रविवार, 22 अक्तूबर 2017

देशभर के सभी रेल पुलों की समीक्षा करेगा रेलवे



रेलवे के जर्जर पुलों की दशा सुधारने की कवायद
हरिभूमि ब्यूरो. नई दिल्ली।
रेल हादसों पर अंकुश लगाने और ट्रेनों की गति बढ़ाने की दिशा में रेलवे बार्ड ने ऐसे सभी रेलवे पुलों की समीक्षा करने का निर्णय लिया है, जिनकी सुरक्षित और अत्याधुनिक तकनीक से मरम्मत की जा सकती हो।
रेल मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार देश में रेलसे के सभी पुलों को दुरस्त करने का निर्णय लिया है, जिसके लिए ट्रेनों की गति बढ़ाने वाली योजना में मरम्मत मांग रहे पुलों को समय रहते सुरक्षित किया जा सके। इस संबन्ध में रेलवे बोर्ड ने सभी रेलवे जोनों को ऐसे पुलों जिनकी मरम्मत करने की जरूरत है की समीक्षा करने के आदेश जारी किये हैं। रेलवे के सूत्रों के अनुसार रेलवे के 275 पुलों में मात्र 23 पुलों में ही गति पाबंद है। मसलन 252 पुल ऐसी जर्जर हालत में हैं जिन्हें ट्रेने अपनी सामान्य गति या धीमी गति से पार करती हैं। जबकि रेलवे लंबी दूरी की ट्रेनों की गति बढ़ाने की योजना बना रहा है इसलिए सुरक्षा के खतरों की चुनौती से निपटने के लिए रेलवे बोर्ड ने सभी पुलों की स्थिति की जानकारी मांगी है। रेल मंत्रालय के अनुसार रेलवे बोर्ड ने जारी आदेश में कहा है कि मुख्य पुल इंजीनियर को अपने संबंधित रेलवे में खासकर ओआरएन-1 और ओआरएन-2 रेटिंग निर्दिष्ट सभी पुलों के संबंध में स्थिति की समीक्षा करनी जरूरी है और मरम्मत की जरूरत वाले पुलों के लिए प्राथमिकता के आधार पर कार्ययोजना तैयार करके रिपोर्ट देनी होगी। सूत्रों के अनुसार रेलवे बोर्ड ने पुलों का विवरण मांगते हुए कहा है कि कुछ जोनल रेलवे में लंबे समय समय से बड़ी संख्या में मौजूदा पुलों के पुनरूद्धार की जरूरत है। मध्य रेल में इस तरह के 61 पुल, पूर्वमध्य रेल में 63, दक्षिण मध्य रेल में 41 और पश्चिमी रेल में ऐसे 42 पुलों का पुननिर्माण लंबित है।
क्या रेलवे पुलों का मानक
मंत्रालय के अनुसार रेलवे अपने पुलों की मानकता के लिए तीन रेटिंग करता है, जिसमें ओआरएन-एक रेटिंग पुलों में तुरंत निर्माण या उसके बदले में पुल की मांग का संकेतक है। ओआरएन-2 रेटिंग के तहत कार्यक्रम आधार पर पुननिर्माण होना चाहिए। तीसरी यानि ओआरएन-3 में पुलों को खास मरम्मत की जरूरत होती है। इस संबन्ध में रेलवे बोर्ड के पिछले महीने भी एक आदेश जारी किया थ्ज्ञा, जिसमें कहा गया था कि इन पुलों के पुनरूद्धार के लिए समुचित समयबद्ध योजना तैयार करना सुनिश्चित किया जाए ताकि पुलों की यह मानकता उपयुक्त है या नहीं। दरअसल रेलवे बोर्ड पुलों की इस रेटिंग से संतुष्ट नहीं है इसलिए फिर से ऐसे पुलों की समीक्षा करके वास्तविकता को सामने लाने का कहा गया है। रेलवे बोर्ड ने पुलों का विवरण मांगते हुए कहा है कि कुछ जोनल रेलवे में लंबे समय समय से बड़ी संख्या में मौजूदा पुलों के पुनरूद्धार की जरूरत है। मध्य रेल में इस तरह के 61 पुल, पूर्वमध्य रेल में 63, दक्षिण मध्य रेल में 41 और पश्चिमी रेल में ऐसे 42 पुलों का पुननिर्माण लंबित है।
22oct-2017








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