मंगलवार, 3 अक्तूबर 2017

रोहिंग्या मुस्लिमों से आंतरिक सुरक्षा को खतरा!


केंद्रीय अर्द्धसैनिक संगठन ने सरकार को सौंपी रिपोर्ट
 .पी. पाल. नई दिल्ली।
भारत में अवैध रूप से घुसपैठ करके कई राज्यों में रह रहे रोहिंग्या मुसलमानों को वापस भेजने की तैयारियों में जुटी केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में दिये शपथपत्र में भी रोहिंग्या मुस्लिमों को देश की सुरक्षा के लिए खतरा बताया है। वहीं केंद्रीय अर्द्धसैनिक संगठन की गृह मंत्रालय को सौंपी गई रिपोर्ट में भी देश की आंतरिक सुरक्षा के खतरों को लेकर चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं।
सूत्रों के अनुसर गृहमंत्रालय को सौंपी गई केंद्रीय अर्द्धसैनिक संगठन की 48 पृष्ठीय रिपोर्ट में केंद्र सरकार की देश के लिए रोहिंग्या मुसलमानों को खतरे की आशंका से भी कहीं ज्यादा खतरे की घंटी बजने की पुष्टि की गई है। इस रिपोर्ट से केंद्र सरकार रोहिंग्यों को देश से बाहर निकालने की प्रक्रिया को तेज कर सकती है। रिपोर्ट के मुताबिक पूर्वोत्तर के असम में रोहिंग्या मुस्लिमों की घुसपैठ को भविष्य में डेमोग्राफी प्रोफाइल बदलने की बात भी कही गई है यानि इससे आंतरिक सुरक्षा की चुनौती और भी विकराल रूप ले सकती है। इसके कारण का जिक्र करते हुए रिपोर्ट में केंद्र सरकार को केंद्रीय पुलिस बल ने खासकर दक्षिण असम के कुछ जिलों में गंभीर डेमोग्राफिक बदलावों को लेकर सतर्क किया है। पूर्वोत्तर में अवैध माइग्रेशन को लेकर चिंता प्रकट करते हुए कहा जा रहा है कि मुस्लिमों की आबादी में काफी बढ़ोतरी के मद्देनजर इस्लामिक फंडामेंटलिस्ट्स सहित धार्मिक अलगाववाद को बढ़ावा मिलने की आशंका से इंकार नहीं किया जा सकता जो देश की आंतरिक सुरक्षा के लिए किसी खतरे से कम नहीं है, क्योंकि रिपोर्ट में दावा किया गया है कि जिहादियों के दीर्घकालीन एजेंडा क्षेत्र में समुदाय के लिए विशेष होमलैंड बनाना है।
बांग्लादेश से भी घुसपैठ में तेजी
गृहमंत्रालय को सौंपी गई रिपोर्ट में बांग्लादेश से असम में निरंतर होने वाली अवैध घुसपैठ का जिक्र भी किया गया है, जहां दक्षिण असम के जिलों के माइग्रेशन में सामने आए आंकड़ो में अवैध घुसपैठिये काफी गरीब हैं, जिसके इस कारण वे अलगाववाद के प्रभाव में सकते हैं। रिपोर्ट के अनुसार इमिग्रेशन का चाहे जो भी स्रोत हो, लेकिन ऐसा लगता है कि यह धीरे धीरे प्रभावित इलाकों के डेमोग्राफिक चरित्र को बदल रहा है, जो असम में स्थानीय मुस्लिम आबादी के बीच इस्लामिक फंडामेंटलिस्ट के सक्रिय होने की संभावना की तरफ इशारा करती है।
सरकार भी मानती है अवैध घुसपैठ
गौरतलब है कि पिछले दिनों गृह राज्य मंत्री किरेन रिजिजू ने संसद में पूछे गये एक सवाल के जवाब में माना था कि भारत में करीब दो करोड़ बांग्लादेशी घुसपैठिये रह रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा था कि बिना ट्रेवल दस्तावेजों के बांग्लादेशी नागरिक भारत में अवैध घुसपैठ करते हैं। इसके अलावा समय-समय पर रोहिंग्या मुस्लिमों की अवैध घुसपैठ को भी रिजिजू देश की सुरक्षा के लिए खतरा बता चुके हैं।
मानवाधिकार ने भी मांगी रिपोर्ट
सूत्रों के अनुसार अगस्त माह में केंद्र सरकार द्वारा भारत में रह रहे रोहिंग्या मुसलमानों को वापस मयांमार भेजने की कार्यवाही को लेकर राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने केंद्र सरकार से रिपोर्ट मांगी थी और सुप्रीम कोर्ट में यह मामला लंबित है जहां केंद्र सरकार ने इस समुदाय को खुफिया तंत्र की रिपोर्ट के हवाले से देश की सुरक्षा को खतरा करार दिया है। इसी प्रकार का जवाब सरकार ने मानवाधिकार आयोग को भी दिया है और अब केंद्रीय सुरक्षा बल की रिपोर्ट ने केंद्र सरकार की आंतरिक सुरक्षा को लेकर चिंताओं में इजाफा कर दिया है।
03Oct-2017



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