केंद्रीय
कैबिनेट ने लिए कई महत्वपूर्ण फैसले
हरिभूमि ब्यूरो. नई दिल्ली।
केंद्र सरकार
ने राष्ट्रीय जैवईंधन नीति-2018 के तहत इथनॉल उत्पादन की दिशा में कच्ची सामग्री
के दायरे को बढ़ाने का फैसला किया है। यानि सरकार ने इथनॉलयुक्त पेट्रोल कार्यक्रम को
तेज करने के लिए तेल विपणन कंपनियों द्वारा इथनॉल खरीद व्यवस्था बनाने और उन्हें आपूर्ति
हेतु अब इथनॉल मूल्य की पहली बार समीक्षा करने का निर्णय लिया है।
प्रधानमंत्री
नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति
(सीसीईए) ने बुधवार का हुई बैठक में इथनॉल युक्त पेट्रोल(ईबीपी) कार्यक्रम के तहत
इस प्रस्ताव को मंजूरी दी है। इस फैसले की यह जानकारी देते हुए केंद्रीय रेल
मंत्री पीयूष गोयल ने एक संवाददाता सम्मेलन कहा कि इथनॉल मूल्य की समीक्षा के लिए
यह मंजूरी इथनॉल आपूर्ति अवधि एक दिसंबर 2018 से 30 नवंबर 2019 तक के लिए होगी।
मसलन इस अवधि के दौरान आगामी गन्ना सत्र 2018-19 के लिए सी-भारी शीरे से बने इथनॉल
का कर रहित चीनी मील मूल्य 43.70 रूपये प्रति लीटर निर्धारित किया गया है, जो
फिलहाल 40.85 रुपये है। वहीं इस प्रस्ताव के तहत भारी शीरे से निकाले गए इथनॉल तथा
गन्ना रस का कर रहित चीनी मील मूल्य 47.49 रुपये प्रति लीटर निर्धारित होगा। जबकि इसके
अतिरिक्त जीएसटी तथा परिवहन शुल्क भी लागू होंगे। इस प्रस्ताव के तहत बड़ी संख्या
में डिस्टिलरी ईबीपी कार्यक्रम के लिए इथनॉल सप्लाई होने के कारण इसका लाभ सभी
डिस्टिलरी योजना को भी मिलेगा। वहीं इथनॉल आपूर्ति करने वालों को लाभकारी मूल्य
देने से गन्ना किसानों की बकाया राशि कम करने में मदद मिलेगी और इस तरह गन्ना
किसानों की कठिनाइयां दूर होंगी। इस दिशा में सरकार अबुधाबी के साथ करार भी करेगी।
किसानों को भी होगा लाभ
गोयल ने
बताया कि गन्ना सत्र 2018-19 के लिए इथनॉल का मूल्य अनुमानित एफआरपी पर आधारित है।
इसलिए इसका संशोधन पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय द्वारा सरकार की ओर से
घोषित वास्तविक उचित तथा लाभकारी मूल्य के अनुसार किया जाएगा। इथनॉल आपूर्ति वर्ष
2019-20 के लिए पेट्रोलियम तथा प्राकृतिक गैस मूल्य शीरे तथा गन्ने के एफआरपी से
बनी चीनी की मानक लागत के अनुसार संशोधित किया जाएगा। सभी डिस्टिलरी योजना का लाभ
ले सकेंगी। आशा है कि बड़ी संख्या में डिस्टिलरी ईबीपी कार्यक्रम के लिए इथनॉल
सप्लाई करेंगी। इथनॉल आपूर्ति करने वालों को लाभकारी मूल्य देने से गन्ना किसानों
की बकाया राशि कम करने में मदद मिलेगी और इस तरह गन्ना किसानों की कठिनाइयां दूर होंगी
और उनकी आय में बढ़ोतरी होगी।
------------------
पशुपालन क्षेत्र में डेनमार्क होगा सहयोगी
देश के
किसानों की आय बढ़ाने के लक्ष्य को देखते हुए इसी साल पशुपालन एवं डेयरी के
क्षेत्र में सहयोग के लिए भारत और डेनमार्क के बीच हस्ताक्षरित समझौता ज्ञापन
(एमओयू) हुआ था। इस समझौते का भी केंद्रीय मंत्रिमंडल ने मंजूरी दे दी है। इस समझौते
के लागू होने से डेयरी विकास एवं संस्थागत सुदृीढीकरण के आधार पर मौजूदा ज्ञान को
व्यापक बनाने के लिए पशुपालन एवं डेयरी के क्षेत्र में द्वीपक्षीय सहयोग मिलेगा।
इस करार का मकसद यह है कि इस भागीदारी के तहत डेनमार्क पशु प्रजनन, पशु स्वास्थ्य
एवं डेयरी, चारा प्रबंधन आदि के क्षेत्र में ज्ञान एवं विशेषज्ञता मुहैया
कराएगाताकि पारस्परिक हित वाले मवेशी व्यापार सहित भारतीय मवेशियों की उत्पादकता
एवं उत्पादन को बेहतर किया जा सके। इसके अलावा विज्ञान प्रौद्योगिकी एवं नवाचार
के क्षेत्र में सहयोग पर भारत और डेनमार्क के बीच हुए समझौते को भी मंजूरी दी गई
है, यह समझौता पिछले माह किया गया था।
-------------
ईसीजीसी में पूंजी निवेश को मंजूरी
केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने बताया कि केंद्रीय
मंत्रिमंडल की बैठक में एक्सपोर्ट
क्रेडिट गारंटी कॉरपोरेशन लिमिटेड (ईसीजीसी) को मजबूती देने के लिए 2 हजार करोड़
रुपये के पूंजी निवेश को मंजूरी दी है। यह पूंजी निवेश 3 वित्त वर्षों के दौरान
किया जाएगा। वित्त वर्ष 2017-18 में 50 करोड़ रूपये, वित्त वर्ष 2018-19 में 1,450
करोड़ रुपये और वित्त वर्ष 2019-20 में 500 करोड़ रुपये का पूंजी निवेश किया
जाएगा। गोयल का कहना है कि इस पूंजी निवेश से एमएसएमई निर्यात के लिए बीमा कवरेज
में सुधार होगा और अफ्रीका, सीआईएस और लेटिन अमेरिकी देश जैसे उभरते एवं
चुनौतीपूर्ण बाजारों में भारत के निर्यात को मजबूती मिलेगी। इस निवेश से पूंजी
अनुपात के मुकाबले ईसीजीसी की बट्टेखाते में डालने की क्षमता व जोखिम में उल्लेखनीय
सुधार होगा। ईसीजीसी के बीमा कवर से भारतीय निर्यातकों को अंतर्राष्ट्रीय बाजारों
में प्रतिस्पर्धात्मक स्थिति सुधारने में भी मदद मिलेगी।
28June-2018
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें