शुक्रवार, 13 अक्तूबर 2017

कश्मीर के दूरदराज तक रेल नेटवर्क बनाने की तैयारी



रेलवे सुरंगों की तकनीक पर विशेषज्ञों ने किया मंथन
हरिभूमि ब्यूरो. नई दिल्ली।
जम्मू-कश्मीर में कश्मीर घाटी के दूरदराज इलाकों को रेलवे नेटवर्क से जोड़ने के लिए रेलवे ने तैयारी शुरू कर दी है, जिसके लिए रेलवे सुरंगे बिछाने की अत्याधुनिक तकनीक पर विशेषज्ञों ने मंथन शुरू कर दिया है। रेलवे नेटवर्क के जरिए जम्मू को कश्मीर से जोड़ने के लिए ऊधमपुर-श्रीनगर-बारामुला रेल लिंक राष्ट्रीय परियोजना में तेजी लाने पर भी जोर दिया गया।
रेल मंत्रालय के अनुसार उत्तर रेलवे टनलिंग एसोसिएशन ऑफ इंडिया द्वारा आयोजित ‘हिमालयन जियोलोजी में सुरंगें’ विषय पर बुधवार को एक तीन दिवसीय सम्मेलन शुरू हुआ जिसका उद्घाटन रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष अश्विनी लोहानी ने किया। लोहानी ने कहा कि इस सम्मेलन का मकसद कश्मीर घाटी और दूरदराज इलाकों को रेलवे नेटवर्क के जरिए शेष भारत से जोड़ना है। उन्होंने कहा कि जम्मू एवं कश्मीर के दूरवर्ती क्षेत्रों और कश्मीर घाटी को देश के शेष रेल नेटवर्क के साथ जोड़ने वाली पहले से चल रही ऊधमपुर-श्रीनगर-बारामुला रेल लिंक राष्ट्रीय परियोजना की प्रमुख विशेषताएं एवं इस परियोजना के तहत बनाई गई सुरंगों की अनूठी विशेषताएं भी सम्मेलन में साझा करना जरूरी है। इस सम्मेलन में सुरंग नियोजन, अन्‍वेषण एवं डिजाइन, भू-यांत्रिकी इंजीनियरिंग, अनुबंध प्रबंधन, आपदा शमन समाधान और विशिष्ट सुरंग परियोजना केस स्‍टडीज़ के अलावा भू-भौतिक जांच के क्षेत्र में विभिन्न तकनीकी प्रगति, भूकंपरोधी डिजाइन, 3डी संख्यात्मक मॉडलिंग, ढलान स्थिरता, रॉक लोड का अनुमान सहित अनेक तमाम विषयों पर चर्चा की जा रही है। इस मौके पर ऊधमपुर-बारामूला रेललिंक परियोजना पर केन्द्रित एक तकनीकी पत्रिका ‘हिमप्रभात’ के भाग -9 का विमोचन भी किया गया।
केन्द्रीय सिंचाई एवं विद्युत बोर्ड की भागीदारी
रेलवे में सुरंगों और भूमिगत संरचनाओं के डिजाइन इंजीनियरिंग और निर्माण में रेलवे इंजीनियर्स परियोजना टीमों एवं सलाहकार भागीदारों एवं विशेषज्ञों की क्षमताओं को सुदृढ़ करने हेतु उत्तर रेलवे टनलिंग एसोसिएशन के तत्वावधान में केन्द्रीय सिचाई एवं विद्युत बोर्ड के सहयोग से हिमालय भौमिकी पर इस सम्मेलन में भागीदारी कर रहा है। इससे एक दिन पहले यहां उत्तर रेलवे द्वारा ‘टनल डिजाइन: भावी मुद्दे और चुनौतियां’ विषय पर एक कार्यशाला का आयोजन भी किया गया है। सम्मेलन में राष्ट्रीय राजमार्ग ढाँचागत विकास निगम लिमिटेड के प्रबंध निदेशक नगेन्द्र नाथ सिन्हा, टनलिंग एसोसिएशन ऑफ इंडिया के उपाध्यक्ष एवं भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड के चेयरमैन देवेन्द्र शर्मा, उत्तर रेलवे के महाप्रबंधक एवं आयोजन समिति के चेयरमैन आर.के. कुलश्रेष्ठ तथा टनलिंग एसोसिएशन ऑफ इंडिया के महासचिव केन्द्रीय सिचाई एवं विद्युत बोर्ड के सचिव वी.के. कंजलिया तथा राज्य सरकार केन्द्रीय सिंचाई एवं विद्युत बोर्ड तथा उत्तर रेलवे के शीर्ष अधिकारियों के अलावा देश के विभिन्न भागों में सुरंगों और भूमिगत कार्यों के निर्माण में शामिल केन्द्र एवं राज्य सरकार की एजेंसियां जैसे मेट्रो, पनबिजली, सड़क, राष्ट्रीय राजमार्ग, रेलवे आदि के 200 से अधिक प्रोफेशनलस  और सलाहकार, शिक्षाविद, भारतीय सुरंग उद्योग के कांट्रेक्टर्स हिस्सेदारी कर रहे हैं।
12Oct-2017

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें