पिछले
चार साल में कम हुए 38 फीसदी हादसे
हरिभूमि
ब्यूरो. नई दिल्ली।
भारतीय रेलवे
में रेल संरक्षा व सुरक्षा तथा यात्रियों को बेहतर सुविधाएं देना केंद्र सरकार की उच्च
प्राथमिकता है, जिसमें पिछले चार साल में रेल आदसों में 38 फीसदी कमी देखी गई है। भारतीय
रेलवे की कायकल्प के लिए सरकार ने रेलवे सुधार की दिशा में कई योजनाओं को अंजाम दिया
है, जिसका नतीजा है कि नई रेलवे लाइनों की औसत गति में भी 59 फीसदी की वृद्धि दर्ज
की गई है।
यह दावा सोमवार
को यहां रेल मंत्री पीयूष गोयल ने अपने मंत्रालय की चार साल की उपलब्धियों का बखान
करते हुए दी। उन्होंने कहा कि इस दौरान मोदी सरकार ने 'साफ नीयत, सही विकास' के फोकस
में सुरक्षा को भारतीय रेलवे की सर्वोच्च प्राथमिकता बना दिया है। इसी का नतीजा है
कि जहां वित्त वर्ष 2013-14 के दौरान देश में
118 रेल दुर्घटनाएं हुई थी, वहीं बीते वर्ष 2017-18 में केवल 73 रेल हादसे सामने आएं
हैं। यानि अब तक का सर्वश्रेष्ठ सुरक्षा उपायों के कारण अब रेल दुर्घटनाएं घटकर 62
प्रतिशत के स्तर पर आ गई हैं, जिन्हें कम करने के लिए तकनीकी सुरक्षा उपाय किये जा
रहे हैं। गोयल ने कहा कि इस के लिए एक लाख करोड़ रुपये के राष्ट्रीय रेल संरक्षा कोष
को 5 वर्षों में सुरक्षा खर्च के लिए आवंटित किया गया है। इसके तहत असुरक्षित रेलवे
क्रॉसिंग की समस्या से युद्ध स्तर पर निपटने के लिए पिछले चार वर्षों में 5,479 मानव
रहित रेलवे क्रॉसिंग को समाप्त किये जा चुके हैं। इस मौके पर संवाददाताओं के सवालों
के जवाब में उन्होंने कहा कि भारतीय रेलवे का निजीकरण करने का कोई इरादा नहीं है और
न ही भविष्य में कोई इस प्रकार का प्रस्ताव है।
बुनियादी ढांचे का तेजी से विकास
रेल मंत्री
पीयूष गोयल ने रेलवे सुरक्षित विस्तार और उसके बुनियादी ढांचे को मजबूत करने की दिशा
में बेहतर प्रदर्शन किया गया है। उन्होंने कहा कि इन चार सालों में नई रेल लाइनों और
रेलवे ट्रैक को सुरक्षित करने की दिशा में किये गये काम के कारण देश में नया रेलवे
ट्रेक बिछाने की औसत गति में 59 फीसदी बढ़ोतरी हुई है यानि वर्ष 2009-14 के 4.01 किमी
मुकाबले 2014-18 में बढ़कर 6.53 किमी प्रतिदिन तक पहुंच गई है, जिसकी गति और बढ़ाने
का लक्ष्य है। रेल मंत्री ने कहा कि देश में अब तेज गति से रेल नवीकरण हो रहा है, जिसका
नतीजा है कि जहां वर्ष 2013-14 में 2926 किमी था तो वर्ष 2017-18 में यह 4405 किमी
यानि 50 फीसदी रेल नवीकरण का इजाफा हुआ है। उन्होंने कहा कि रेलवे स्टेशनों पर जहां
वर्ष 2009-14 में 23 फुट ओवर ब्रिज के निर्माण हुआ, वहीं उसकी तुलना में पिछले चार
साल में 74 फुट ओवर ब्रिज बनाकर 221 फीसदी का इजाफा दर्ज किया। इसी प्रकार पीयूष गोयल
ने यूपीए सरकार से तुलना करते हुए कहा कि रेलवे लाइनों के ऊपर जहां 2004-14 तक 415
रोड़ ओवर ब्रिज व अंडर ब्रिज बने, वहीं एक दशक के मुकाबले राजग सरकार ने 48 माह में
तीन गुना 1220 रोड़ ओवर ब्रिज व अंडर ब्रिज का निर्माण किया। उन्होंने कहा कि रेलवे
ने विद्युतीकरण में छह गुना वृद्धि के साथ टिकाऊ रेल परिवहन स्थापित किया है। साफ-सफाई,
तीसरे या अन्य पक्ष द्वारा स्वतंत्र सर्वेक्षणों सहित स्वच्छता, एकीकृत मशीनीकृत
साफ-सफाई की शुरुआत, बॉयो-टॉयलेट, गंदगी साफ करने के लिए ऑटोमैटिक रेल-माउंटेड मशीन,
इत्यादि पर प्रमुखता के साथ फोकस रहा है।
यात्रियों के लिए दो ऐप लांच
इस मौके पर
केंद्रीय रेल मंत्री पीयूष गोयल और राज्यमंत्री मनोज सिन्हा ने रेल मंत्री ने रेल यात्रियों
की सुविधा के लिए ‘न्यू ऑन रेल’ और ‘रेल मदद’ ऐप की भी शुरूआत की। इन ऐप की मदद से
रेल यात्रियों को जहां आसानी से खान-पान की सुविधा मिलेगी, वहीं रेल मदद ऐप के जरिए
रेलवे से संबन्धित किसी भी शिकायत को दर्ज करा सकेंगे। साफ-सफाई, तीसरे या अन्य पक्ष
द्वारा स्वतंत्र सर्वेक्षणों सहित स्वच्छता, एकीकृत मशीनीकृत साफ-सफाई की शुरुआत,
बॉयो-टॉयलेट, गंदगी साफ करने के लिए ऑटोमैटिक रेल-माउंटेड मशीन, इत्यादि पर प्रमुखता
के साथ फोकस रहा है।
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यात्रियों की सुविधाओं पर फोकस
रेलवे
की रेल यात्रियों को बेहतर सुविधाएं मुहैया कराने की दिशा में पीयूष गोयल ने कहा कि
रेलवे स्टेशनों के आधुनिक विकास और स्टेशनों पर यात्रियों को सुरक्षा के अलावा अन्य
सभी सहूलितें देने का काम लगातार जा रही है। रेलवे ने सभी रेलवे स्टेशनों पर सीसीटीवी
कैमरों को वीडियो सविंलांस प्रणाली के साथ स्थापित किये हैं। रेलवे की योजना ट्रेनों
के कोचों में भी सीसीटीवी कैमरों ज्यादा से ज्यादा लगाने की है, जिसमें सुरक्षा की
दृष्टि से प्रौद्योगिकी का भी इस्तेमाल किया जा रहा है। वहीं स्टेशनों पर टिकट बुकिंग
की लाइनों को भी डिजीटल सुविधाओं के जरिए कम करने का काम किया है। उन्होंने कहा कि
रेलवे के कायाकल्प की योजना में रेलवे गति में वृद्धि, 407 नई रेल सेवाओं का परिचालन
और कोचों के आधुनिक डिजाइन के साथ उनकी संख्या बढ़ाने जैसी गतिविधियों से भारतीय रेलवे
परिवहन में बदलाव नजर आने लगा है।
12June-2018
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