राष्ट्रीय
जांच एजेन्सी को मिला नया मुख्यालय
हरिभूमि ब्यूरो. नई दिल्ली।
देश में आतंकी
गतिविधियों की जांच करने वाली राष्ट्रीय जांच एजेन्सी (एनआईए) को आखिर अपना
मुख्यालय भवन मिल गया है, जिसका उद्घाटन केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने किया।
नई दिल्ली
स्थित सीजीओ काम्पलैक्स के सामने बनाए गये एनआईए मुख्यालय के नए भवन का उद्घाटन
करते हुए मंगलवार को केन्द्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि राष्ट्रीय जांच एजेन्सी
ने आतंकवादी गतिविधियों के लिए सीमा पार से होने वाली फंडिंग और जाली मुद्रा पर जिस
तरह से नकेल कसी है उससे आतंकवादियों के हौंसले पस्त हो गये हैं। वहीं सीमा पर
सुरक्षा बलों का मनोबल बढ़ा है जिसका नतीजा यह है कि घुसपैठ करने के प्रयास में
लगभग हरेक दिन आतंकवादी मारे जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि एनआईए ने अपने आठ साल के
छोटे से कार्यकाल में ही निष्पक्ष जांच से लोगों के बीच अपनी विश्वसनीयता और साख बनायी
है। इसकी विश्वसनीयता का ही प्रमाण है कि जांच के दौरान 95 प्रतिशत मामलों में आरोपी
दोषी साबित हुए हैं। उन्होंनें एनआईए से
अपनी इस विश्वसनीयता को कायम रखने की अपेक्षा की है, ताकि भविष्य में सीमा पार से आने
वाले धन के स्रोतों और आतंकी गतिविधियों का खात्मा किया जा सके।
दो साल में तैयार हुआ मुख्यालय
मंत्रालय
के अनुसार 31 दिसंबर 2008 अस्तित्व में आई एनआईए के लिए मुख्यालय का निर्माण की
आधारशिला गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने गत 10 सितंबर 2015 को रखी थी और इसका निर्माण कार्य
निर्धारित 24 महीनो के भीतर पूरा कर लिया गया है। गौरतलब है कि एनआईए ने अपने काम
की शुरूआत नई दिल्ली स्थित होटल सेंटूर से की थी और इसके बाद नई दिल्ली में जय सिंह
रोड़ स्थित एनडीसीसी-द्वितीय भवन से कार्य किया। एनआईए मुख्यालय निर्माण के लिए शहरी
विकास मंत्रालय ने लोदी रोड स्थित सीजीओ परिसर के सामने 23 दिसंबर 2013 को 22.78 लाख
रूपए की लागत से 1.0356 एकड़ भूमि आंवटित की। इसके बाद 24 दिसंबर 2014 को गृहमंत्रालय
से अनुमति के बाद 29 दिसंबर 2014 को एनबीसीसी के साथ कार्यालय निर्माण के लिए सहमति
पत्र पर हस्ताक्षर किए गए। मुख्यालय में 35.13 करोड़ रूपए की लागत से नौ तल और दो भूतल
का निर्माण किया गया है। और इसका कुछ क्षेत्रफल 1,14,056 स्क्वायर फीट है।
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पहला बिम्सटेक आपदा प्रबंधन अभ्यास शुरू
केन्द्रीय
गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को यहां बहु-क्षेत्रीय तकनीकी और आर्थिक सहयोग आपदा
प्रबंधन अभ्यास (बिम्सटेक डीएमएक्स-2017) के लिए पहली चार दिवसीय बंगाल की खाड़ी
पहल का उद्घाटन किया। राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी
क्षेत्र में 10-13 अक्टूबर 2017 तक अभ्यास का संचालन प्रमुख एजेंसी के रूप में कर
रहा है। इस अभ्यास के उद्घाटन समारोह में गृह मंत्री ने कहा कि आने वाले समय में हमें
सभी भागीदार देशों में फैले बिम्सटेक आपदा प्रतिभागियों के पूल को विकसित करने के
लिए अभ्यासों का इस्तेमाल करना होगा, जिससे यह सुनिश्चित हो सकेगा की जरूरत पड़ने
पर हम प्रभावी जवाबी कार्रवाई कर सकें और समय पर एक-दूसरे की मदद कर सकें।
वहीं एनडीआरएफ
के महानिदेशक संजय कुमार ने कहा कि यह अभ्यास बिम्सटेक देशों के बीच आपदा प्रबंधन
के लिए श्रेष्ठ कार्य प्रणालियों को बांटने तथा समन्वय के लिए मंच प्रदान करेगा
और यह अभ्यास प्रभावी आपदा मोचन के लिए क्षेत्रीय सहयोग बढ़ाएगा। विदेश मंत्रालय में
सचिव (पूर्व) सुश्री प्रीति सरन ने कहा कि बिम्सटेक क्षेत्र की आबादी दुनिया की आबादी
का पांचवां हिस्सा है और बिम्सटेक देशों का विकास संपूर्ण विश्व के विकास के लिए
महत्वपूर्ण हैं। सत्र के दौरान सभी सात बिम्सटेक देशों- बांग्लादेश, भूटान, भारत,
म्यांमार, नेपाल, श्रीलंका और थाईलैंड के प्रतिनिधि मौजूद थे। दिल्ली में बिम्सटेक
देशों के दूतावासों और उच्चायुक्तों के प्रतिनिधि, गृह मंत्रालय, विदेश मंत्रालय, एनडीएमए, एनआईडीएम,
एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और सीएपीएफ के वरिष्ठ अधिकारी तथा राज्य के प्रतिनिधि मौजूद थे।
इस अभ्यास में बिम्सटेक देशों के 150 से अधिक प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं।
11Oct-2017
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