मंगलवार, 31 अक्तूबर 2017

नमामि गंगे: जल्द शुरू होंगी लंबित सीवेज परियोजनाएं


गडकरी ने समीक्षा के बाद दिए परियोजनाओं में तेजी लाने के निर्देश
हरिभूमि ब्यूरो. नई दिल्ली।
केंद्र सरकार ने महत्वकांक्षी ‘नमामि गंगे मिशन’ में तेजी लाने की दिशा में दिल्ली समेत गंगा नदी से जुड़े सभी छह राज्यों में खासकर सीवेज अवसंरचना संबन्धी लंबित परियोजनाओं को अगले साल से पहले शुरू करने के निर्देश दिये हैं।
केन्‍द्रीय जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण मंत्री नितिन गडकरी ने यहां नई दिल्‍ली में नमामि गंगे कार्यक्रम के तहत हुई  बैठक में उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल और दिल्‍ली में चल रही सीवेज अवसंरचना से संबंधित परियोजनाओं की समीक्षा की। इस  दौरान कुछ परियोजनाओं की धीमी प्रगति पर असंतोष जाहिर करते हुए गडकरी ने कहा कि  फाइल संबंधित कार्यों और निविदा प्रक्रिया में देरी को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्‍होंने कहा कि उस सामान्य धारणा को भूलने की जरूरत है कि नमामि गंगे के तहत कोई कार्य नहीं हो रहा है। उन्होंने संबन्धित अधिकारियों को निर्देश दिया कि वह इस धारणा को पारदर्शिता, भ्रष्‍टाचारमुक्त, समयबद्ध और गुणवत्तापूर्वक कार्यों के जरिए बदलते हुए सभी लंबित सीवेज संबन्धी परियोजनओं को दिसंबर 2018 से पहले पूरी करना सुनिश्चित करें। बैठक में जल संसाधन राज्य मंत्री डॉ. सत्‍यपाल सिंह, मंत्रालय के सचिव डॉ. अमरजीत सिंह, राष्‍ट्रीय गंगा स्‍वच्‍छता मिशन के अधिकारी तथा सभी छह राज्‍यों के संबन्धित अधिकारी भी परियोजनाओं के विवरण के साथ  मौजूद थे।
विलंब के कारणों पर चर्चा
गडकरी ने कहा कि वह परियोजनाओं के निष्‍पादन के लिए अधिकारियों को पूर्ण स्‍वतंत्रता प्रदान करने में विश्‍वास रखते है,लेकिन वहीं उनसे नियत समय पर परिणाम की अपेक्षा करते हैं। इस बैठक में डीपीआर तैयार करने की पूरी प्रक्रिया में हो रहे विलंब से ठेकेदारों को भुगतान में हो रही देरी और निविदाओं को अंतिम रूप देने संबंधित कई महत्‍वपूर्ण कारणों पर भी चर्चा हुई और सुझाव भी दिए गए। गडकरी का मानना था कि नवीनतम विधियों और आधुनिक तकनीक का प्रयोग न केवल गंगा की सफाई के लिए होना चाहिए, बल्कि इसका प्रयोग गंगा की सहायक नदियों जैसे अलकनंदा, भागीरथी, रामगंगा, काली, हिंडन की सफाई के लिए भी किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि जब तक इन नदियों को साफ नहीं किया जाता है तब तक हम ‘निर्मल और अविरल गंगा’ के सपने को पूरा नहीं कर सकते हैं।
राज्यों में सीवेज योजनाओं का हाल
बैठक के दौरान मंत्रालय के अधिकारियों ने केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी को जानकारी दी कि गंगा नदी की के किनारे चार श्रेणियों में कुल 97 कस्‍बे स्थित हैं। इनमें से 55 कस्‍बों में आवश्यक सीवेज प्रबंधन का कार्य पूरा किया जा चुका है, जिनमें 10 कस्‍बे 1622 एमएलडी गंगा में प्रवाहित करते हैं, जो 97 कस्‍बों के कुल सीवेज (2593 एमएलडी) का लगभग 63 फीसदी है। समीक्षा बैठक में जानकारी दी गई कि अभी तक की सभी परियोनाओं के साथ उत्तराखंड और झारखंड ने अपने सभी शहरों से सीवेज के संदर्भ में कवर किया है। यूपी के मुगल सराय, बिहार के छपरा व दानापुर के तीन कस्‍बों में अभी सीवेज का कार्य बाकी है, जहां वर्तमान सीवेज उत्‍पादन क्रमश: 15, 21 और 27 एमएलडी है। पश्चिम बंगाल के बहरामपुर और नवद्वीप नामक दो शहरों की परियोजनाएं पाइप लाइन में है और जल्द ही इनकी मंजूरी मिलने की उम्‍मीद की जा रही है। इन कस्‍बों के लिए प्रस्‍तावित एसटीपी क्षमता क्रमश: 15 और 13 एमएलडी है। जबकि 11 कस्बे कम प्राथमिकता वाले हैं, जिनमें एक उत्तराखंड, तीन-तीन यूपी व बिहार तथा चार पश्चिम बंगाल के कस्बे शामिल हैं। 
01Nov-2017

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