हरिभूमि ब्यूरो. नई दिल्ली।
भारतीय
रेलवे का उच्च प्राथमिकता में रेल सुरक्षा के अलावा समय पाबंद, कैटरिंग और
स्वच्छता पर फोकस रहेगा। वहीं रेलवे ने यात्रियों की सुविधाओं को बढ़ाने की दिशा
में निर्णय लिया है कि यदि किन्हीं कारणों से कोई ट्रेन विलंब या रद्द होती है तो
उसके विकल्प में प्रमुख रेलवे स्टेशनों पर हरेक श्रेणी के कोच आरक्षित रहेंगे,
ताकि यात्रियों के लिए गंतव्य तक पहुंचने के वैकल्पिक व्यवस्था की जा सके।
भारतीय
रेलवे द्वारा रेल सुरक्षा और यात्रियों की सुविधा का विस्तार करने के लिए गये
निर्णय की जानकारी देते हुए सोमवार को रेलवे मंत्री पीयूष गोयल ने संवाददाता
सम्मेलन में कहा कि यात्रियों की सुरक्षा और सुविधा के लिए कई उन्होंने खुद
अधिकारियों के साथ सात रेलवे जोनों की मॉनिटरिंग की है, जिसमें सबसे बड़ी चुनौती
रेलगाड़ियों को समय से चलाने की है। उन्होंने कहा कि रेलवे ने तीन मुद्दो समय पाबंद
(पंक्चुऐलिटी), स्वच्छता और केटरिंग पर फोकस करके यात्रियों को सुविधाएं देने का
निर्णय लिया है। उन्होंने कहा कि पंक्चुऐलिटी में धीरे-धीरे सुधार आ रहा है। जहां
तक यात्रियों के खान-पान और ज्यादा शुल्क वसूलने का मामला है इसके लिए रेलवे ने
आईआरसीटीसी की 16 किचन पर सीसीटीवी कैमरे की निगरानी करने की प्रक्रिया शुरू कर दी
है, वहीं यात्री द्वारा लिए जाने वाले सामान का तत्काल बिल देने के लिए कैटरिंग
में लगे कर्मचारियों को इलेक्ट्रॉनिक हैंडबिल मशीने दी जा रही हैं। वहीं स्वच्छता
अभियान की दिशा में यात्रियों के परस्पर भागीदारी को लेकर काम किया जा रहा है।
ट्रेन लेट हुई तो मुफ्त में
मिलेगा खाना
रेलवे
सुरक्षा की प्राथमिकता के साथ यात्रियों की सुविधा के लिए वैकल्पिक व्यवस्था के
रूप में प्रमुख रेलवे स्टेशनों पर हरेक श्रेणी के कोच आरक्षित रहेंगे, ताकि
यात्रियों के लिए गंतव्य तक पहुंचने के वैकल्पिक व्यवस्था की जा सके। यही नहीं यदि
कोई ट्रेन निश्चित समय से कई घंटे देरी से चल रही है या मेगा ब्लॉक के कारण ट्रेन विलंब
होगी तो रेलवे स्टेशन पर इंतजार कर रहे यात्रियों को खाना-पीना और अन्य सुविधाएं
मुफ्त में मुहैया कराने की जिम्मेदारी रेलवे की होगी। इसके लिए संबन्धित रेलवे जोन
पूरी व्यवस्था करेगा। यह सुविधा केवल आरक्षित टिकट पर यात्रा करने वालों को ही मिलेगी।
गोयल ने एक सवाल के जवाब में कहा कि अनारक्षित श्रेणी के यात्रियों को खान-पान
जैसी यह सुविधा देने के बारे में भी विचार किया जाएगा, लेकिन अनारक्षित श्रेणी में
यात्रियों की वास्तविक संख्या का आंकड़ा हासिल करना बेहद कठिन होगा। हालांकि गोयल ने
कहा कि ट्रेनों की लेटलतीफी पर रेलवे गंभीर है, लेकिन इसके लिए सुरक्षा से कोई
समझौता किये बिना यात्रियों की सुविधा पर ध्यान दिया जाएगा।
हर रोज होगा ट्रैफिक ब्लॉक
रेल
मंत्री गोयल ने कहा कि रेलवे देशभर में रेल सुरक्षा व संरक्षा के लिए तेजी के साथ
काम कर रहा है, जिसके लिए हर रोज 2-से तीन घंटे का ट्रैफिक ब्लॉक लेना होगा।
रविवार को 5-6 घंटे का मेगा ब्लॉक लेने का निर्णय लिया गया है। उन्होंने कहा कि इस
दौरान आरक्षित टिकट लेने वाले यात्रियों को ट्रेन लेट होने या ब्लॉक लेने के कारण
ट्रेन लेट या रद्द होने सूचना उनके मोबाइल पर दी जाएगी। यदि संबन्धित ट्रेन में
सफर करने वाला यात्री स्टेशन पर इंतजार कर रहा है तो उनके लिए खान5पान जैसी
सुविधाओं की व्यवस्था सुनिश्चित की जा रही है।
इलाहाबाद-मुगलसराय का तिहराकरण
रेल
मंत्री पीयूष गोयल ने पिछले 25 साल से लंबित इलाहाबाद-मुगलसराय के बीच तीसरी लाइन
बिछाने की योजना को जल्द पटरी पर लाने की बात कही है, जिसकी मंजूरी के लिए
प्रस्ताव तैयार है। इस व्यवस्तम रेल मार्ग पर तीसरे ट्रैक के निर्माण पर करीब दो
हजार करोड़ की लागत हाने का अनुमान है।
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अब नए रंग में नजर आएगी भारतीय
रेल
ट्रेन
में यात्रियों के सफर को सुहाना और आरामदायक बनाने के लिए रेलवे ने अपनी कमर कस ली
है। ट्रेन में सफर करने वाले लोगों को अगले कुछ समय में कुछ खास बदलाव देखने को मिलेंगे।
रेल मंत्रालय रेलवे का रंग-रूप बदलने की तैयारी कर रहा है। वर्तमान में भारतीय रेलवे
के कोच गहरे नीले रंग के हैं लेकिन अब इन्हें गहरे पीले और भूरे रंग से रंगा जाएगा।
नए लुक में यह होगी पहली ट्रेन
नए
रंग में रंगने वाली पहली ट्रेन दिल्ली-पठानकोट एक्सप्रेस होगी। 16 कोच वाली इस ट्रेन
के कोच को नई थीम के अनुसार पेंट किया जा रहा है। आम लोगों को यह जून के अंत तक देखने
को मिलेगी। हालांकि राजधानी, शताब्दी, दुरंतो और नई शुरू की गई तेजस, गतिमान और हमसफर
एक्सप्रेस के रंग में कोई बदलाव नहीं किया जाएगा। बताया जा रहा है कि यह करीब 2 दशक
के बाद है जब भारतीय ट्रेनों का रंग बदल रहा है। इससे पहले गाढ़े लाल रंग से रेलवे नीले
रंग की ओर बढ़ा था।
कोच के इंटीरियर में भी बदलाव
रेलवे
की तरफ से यात्रियों की सुविधा के लिए कोच के इंटीरियर और एक्सटीरियर में भी बदलाव
किया जा रहा है। टॉयलेट की जगह अब कोच में बॉयो-टॉयलेट के अलावा हर बर्थ पर मोबाइल
चार्जिंग और रीडिंग लाइट की सुविधा दी जा रही है। रेलवे ने नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फैशन
टेक्नोलॉजी एंड नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ डिजाइन से मॉडर्न कोच का डिजाइन तैयार कराया है।
19June-2018
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