शुक्रवार, 15 जून 2018

दो सिंचाई व चार बाढ़ प्रबंधन योजनाएं मंजूर

कार्यान्वयन पर अएगी 84,748 करोड़ रुपये की लागत                          
हरिभूमि ब्यूरो. नई दिल्ली।
केंद्र सरकार ने छह राज्यों के लिए दो प्रमुख सिंचाई और चार बाढ़ प्रबंधन परियोजनाओं को स्वीकृति दी है, जिनके कार्यान्वयन पर 84,748 करोड़ रुपये की लागत तय की गई है।
केंद्रीय जल संसाधन मंत्रालय के सचिव यूपी सिंह की अध्यक्षता में मंत्रालय की परामर्शदात्री समिति की यहां केंद्रीय जल आयोग में हुई बैठक के दौरान इन परियोजनाओं के प्रस्ताव पर चर्चा की गई, जिसमें 84,748 करोड़ रुपये की लागत के साथ छह राज्यों व केन्‍द्र शासित प्रदेशों में दो प्रमुख सिंचाई/बहुउद्देशीय और चार बाढ़ प्रबंधन परियोजनाओं को स्वीकृति दी गई। इसमें सबसे महतवपूर्ण परियोजना के रूप में  80190.46 करोड़ रुपये की लागत वाली तेलंगाना की कालेश्वरम परियोजना के तहत गोदावरी नदी के 195 टीएमसी यानि 5522 मिलियन क्‍यूबिक मीटर जल का मार्ग परिवर्तन होगा। इस परियोजना से तेलंगाना के 13 जिलों की कुल 18.25 लाख एकड़ भूमि की सिंचाई सृजित होगी। इसके इसके अलावा यह परियोजना हैदराबाद, सिकंदराबाद तथा मार्ग में स्थित गांवों को 40 टीएमसी यानि 1133 एमसीएम पेयजल और उद्योगों के लिए 16 टीएमसी (453 एमसीएम) जल मुहैया कराने की क्षमता बढ़ाएगी।
समिति की बैठक में 2232.62 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत वाली महाराष्‍ट्र की ऊपरी प्रवरा (निलवनडे-द्वितीय) परियोजना को आगे बढ़ाया जाएगा, जिससे 2,12,758 एकड़ भूमि को सिंचित होगी और 13.15 एमसीएम पेयजल उपलब्ध हो सकेगा। वहीं इस दौरान बिहार की महानंदा बाढ़ प्रबंधन योजना (फेज-2), हिमाचल प्रदेश की सीरखाद परियोजना, संघ शासित प्रदेश पुद्दुचेरी का यनम बाढ़ संरक्षण कार्य तथा पश्चिम बंगाल के घाटल मास्टर प्‍लान (फेज-1) को भी स्‍वीकृति दी गई है। मंत्रालय के अनुसार ये परियोजनाएं 13.58 लाख लोगों और 4,51,750 एकड़ भूमि को बाढ़ से संरक्षण प्रदान करेंगी। बैठक में इन सभी परियोजनाओं की तकनीकी-आर्थिक संभावना-क्षमता का मूल्‍यांकन भी किया गया। 
08June-2018

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