एनजीओ को निर्देश देते हुए नोटिस जारी किये थे कि वे विदेशी सहायता की राशि को एक ही बैंक खाते में जमा कराए और विदेशी सहायता खातों को प्रमाणित करने, खाते का विवरण, बैंक शाखा और खाता नंबर आदि ब्यौरा सरकार को मुहैया कराना सुनिश्चित करे। मंत्रालय द्वारा जारी निर्देशों के तहत नियमानुसार विदेशी सहायता प्राप्त कर रहे एनजीओ को विदेशी सहायता नियमन कानून (FCRA) के तहत पंजीकरण कराना, एक ही बैंक खाते में विदेशी सहायता प्राप्त करना और इस खाते को प्रमाणित कराना अनिवार्य किया गया था। मंत्रालय ने इन निर्देशों पालन न करने पर कानूनी कार्रवाही करने की चेतावनी भी दी थी। 
02June-2018


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