मंगलवार, 12 जून 2018

देश में 2020 तक होंगे 43 मेगा फूड पार्क



खाद्य प्रसंस्करण मंत्री ने गिनाई चार की उपलब्धियां
हरिभूमि ब्यूरो. नई दिल्ली।
मोदी सरकार के चार साल के कार्यकाल पूरे होने पर केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने अपने मंत्रालय की उपलब्धियां गिनाते हुए कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के 2022 तक किसानों की आय को दोगुना करने के संकल्प के तहत खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र में 2020 तक 42 मेगा फूड पार्क तथा 238 कोल्ड चैन प्रोजेक्ट स्थापित करने का लक्ष्य है।
केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन के दौरान अपने मंत्रालय की चार साल की उपलब्धियों की तुलना कांग्रेस के 70 साल से की। उन्होंने कहा कि वर्ष 2014 तक देश में पतांजलि समेत केवल दो मेगा फूड पार्क थे, जबकि यूपीए सरकार ने अपने एक दशक के कार्यकाल में 45 फूड पार्क स्वीकृत किये थे। उन्होंने दावा किया कि राजग सरकार ने 2020 तक 42 मेगा फूड पार्क स्थापित करने का लक्ष्य तय किया है, जिसमें इन चार सालों में 13 मेगा फूड पार्क स्थापित किये जा चुके हैं। उन्होंने कहा कि इस साल 2018 तक सब मिलाकर 25 मेगा फूड पार्क काम करना आरंभ कर देंगे, इसमें से 15 को पहले ही पूरा किया जा चुका है और 15 नये मेगा फूड पार्क 2019 तक काम करना आरंभ कर देंगे। उन्होंने कहा कि सरकार शीत भण्डारों की एक पूरी श्रृंखला तैयार कर रही है जो भारत के प्रत्येक कोने को इसके 42 मेगा फूड पार्कों के अलावा 238 शीत गृहों की परियोजनाओं और प्रधानमंत्री किसान संपदा योजना के अन्तर्गत करीब 700 परियोजनाओं से जोड़ेगी। मंत्रालय की योजनाओं के तहत प्रतिवर्ष 33 लाख किसानों को प्रत्यक्ष रूप से लाभ मिलेगा और इस संख्या में प्रतिवर्ष वृद्धि होती रहेगी। उन्होंने दावा किया कि  खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र भारत के सबसे मजूबत क्षेत्रों में एक बनने को बिल्कुल तैयार है ताकि भारत की प्रगति में योगदान कर सके और यह क्षेत्र 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने के लिये अपनी भूमिका दे सके। बादल ने कहा कि इन चार सालों में पूर्ववर्ती सरकार की तुलना में मेगा फूड पार्कों में प्रसंस्करण एवं तैयार करने की क्षमता में 351 फीसदी, शीत भण्डारों की क्षमता में 720 फीसदी की वृद्धि हुई है, जिसके परिणाम स्वरूप 4.90 लाख लोगों को प्रत्यक्ष रोजगार हासिल हुआ है। इसके अलावा मंत्रालय द्वारा संचालित परियोजनाओं के तहत संसाधित कृषि उपज के मूल्य में 180 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है।
एक लाख करोड़ का निवेश
केंद्रीय मंत्री बादल ने कहा कि इस क्षेत्र में करीब एक लाख करोड़ रुपये के निवेश पिछले केवल एक साल में ही प्राप्त किये हैं और इसमें से 73,000 करोड़ रुपये के निवेश पर जमीन पर काम शुरू भी हो गया है। यह केवल बानगी भर है जो कि आने वाले वर्षों में इस क्षेत्र की वास्तविक संभावनाओं के लिये रास्ता खोलेगी। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि पिछले चार वर्षों के दौरान मंत्रालय द्वारा सृजित 15.94 लाख मीट्रिक टन वार्षिक की संरक्षण और प्रसंस्करण क्षमता में 351 प्रतिशत की व्‍यापक वृद्धि दर्ज की गई है। मंत्रालय द्वारा संचालित परियोजनाओं के तहत संसाधित कृषि उपज के मूल्य में 180 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है।
कृषि प्रसंस्करण वित्‍तीय संस्‍थान का प्रस्ताव
केंद्र सरकार का खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र में एक नए वित्तीय संस्थान का निर्माण करने की प्रक्रिया में हैं, जो न केवल विशेष रूप से खाद्य प्रसंस्करण परियोजनाओं का वित्त पोषण करेगा, बल्कि जोखिम का आकलन करने और खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र को ऋण देने में क्षमता विकास का काम भी करेगा। कृषि प्रसंस्करण वित्‍तीय संस्‍थान’ नामक इस नए संस्‍थान हेतु ‘प्रस्‍ताव के लिए अनुरोध पत्र’ जुलाई 2018 तक जारी होगा। यह एक गैर-बैंकिंग वित्‍तीय संस्‍थान होगा और यह काफी हद तक निजी क्षेत्र द्वारा संचालित होगा। सरकार इसमें एक सुविधा प्रदाता की भूमिका निभाएगी। राष्‍ट्रीय और अंतराष्‍ट्रीय दोनों ही कंपनियां इस संस्‍थान में विशेष दिलचस्‍पी दिखा रही हैं।  
05June-2018

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