रविवार, 15 अक्तूबर 2017

दिल्ली-रेवाड़ी के बीच शुरू हुई फेरी क्वीन



पर्यटन ट्रेन के रूप में दूसरे चौथे शनिवार को चलेगी
हरिभूमि ब्यूरो. नई दिल्ली।
भारतीय रेल का भले ही आधुनिक तकनीकी के साथ कायाकल्प करने की परियोजनाएं चलाई जा रही हो, लेकिन भाप इंजन की रेलवे इतिहास के रूप में देखा जा रहा है। केंद्र सरकार के पर्यटनों को आकर्षित करने की दिशा में भाप के इंजन वाली ट्रेन 'फेयरी क्वीन' को शनिवार को दिल्ली कैंट स्टेशन से रेवाडी और फिर रेवाडी से दिल्ली कैंट का सफर शुरू किया गया।
रेल मंत्रालय के अनुसार भारतीय रेल के 168 साल पुराने इतिहास को समेटे भाप इंजन वाली 60 यात्रियों की क्षमता वाली 'फेयरी क्वीन' ट्रेन को शनिवार को सुबह साढ़े दस बजे दिल्ली कैंट से रवाना किया, जो दोपहर एक बजे रेवाडी पहुंची और रेवाडी से सवा चार बजे फिर यह गाड़ी रवाना होकर वापस सवा छह बजे दिल्ली कैंट स्टेशन पर पहुंच गई है। मंत्रालय के अनुसार भारत में भाप इंजन की रेलगाड़ी की शुरूआत अंग्रेजी हुकूमत के दौरा 16 अप्रैल 1853 को हुई थी। उस जमाने का यह भाप का इंजन यहां दिल्ली के चाणक्यपुरी स्थित नेशनल रेल म्यूजियम का हिस्सा हैं। इस रेल संग्रहालय को एक फरवरी1977 को आम जनता के लिए खोला गया था। 13 जनवरी 1998 में गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रेकॉर्ड्स ने इस इंजन को लगातार चलने वाले दुनिया के सबसे पुराने स्टीम लोकोमोटिव के तौर पर शामिल किया था।
अप्रैल तक चलेगी यह पर्यटन गाडी
रेलवे के सूत्रों ने बताया कि इससे पहले गत आठ अप्रैल को भी दिल्ली कैंट रेवाडी के बीच आठ अप्रैल को फेयरी क्वीन को चलाया गया था, जिसे आज शनिवार को पर्यटन ट्रेन के रूप में इस भाप इंजन वाली ट्रेन को शुरू किया गया है ,जो अप्रैल 2018 चल हर महीने दूसरे और चौथे शनिवार को एक फेरा पूरा करेगी। आगंतुकों को रेवाड़ी स्टीम सेंटर पर जाने का मौका दिया जाएगा, जो कि भारतीय रेलवे के 10 स्टीम इंजनों में एकमात्र काम कर रहे स्टीम लोकोमोटिव है। इस ट्रेन में यात्रा के लिए आईआरसीटीसी वेबसाइट पर आईआरसीटीसी, नेशनल रेल संग्रहालय (एनआरएम) के विभिन्न पर्यटन केंद्रों और ट्रैवल ऑपरेटरों के माध्यम से टिकट बुक कराने के अलावा रेवाड़ी टिकट बुकिंग से की जाएगी।
15Oct-2017

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