केंद्र
सरकार ने जारी की अधिसूचना
हरिभूमि ब्यूरो. नई दिल्ली।
केंद्रीय
इस्पात मंत्रालय ने ऐसे स्टील उत्पादों की शतप्रतिशत गुणवत्ता सुनिश्चित करने का
फैसला किया है, जिनका इस्तेमाल गैर-खाद्य अनुप्रयोगों के अलावा खाद्य और खाद्य योजकों
के पैकेजिंग, दवाओं और पेय पदार्थों के पैकेजिंग आदि में किया जाता है।
केंद्रीय
इस्पात मंत्री चौधरी बीरेन्द्र सिंह की इस्पात के इस्तेमाल को प्रोत्साहित करने और
इस्पात निर्मित उत्पदों का मानव स्वास्थ्य को कुप्रभाव से बचाने के लिए बनाई गई
योजना के तहत ऐसे 16 से अधिक 85 से 90 फीसदी इस्पात उत्पादों को गुणवत्ता नियंत्रण
आदेश के दायरे में शामिल करने का निर्णय लिया है। इस दिशा में इस्पात क्षेत्र में
100 प्रतिशत गुणवत्ता व्यवस्था सुनिश्चित करने की प्रतिबद्धता में इस्पात मंत्रालय
ने इस्पात और इस्पात उत्पाद (गुणवत्ता नियंत्रण) आदेश-2018 और स्टेनलेस स्टील उत्पाद
(गुणवत्ता नियंत्रण) आदेश- 2018 के प्रावधानों का इस्तेमाल करते हुए एक अधिसूचना के
रूप में आदेश जारी किये हैं। इस आदेश के दायरे में 16 से ज्यादा इस्पात उत्पादों को
गुणवत्ता नियंत्रण आदेश के दायरे में लाया गया है। मंत्रालय के अनुसार इससे पहले
भी मंत्रालय ने 34 कार्बन स्टील उत्पादों और 3 स्टेनलेस स्टील उत्पादों को अधिसूचित
किया था। इस्पात मंत्रालय ने इस अनिवार्य गुणवत्ता नियंत्रण व्यवस्था के तहत खाद्य,
खाद्य योजक, दवा और दवाओं में इस्तेमाल टिन प्लेट्स (आईएस: 1993) को कवर करने का फैसला
किया है और प्रक्रिया शुरू की जा रही है। टिन प्लेट का उपयोग मुख्य रूप से खाद्य और
खाद्य योजकों के पैकेजिंग और दवाओं और दवाओं और पेय पदार्थों के पैकेजिंग में अन्य
गैर-महत्वपूर्ण, गैर-खाद्य अनुप्रयोगों के अलावा किया जाता है। मंत्रालय चरणबद्ध तरीके
से हितधारकों के परामर्श से शेष इस्पात उत्पादों को भी गुणवत्ता नियंत्रण आदेश के
दायरे में लाने पर भी विचार कर रहा है।
इसलिए लिया गया फैसला
दरअसल इन आदेशों में अब 50 कार्बन स्टील और 3 स्टेनलेस
स्टील उत्पाद शामिल हैं, जिनके पास मानव स्वास्थ्य पर प्रत्यक्ष असर पड़ता है।
वहीं बुनियादी ढांचे, आवास, इंजीनियरिंग अनुप्रयोग और जनता की सुरक्षा के लिए इस्पात
की गुणवत्ता अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। अधिसूचना के अनुसार इन आदेशों के लागू होने से
अब देश में इस्पात की 85-90 प्रतिशत खपत के साथ इस्पात उत्पादों को गुणवत्ता नियंत्रण
आदेश के तहत कवर किया जाएगा। अब इस आदेश के बाद बीआईएस मार्क लेने तक अधिसूचित स्टील
वस्तुओं का उत्पादन, व्यापार, आयात और स्टॉक नहीं किया जा सकेगा, वहीं इन वस्तुओं के
घरेलू निर्माताओं को बीआईएस प्रमाणन चिह्न लाइसेंस प्राप्त करना आवश्यक होगा।
25JUne-2018
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