गुरुवार, 25 मई 2017

‘नमामि गंगे’ कितनी पास-कितनी फेल!

स्थलीय निरीक्षण करने निकली उमा भारती
ओ.पी. पाल.
नई दिल्ली।
मोदी सरकार की महत्वाकांक्षी परियोजना ‘नमामि गंगे’ मिशन के लिए पिछले साल तीन सौ से ज्यादा परियोजनाएं पटरी पर उतारी थी, लेकिन अभी ये परियोजनाएं पूरी तरह से सिरे चढ़ती नजर नहीं आ रही है। नमामि गंगे परियोजना कितनी सफल और कितनी फेल चल रही है इसका जायजा लेने के लिए खुद केंद्रीय जल संसाधन मंत्री सुश्री उमा भारती 15 दिनों के निरीक्षण के लिए गंगा सागर जा चुकी हैं।
केंद्रीय जल संसाधन, नदी विकास एवं गंगा संरक्षण मंत्रालय के प्रवक्ता ने सुश्री उमा भारती के नमामि गंगे की पिछले साल शुरू की गई करीब दो हजार करोड़ की करीब 309 परियोजनाओं की प्रगति का निरीक्षण करने का निर्णय लिया है, जिसके लिए वह गुरुवार को कोलकाता में गंगा सागर के लिए रवाना हो गई हैं। इस गंगा निरीक्षण अभियान में उमा भारती 15 दिनों तक गंगोत्री तक गंगा नदी के तटीय क्षेत्रों का जायजा लेंगी। मंत्रालय के अनुसार गंगा सागर से गंगोत्री तक गंगा किनारे स्थिति विभिन्न स्थानों पर स्वयं पहुंचकर नमामि गंगे परियोजना की प्रगति की समीक्षा भी करेंगी। इस ढाई हजार किमी लंबी गंगा तटीय यात्रा के दौरान वे काकाद्वीपी, गंगा सागर, कपिलमुनि आश्रम, बैरकपुर, नवद्वीप, मुर्शीदाबाद, फरक्का ,सुल्तानगंज (भागलपुर), मुंगेर, पटना, आरा, बक्सर के बाद उत्तर प्रदेश के वाराणसी पहुंचेंगी। उत्तर प्रदेश में उनके निरीक्षण अभियान की यह यात्रा इलाहाबाद, श्रंगवेरपुर, फतेहपुर, कानपुर, फतेहगढ़, कासगंज, नरोरा, भृगु आश्रम, ब्रजघाट, विदुरकुटी होते हुए उत्तराखंड में प्रेवश करेंगी, जहां हरिद्वार, उत्तरकाशी, होते हुए गंगोत्री में इस अभियान का समापन करेंगी। गौरतलब है कि गत वर्ष सात जुलाई को इन परियोजनाओं को उत्तरााखंड, उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल, हरियाणा और दिल्ली में शुरू किया गया था। इन परियोजनाओं में निहित राष्ट्रीय गंगा स्वच्छता अभियान के तहत नदी घाटों का नवीनीकरण, सीवेज ट्रीटमेंट संयंत्रों का पुनर्वास-विकास, वृक्षारोपण एवं जैव विविधता संरक्षण जैसे कार्य शामिल किये गये हैं।
गंगा चौपालों में होगी चर्चा
मंत्रालय के प्रवक्ता ने बताया कि इस गंगा निरीक्षण अभियान के दौरान सुश्री उमा भारती पश्चिम बंगाल में बैरकपुर स्थित केंद्रीय मत्स्य पालन अनुसंधान संस्थान भी जाएंगी, जहां गंगा में मत्स्य पालन को लेकर होने वाले विशेष अनुसंधान की जानकारी लेंगी। इस यात्रा के दौरान उमा भारती कम से कम तीन दर्जन स्थानों पर गंगा चौपाल भी आयोजित करेंगी, जिसमें नमामि गंगे परियोजना से जुड़े विभिन्न हितधारकों के साथ परियोजना को तेजी से आगे बढ़ाने पर विभिन्न उपायों पर चर्चा की जाएगी। वहीं इस परियोजना में शामिल किये गये सरकारी, गैर सरकारी संगठन, स्वयं सेवी संस्थाओं और स्थानी लोगों के साथ भी चर्चा करके इस अभियान को जनांदोलन बनाने का आव्हान करेंगी।

यूपी में सर्वाधिक परियोजना
केंद्रीय जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण मंत्री सुश्री उमा भारती ने नमामि गंगे परियोजनाएं शुरू करने से पहले पांच गंगा बेसिन राज्यों में एक साथ 104 जगहों से शुरू की थी। इसके इसके बाद ऐसी परियोजनाओं में से उत्तर प्रदेश के अमरोहा, बिजनौर, हापुड़, मुजफ्फरनगर, मेरठ, मथुरा, इलाहाबाद, वाराणासी, फरूखाबाद और कानपुर आदि जिलों में 112 परियोजनाएं शुरू की गई। इसी प्रकार उत्तंराखंड के देहरादून, गढ़वाल, टीहरी गढ़वाल, रूद्र प्रयाग, हरिद्वार और चमोली जिलों में 47 परियोजनाएं शुरू की गई। जबकि बिहार के बक्सर, वैशाली, सारण, पटना और भागलपुर जिलों में ऐसी 26 परियोजनाओं को पटरी पर उतारा गया था, तो पश्चिम बंगाल में 20 परियोजनाओं की शुरूआत उत्तरी 24 परगना, नदिया, दक्षिण 24 परगना और हावड़ा जिलों के लिए बजबज में शुरू की गई थी। इस अभियान के तहत उमा भारती सभी जगह निरीक्षण कर रही हैं।
26May-2017

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