ट्रैक के बजाए
रेलवे
अधिकारियों
के
काम
में
लगे
हैं
तीस
हजार
कर्मचारी
हरिभूमि ब्यूरो.
नई
दिल्ली।
देश में बेपटरी
होती
ट्रेनों
के
कारण
बढ़ते
रेल
हादसों
का
बड़ा
कारण
रेल
संरक्षा
से
संबन्धित
करीब
डेढ़
लाख
रिक्त
पड़े
पदों
को
न
भरा
जाना
है
और
वहीं
रेलवे
ट्रेक
पर
कार्य
करने
वाले
करीब
30 हजार
कर्मचारी
रेलवे
अधिकारियों
के
काम
में
लगे
हुए
हैं,
हालांकि
हाल
ही
में
रेल
मंत्रालय
ने
ऐसे
सभी
कर्मचारियों
को
संबन्धित
विभाग
में
जाने
के
लिए
सख्त
कदम
उठाए
हैं।
यह बात मंगलवार
को
नॉदर्न
रेलवे
मेंस
यूनियन
के
महामंत्री
शिव
गोपाल
मिश्र
ने
एक
संवाददाता
सम्मेलन
के
दौरान
कही
है।
उन्होंने
कहा
कि
नई
रेलवे
लाइनों
के
काम
के
बजाए
पुराने
रेल
ट्रेक
की
मरम्मत
और
रखरखाव
पर
ज्यादा
ध्यान
दिया
जाना
जरूरी
है।
वहीं
रेल
संरक्षा
से
जुड़े
खाली
पदों
पर
नियुक्तियां
करने
के
लिए
सरकार
को
गंभीर
होने
की
जरूरत
है।
मिश्र
ने
कहा
कि
यही
कारण
रेल
हादसों
का
बड़ा
कारण
बने
हुए
हैं,
जबकि
हादसों
के
लिए
रेल
कर्मचारियों
को
जिम्मेदार
ठहरा
दिया
जाता
है।
उन्होंने
पिछले
दिनों
हुए
रेल
हादसों
के
दौरान
रेलवे
के
बड़े
अधिकारियों
के
स्थानांतरण
और
अवकाश
पर
भेजने
जैसी
कार्यवाही
पर
सवाल
उठाते
हुए
कहा
कि
यह
रेल
सुरक्षा
और
संरक्षा
को
मजबूत
करने
के
लिए
समाधान
नहीं
है,
बल्कि
बुनियादी
मुद्दों
पर
ध्यान
देना
चाहिए।
उन्होंने
कहा
कि
हरेक
रेल
कर्मचारी
सुरक्षित
रेल
परिचालन
का
पक्षधर
है,
लेकिन
जब
तक
कर्मचारियों
की
पर्याप्त
संख्या
नहीं
होगी
और
आवश्यक
सामग्री
की
गुणवत्ता
मुहैया
नहीं
होगी,
तब
तक
सुरक्षित
रेल
परिचालन
की
परिकल्पना
नहीं
की
जा
सकती।
उन्होंने
कहा
कि
उन्होंने
नए
रेल
मंत्री
पीयूष
गोयल
और
रेलवे
बोर्ड
के
चेयरमैन
अश्विनी
लोहानी
से
मुलाकात
करके
रेल
संरक्षा
से
जुड़े
मुद्दों
पर
चर्चा
की
है,
जिनमें
रेल
कर्मचारियों
को
बुनियादी
सुविधाएं
देना
भी
शामिल
है।
रेल मंत्रालय अब हुआ गंभीर
एनआरएमयू के महामंत्री
शिव
गोपाल
मिश्र
ने
बताया
कि
पिछले
दिनों
रेल
हादसों
के
बाद
रेल
मंत्रालय
गंभीर
हुआ
है
और
नए
रेल
मंत्री
व
रेलवे
बोर्ड
के
अधिकारियों
ने
सकारात्मक
और
रेल
संरक्षा
के
लिए
बेहतर
कदम
उठाए
हैं,
जिनमें
बुनियादी
मुद्दों
को
दुरस्त
करने
का
प्रयास
किया
है।
उन्होंने
कहा
कि
ऐसे
30 हजार
उन
कर्मचारियों
जो
रेलवे
अधिकारियों
के
घर
व
कार्यालय
के
काम
में
लगे
हुए
उसके
लिए
तमाम
अधिकारियों
को
उन्हें
संबन्धित
जगहों
पर
वापस
भेजने
के
निर्देश
जारी
किये
गये
हैं।
वहीं
नई
रेल
पटिरयों
के
निर्माण
के
लिए
सेल
को
आर्डर
देने
और
पुराने
रेलवे
ट्रेक
को
दुरस्त
करने
के
काम
को
युद्ध
स्तर
पर
शुरू
किया
जाना
रेल
संरक्षा
की
दिशा
में
अच्छा
कदम
है।
जहां
तक रिक्त पदों को
भरने
का
सवाल
है
उसके
लिए
रेल
मंत्री
ने
प्रक्रिया
शुरू
करने
का
भरोसा
दिया
है,
जिनमें
स्वीकृत
2.46 लाख
गैंगमैनों
के
मुकाबले
72 हजार
यानि
30 फीसरदी
पद
खाली
पड़े
हुए
हैं।
अधिवेशन में तय होगी रणनीति
यूनियन के महामंत्री
मिश्र
ने
कहा
कि
कल
चार
से
पांच
अक्टूबर
को
होने
वाले
यूनियन
के
69वें
वार्षिक
अधिवेशन
में
21 सूत्री
मांगों
के
अलावा
रेलकर्मियों
की
स्थिति,
रेलवे
निजीकरण,
रेलवे
संरक्षा,
रिक्त
पदों
को
भरने,
नए
कार्यो
के
लिए
नए
पदों
के
अलावा
रेल
कर्मियों
की
लंबित
मांगों,
सातवे
वेतन
आयोग
की
रिपोर्ट,
कर्मचारियों
के
आवास,
स्वास्थ्य,
शिक्षा,
महिला
कर्मचारियों
की
सुरक्षा
व
सुविधाओं
तथा
रेल
मंत्रालय
की
रेल
परिचालन
की
सुरक्षा
में
चलाई
जाने
वाली
योजनाओं
का
आकलन
करने
जैसे
मुद्दों
पर
चर्चा
होगी।
04Oct-2017
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