मंगलवार, 24 अक्तूबर 2017

सरकार ने फिर खोला कश्मीर में बातचीत का रास्ता

पूर्व आईबी प्रमुख दिनेश्वर शर्मा होंगे सरकार के दूत
ओ.पी. पाल. नई दिल्ली।
केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर में हालात सुधारने की दिशा में खासकर कश्मीर में लंबे समय से व्याप्त गतिरोध को दूर करने के लिए एक बार फिर वहां बातचीत का रास्ता अपनाने का निर्णय लिया है, जिसके लिए पूर्व इंटेलिजेंट ब्यूरो प्रमुख दिनेश्वर शर्मा को सरकार का प्रतिनिधि बनाया है, जिन्हें कैबिनेट सचिव का दर्जा देते हुए सभी अधिकार सौंपे गये हैं।
यह जानकारी सोमवार को गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने एक संवाददाता सम्मेलन में देते हुए बताया कि पिछले समय से कश्मीर की समस्या का हल निकालने के लगातार प्रयास किये जाते रहे हैं और कश्मीर में लगातार बातचीत के जरिए मामला सुलझाने की मांग उठ रही थी, इसी को देखते हुए केंद्र सरकार ने भी बातचीत की दिशा में आगे बढ़ने का फैसला किया है। कश्मीर के मामलों का हल निकालने की दिशा में विभिन्न पक्षों से बातचीत करने का जिम्मा पूर्व आईबी प्रमुख दिनेश्वर शर्मा को सौंपा गया है, जो केंद्र सरकार के प्रतिनिधि के तौर पर राज्य के राजनीतिक दलों, स्‍थानीय संगठनों के अलावा वहां के युवाओं की अपेक्षाओं को विशेष तौर पर समझने की कोशिश करेंगे। उन्होंने कहा कि वार्ता के बाद शर्मा केंद्र सरकार एवं जम्मू कश्मीर सरकार से उसे साझा करेंगे।
कैबिनेट सचिव का दर्जा

राजनाथ ने बताया कि दिनेश्वर शर्मा को कैबिनेट सचिव का दर्जा दिया गया है और कश्मीर के मामले के हल के लिए उन्हें पूरे अधिकार और तमाम छूट दी गई है। यानि वे जिससे चाहें बात करें, इसके लिए उन्हें सरकार की ओर से पूरी स्वायत्ता दी जा रही है। गृहमंत्री ने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी भी इसी के पक्ष में हैं और उन्होंने स्वतंत्रता दिवस पर लालकिले से इस बात के संकेत भी दिए थे, कि कश्मीर समस्या का हल इंसानियत और जम्हूरियत के जरिए ही निकाला जा सकता है। गौरतलब है कि हिजबुल कमांडर बुरहान वानी को सुरक्षा बलों द्वारा मार गिराये जाने के बाद घाटी में व्यापक पैमाने पर अशांति फैली थी। ऐसे में राजनाथ सिंह स्वयं एक राजनीतिक प्रतिनिधिमंडल के साथ विभिन्न पक्षों से वार्ता के लिए जम्मू कश्मीर गये थे। इससे पहले ऐसी पहल करते हुए यूपीए सरकार ने भी 2010 में प्रख्यात पत्रकार दिलीप पडगांवकर, सूचना आयुक्त रहे एमएम अंसारी एवं प्रोफेसर राधा कुमार को वार्ताकर नियुक्त कर बातचीत का रास्ता चुना था और अब राजग सरकार द्वारा पूर्णकालिक वार्ताकार नियुक्त करने की यह ऐसी पहली पहल है।  

कौन हैं दिनेश्वर शर्मा
कश्मीर में वार्ताकार के रूप में भारत सरकार के प्रतिनिधि बनाए गये दिनेश्वर शर्मा मूल रूप से बिहार निवासी और केरल कैडर- 1976 के आइपीएस अधिकारी हैं। आईबी में पिछले 25 सालों से काम करने का अनुभव रखने वाले शर्मा 31 दिसंबर 2016 को आइबी चीफ के पद से सेवानिवृत्त हुए थे। केंद्र के वार्ताकार के रूप में दिनेश्वर शर्मा कैबिनेट सचिव रैंक को धारण करेंगे। गौरतलब है इससे पहले मोदी सरकार ने असम में उग्रवाद समूहों के साथ शांतिवार्ता के लिए भी दिनेश्वर शर्मा को वार्ताकार बनाया था। दिनेश्वर शर्मा आईबी में रहते हुए संस्था के महत्वपूर्ण काउंटर सर्विलांस विभाग के प्रमुख रहे और इस पद पर रहते हुए उन्होंने एजेंसी के कई अभियानों को अंजाम तक पहुंचाया| वर्ष 1991 में आईबी में पदस्थापित होने के बाद उन्होंने देश के विभिन्न हिस्सों कश्मीर से लेकर पूर्वोत्तर के राज्य तक अपने अभियानों को सफल बनाया। शर्मा ने आतंकी संगठनों आईएस, अलकायदा और इंडियन मुजाहिदीन से निपटने में अहम भूमिका निभाई है।
24Oct-2017

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