गुरुवार, 5 अक्तूबर 2017

स्विटजरलैंड की तकनीक से होगा रेलवे की कायाकल्प


भारत स्विट्जरलैंड के बीच समझौते को मिली मंजूरी
हरिभूमि ब्यूरो. नई दिल्ली।
भारतीय रेलवे के कायाकल्प करने की दिशा में स्विटजरलैंड की तकनीकी मदद से रेलवे के हर क्षेत्र में सुधार करने के लिए चलाई जा रही योजनाओं को पूरा किया जाएगा। केंद्र सरकार ने भारत और स्विट्जरलैंड के बीच तकनीकी सहयोग के लिए हुए समझौते को केंद्र सरकार ने मंजूरी दे दी है।
रेल मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार बुधवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में 31 अगस्त को भारत के रेल मंत्रालय और स्विस कंफेडरेशन के फेडरल डिपार्टमेंट ऑफ इनवायरमेंट, ट्रांसपोर्ट, एनर्जी एण् कम्यूनिकेशंस के बीच हुए इस समझौते को मंजूरी दी गई। इस समझौते के तहत भारतीय रेल को कर्षण चल स्टॉक, ईएमयू तथा ट्रेन की स्थिति, कर्षण प्रोपल्शन उपकरणों, माल एवं यात्री कार सेवा फ्रेट और टिल्टिंग ट्रेन, रेल विद्युतीकरण उपकरण, रेलगाड़ी के समय निर्धारण और परिचालन में सुधार, रेलवे स्टेशन आधुनिकरण, मल्टीमॉडल परिवहन और सुरंग बनाने संबंधी प्रौद्योगिकी के बारे में स्विट्जरलैंड तकनीकी सहयोग प्रदान करेगा।
क्या है समझौता
रेल मंत्रालय ने स्विट्जरलैंड से विभिन्न विदेशी सरकारों और राष्ट्रीय रेलों के साथ रेल क्षेत्र में तकनीकी सहयोग के लिए समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं। सहयोग के चिन्हित क्षेत्रों में अन्य बातों के साथ-साथ हाई स्पीड कॉरिडोर, मौजूदा मार्गों की गति बढ़ाना, विश्वस्तरीय स्टेशनों को विकसित करना, भारी कर्षण का परिचालन और रेल अवसंरचना का आधुनिकीकरण आदि शामिल है। यह सहयोग रेलवे के प्रौद्योगिकी और परिचालन क्षेत्र में विकासात्मक कार्यों की सूचना का आदान-प्रदान करने के अलावा तकनीकी दौरा करके दोनों देश प्रशिक्षण और आपसी हितों के क्षेत्रों में सेमिनारों और कार्यशालाओं का आयोजन करके आपस में जानकारी साझा करेंगे। समझौते में तकनीकी विशेषज्ञों, रिपोर्टों और तकनीकी प्रलेखों के आदान-प्रदान करने का भी प्रावधान है।
05Oct-2017 



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