शुक्रवार, 22 जून 2018

जल विकास में तजाकिस्तान बना सहयोगी



भारत के साथ आर्थिक सहयोग पर बनी सहमति
हरिभूमि ब्यूरो. नई दिल्ली।
जल प्रबंधन ओर जल के विकास के लिए भारत को तजाकिस्तान के रूप में एक और सहयोगी मिल गया है। इस दिशा में भारत और तजाकिस्तान के बीच आर्थिक सहयोग खासकर जल विकास पर सहमति बनी है।
केंद्रीय जल संसाधन मंत्रालय के अनुसार दो दिन तक तजाकिस्तान में ‘कार्रवाई के लिए अंतर्राष्ट्रीय दशक:सतत विकास के लिए जल 2018-28’ विषय पर आयोजित सम्मेलन में हिस्सा लेने गये केंद्रीय जल संसाधन मंत्री नितिन गडकरी ने भारत और तजाकिस्तान ने द्विपक्षीय संबंधों की प्रगति के लिए प्रतिबद्धता दोहराई। जहां गडकरी ने केन्द्रीय एशिया गणराज्य के दो दिवसीय दौरे के दौरान दुशांबे में तजाकिस्तान के विदेश मंत्री सिरोजीदीन मुहरीदीन के साथ जल के मुद्दों पर विस्तार से चर्चा की। दोनों देशों के नेताओं ने विभिन्न क्षेत्रों में द्विपक्षीय सहयोग को बढ़ावा देने की आवश्यकता पर जोर दिया और खासकर सतत जल विकास क्षेत्र में आपसी सहयोग पर सहमति व्यक्त की। गडकरी ने तजाकिस्तान के विदेश मंत्री को दो देशों के बीच प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की आर्थिक सहयोग की प्रतिबद्धता को भी दोहराया और कहा कि खाद्य पदार्थों जैसे चीनी और दूध पाउडर के व्यापार की संभावनाओं को बढ़ाया जा सकता है। गडकरी ने ईरान में भारत के सहयोग से विकसित चाबहार बंदरगाह की प्रगति से भी उन्हें अवगत कराया और कहा कि भारत गुणवत्ता संरचना के निर्माण में नई दिल्ली में तजाकिस्तान के साथ भारतीय विशेषज्ञता को साझा करना चाहता है। इस पर सिरोजीदीन मुहरीदीन ने भी भारत तजाकिस्तान का विश्वसनीय राजनीतिक और सामरिक साझीदारी को नई दिशा देने की बात कही। वहीं तजाकिस्तान ने भारत के साथ अपने आर्थिक संबंधों को बढ़ाने पर बल दिया। गौरतलब है कि इससे वार्ता से पहले सम्मेलन में केंद्रीय जल संसाधन मंत्री नितिन गडकरी विश्व में एकीकृत तथा सतत जल संसाधन प्रबंधन पर राष्ट्रीय, क्षेत्रीय और अंतर्राष्ट्रीय कार्रवाई को प्रोत्साहित करने पर बल दिया। इस दौरान गडकरी ने संसाधन मूल्यांकन के क्षेत्र में भारत के वैज्ञानिक विकास, संरक्षण एवं हमारे भू-जल तथा सतह जल संसाधनों के संयुक्त उपयोग के लिए अपने जल संसाधन सूचना एवं प्रबंधन प्रणाली के उन्नयन की प्रक्रिया को साझा करते हुए कहा कि राष्ट्रीय जल सूचना केन्द्र सतह जल एवं भू-जल के आकलन, बाढ़ के पूर्वानुमान, जलाशय निगरानी, तटीय सूचना प्रबंधन प्रणाली एवं नदी बेसिन प्रबंधन के लिए एक आधुनिक मंच सक्रिय है।
भारत ने उठाए ठोस कदम
ताजिकिस्तान के दुशांबे में ‘सतत जल विकास के लिए अंतर्राष्ट्रीय दशक पर सम्मेलन’ में नितिन गडकरी ने कहा कि यह सम्मेलन जल पर समान समझदारी के विकास एवं विश्वव्यापी रूप से समेकित एवं टिकाऊ जल संसाधन प्रबंधन पर राष्ट्रीय, क्षेत्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय ठोस कदम पर वैश्विक संवाद में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। उन्होंने कहा कि नदी संरक्षण के क्षेत्र में नामामि गंगे गंगा नदी को प्रदूषण मुक्त बनाने तथा उसे पुनर्जीवित करने की भारत में चलाई जा रही योजना का जिक्र करते हुए कहा कि इस प्रमुख योजना में दूसरी सहायक नदियों के कायाकल्प के लिए भी ऐसे ही कदम उठा रहे है, जिससे कि उन्हें उनके मूल रूप में लाया जा सके। 
22June-2018

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