परियोजना
के तहत 60 हजार किमी सड़क निर्माण का प्रस्ताव
ओ.पी. पाल. नई दिल्ली।
देश
के बुनियादी ढांचे को विश्वस्तरीय बनाने की दिशा में ‘भारतमाला’ परियोजना से पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार की स्वर्णिम चतुर्भुज परियोजना के जरिए पूरे देश को एकसूत्र में बांधने का संकल्प पूरा होगा और देश के आर्थिक, सामाजिक विकास को भी रफ्तार मिलेगी। इस परियोजना की शुरूआत अगले साल कर दी जाएगी।

आर्थिक
कॉरिडोर का प्रस्ताव
देश
में 44 आर्थिक गलियारा निर्माण करने की योजना
है, जिसमें ‘भारतमाला’ परियोजना के तहत पहले चरण में 1.20 लाख करोड़
की लागत से आर्थिक गलियारे के रूप में नौ हजार किमी सड़क विकसित की जाएगी। सरकार की ‘भारतमाला’ परियोजना के तहत पहले चरण में 24,800 किमी सड़क के निर्माण के अलावा एनएचडीपी के तहत अधूरी पडी 10 हजार किमी सड़क निर्माण के कार्य को भी शामिल किया गया है, जिसमें कुल 5.35 लाख करोड़ रुपये खर्च किये जाएंगे। इसके साथ ही 80 हजार करोड़ के छह
हजार किमी अंतर-कॉरिडोर और फीडर सडकों का निर्माण होगा। जबकि पांच हजार किमी नेशनल कॉरिडोर ईफीसेंसी के निर्माण पर एक लाख करोड़ के अलावा बांग्लदेश, भूटान व नेपाल के साथ
व्यापार समझौते के तहत सीमाओं और अंतर्राष्ट्रीय संपर्क सडक मार्ग के लिए भी 25 हजार करोड़ की लागत से दो हजार किमी लंबी सड़कों का निर्माण होगा। जबकि 20 हजार करोड की लागत से इतनी ही लंबी सडक को तटीय एवं बंदरगाहों से संपर्क मार्ग के रूप में बनाया जाना है। इसके अलावा भारतमाला परियोजना के पहले चरण में 40 हजार करोड़ की लागत से 800 किमी लंबे एक्सप्रेस-वे बनाए जाएंगे।
ऐसे जुटाई जाएगी
धनराशि
सड़क
मंत्रालय में सचिव युद्धबीर सिंह मलिक ने बताया कि भारतमाला परियोजना के लिए काफी राशि वर्तमान राजमार्ग परियोजनाओं के टोल संग्रह (टीओटी) ठेके देकर जुटाई जाएगी। टीओटी का अर्थ है टोल, ऑपरेट एंड ट्रांसफर जिसके तहत ठेका प्राप्त करने वाली कंपनी 20 या 30 वर्ष के लिए सड़क पर टोल संग्रह करेगी और उसके बाद उसे वापस सरकार को सौंप देगी। इसके तहत कुल 82 चालू परियोजनाओं के टीओटी ठेके दिए जाएंगे। इससे सरकार को 34 हजार करोड़ रुपये प्राप्त होने की उम्मीद है। टीओटी के तहत एनएचएआइ ने कुल 680.64 किलोमीटर लंबाई वाले नौ राजमार्गो के मौद्रीकरण के टेंडर आमंत्रित कर लिए हैं। इनसे 6258 करोड़ की राशि प्राप्त होगी। भारतमाला समेत सड़क निर्माण के इस नवीन अंब्रेला कार्यक्रम से देश को एक दक्ष व सुगम परिवहन प्रणाली हासिल होने की उम्मीद
है।
26Oct-2017
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