शुक्रवार, 27 अक्तूबर 2017

अगले पांच साल में पूरा होगा हाइवे विस्तार का लक्ष्य



सरकार ने दी सात लाख करोड़ की सड़क परियोजना को मंजूरी
.पी. पाल. नई दिल्ली।
केंद्र सरकार ने सड़क परियोजना में सबसे बड़ी सात लाख करोड़ रुपये की सड़क परियोजना को मंजूरी देकर देश में राष्ट्रीय राजमार्गो के विस्तार की योजना को आसान कर दिया है, जिसके तहत अगले पांच साल में इस लक्ष्य को पूरा कर लिया जाएगा। इस परियोजना में भारतमाला परियोजना भी शामिल है।
केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के अनुसार मंगलवार को केंद्रीय कैबिनेट ने सात लाख करोड़ रुपये के नेशनल हाइवे परियोजना को मंजूरी दे दी है। इस परियोजना में महत्वाकांक्षी भारतमाला प्रोजक्ट भी शामिल है। मंत्रालय के अनुसार इस प्रस्ताव की मंजूरी से अगले पांच साल के दौरान करीब 83 हजार किमी लंबी सड़कों का निर्माण किया जाएगा। केंद्र की सत्ता में आने के बाद मोदी सरकार ने देश के 96 हजार किमी लंबे राष्ट्रीय मार्ग की लंबाई को बढ़ाकर दो लाख किमी तक करने का लक्ष्य तय किया था। अभी तक करीब डेढ़ लाख किमी से ज्यादा राष्ट्रीय राजमार्ग को विस्तारित किया जा चुका है। गौरतलब है कि संसद के मानसून सत्र के दौरान 25 जुलाई को केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने राज्यसभा में एक सवाल के जवाब में कहा था कि कम से कम 50 हजार किमी हाइवे निर्माण के लिए केंद्र सरकार का सात लाख करोड़ रुपये खर्च करने का प्रस्ताव है, जिसमें भारतमाला परियोजना की डीपीआर तैयार की जा रही है। इस प्रस्ताव पर आज मंगलवार को केंद्रीय कैबिनेट की मुहर लगने से देश में सड़कों का जाल बिछाने के लक्ष्य को और आसान बना दिया है। इस परियोजना के तहत अगले पांच सालों में 6.92 लाख करोड़ रुपये की लागत से 83,677 किलोमीटर लंबी सड़को के निर्माण को आगामी 2022 तक पूरा करने का लक्ष्य तय किया गया है। मंत्रालय के अनुसार इस परियोजना के जरिए देश के आर्थिक विकास को आगे बढ़ाने और रोजगार के नए अवसर तैयार करने के लिए यह ठोस कदम होगा। परियोजना का मूल मकसद यातायात की गति को बढ़ाना और बड़े हाइवे पर चार लेन की सड़क मुहैया कराना है।
क्या है भारतमाला परियोजना
मंत्रालय के अनुसार केंद्र सरकार की भारतमाला परियोजना एक मेगा योजना है, जिसके तहत बेहतर देश की सीमाओं को सड़क संपर्क मार्ग से जोड़ना प्रमुख मकसद है। मंत्रालय ने ग्लोबल कंसल्टेंसी फर्म एटी कर्ने द्वारा भारतमाला परियोजना का अध्ययन कराने के बाद इसे अंतिम रूप दिया है। इस कंपनी ने 44 आर्थिक गलियारों को भी चिन्हित किया  है, जिसका मकसद कार्गो का तेजी से गतिविधियों को बल देना है। अब केंद्र सरकार की मंजूरी के साथ ही भारतमाला परियोजना की जल्द शुरूआत की जाएगी, जो देश की सीमावर्ती क्षेत्र में इंटरनेशनल पोर्ट और कोस्टल रीजन्स के लिए कनेक्टिविटी हेतु सुधार का सबब बनेगी। 28,400 किलोमीटर लंबी भारतमाला परियोजना के पहले चरण में 20 हजार किलोमीटर के राजमार्गों का निर्माण किया जाएगा।
करोड़ो रोजगार का सृजन
मंत्रालय के अनुसार इस परियोजना के जरिए देश के आर्थिक विकास को आगे बढ़ाने और रोजगार के नए अवसर तैयार करने के लिए यह ठोस कदम होगा। परियोजना का मूल मकसद यातायात की गति को बढ़ाना और बड़े हाइवे पर चार लेन की सड़क मुहैया कराना है। वहीं इस मेगा परियोजना से करोड़ो की संख्या में रोजगार के अवसर मिलना तय है। मंत्रालय के सूत्रों की मानें तो सालाना 10 हजार किलोमीटर के हाइवे के निर्माण में चार करोड़ श्रम दिवस पैदा करने की क्षमता है और इस बड़े हाइवे राजमार्ग विकास कार्यक्रम के जरिए सरकार यह संदेश भी दे सकती है कि सरकार रोजगार उपलब्ध कराने में फेल नहीं हुई है।
25Oct-2017


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