एनएचएआई
को है नए प्रमुख का इंतजार
ओ.पी. पाल. नई दिल्ली।
देश में
सड़कों का जाल बिछाने के मकसद से पटरी पर उतारी गई विभिन्न सड़क परियोजनाओं में
ऐसी 300 परियोजनाओं को मार्च 2019 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है, जो किसी
चुनौती से कम नहीं है, क्योंकि अभी तक एनएचएआई के नए चैयरमैन की नियुक्ति भी नहीं
की गई है। वहीं अनेक सड़क परियोजनाओं में विलंब होने की वजह भी मंत्रालय सार्वजनिक
कर चुका है।

तीन साल में बदले तीन चेयरमैन
सूत्रों
के अनुसार एनएचएआई के चेयरमैन दीपक कुमार को पिछले माह उनके पद से हटाकर उन्हें
बिहार का मुख्य सचिव बनाकर भेजा दिया गया है, लेकिन उनके स्थान पर अभी तक नई
नियुक्ति नहीं हुई है। फिलहाल मंत्रालय में सचिव युद्धवीर मलिक एनएचएआई चेयरमैन का
अतिरिक्त कार्यभार देख रहे हैं, हालांकि दीपक कुमार से पहले मलिक भी प्राधिकरण में
चेयरमैन पद पर रह चुके हैं, लेकिन उन्हें मंत्रालय का कामकाज भी देखना है और नेशनल
हाइवे प्रोजेक्ट को गति देने के लिए प्राधिकरण में चेयरमैन की नियुक्ति का इंतजार
किया जा रहा है। एनएचएआई के सूत्रों के अुनसार एचएचएआई अधिनियम के तहत प्राधिकरण
में चेयरमैन का कार्यकाल तीन साल का होता है, लेकिन पिछले तीन साल में तीन चेयरमैन
बदले जा चुके हैं। वर्ष 2015 में जिन परियोजनाओं का शुरू किया गया था, उसके बाद
जून में सेवानिवृत्त हुए चेयरमैन आरके सिंह के बाद राघव चंद्रा आए, जिन्हें सवा
साल बाद हटा दिया गया। उनके बाद एनएचएआई के चेयरमैन बने युद्धवीर सिंह मलिक भी
मात्र छह माह तक इस पद पर रहे, जिनके बाद पिछले साल जून में दीपक कुमार को नया
चेयरमैन बनाया गया था।
बेबस है मंत्रालय
केंद्रीय
सड़क परिवहन मंत्रालय के एक अधिकारी की माने तो एनएचएआई के चेयरमैन की नियुक्ति
मंत्रालय के अधिकार क्षेत्र में नहीं है और इस पद पर पीएमओ से ही नियुक्ति की जाती
है। मंत्रालय भी सड़कों पर उतारी गई राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं के मद्देनजर
स्थायी चेयरमैन की नियुक्ति को लेकर चिंतित है, जिसके सामने परियोजनाओं को पूरा
करने की चुनौती इसलिए भी सामने है कि मंत्रालय ने वर्ष 2018 को ‘निर्माण वर्ष’
घोषित किया हुआ है।
17June-2018
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