शुक्रवार, 5 मई 2017

देश में तेजी से गिर रहा है भूजल स्तर!

दो माह के भीतर 22 फीसदी आई कमी
ओ.पी. पाल.
नई दिल्ली।
केंद्र सरकार द्वारा देश के सूखाग्रस्त इलाकों के लिए शुरू किये गये जल संरक्षण कार्यक्रम जैसी कई योजनाओं के बावजूद गर्मी के कारण हा-हाकार मचना शुरू हो गया है। मसलन देश में जिस तेजी से भूजल में गिरावट आ रही है उसे देखते हुए पिछले दो माह के भीतर जल स्तर में करीब 22 फीसदी की गिरावट आई है।
केंद्रीय जल संसाधन मंत्रालय के अनुसार पिछले साल गर्मियों के दिनों में सुखाग्रस्त इलाकों खासकर बुंदेलखंड और मराठावाडा में पानी की कमी को लेकर हा-हाकार मचा रहा है, जिसकी सुगबुगहाट इस साल गर्मी में भी शुरू होने लगी है। मंत्रालय के अनुसार केंद्रीय जल संसाधन मंत्री सुश्री उमा भारती ने पिछले महीने ही 15 राज्यों से गर्मी के दिनों में पेयजल के अलावा अन्य जरूरतों और सिंचाई के लिए पानी की स्थिति का आकलन रिपोर्ट तलब की है। इसी आधार पर जल संसाधन मंत्रालय ने सूखीग्रस्त इलाकों की प्यास बुझाने के लिए 1600 करोड़ रुपये की योजना को पटरी पर उतारा है, जिसके तहत ऐसे इलाकोें में तेजी के साथ जल संरक्षण कार्यक्रम शुरू कराए गये हैं।
प्रमुख जलाशयों की स्थिति
केंद्रीय जल संसाधन मंत्रालय ने केंद्रीय जल आयोग के शुक्रवार को जारी आंकड़ों का हवाला देते हुए बताया है कि इस दौरान देश के 91 प्रमुख जलाशयों में 41.066 बीसीएम यानि अरब घन मीटर जल का संग्रहण आंका गया, जो इन जलाशयों की कुल संग्रहण क्षमता का केवल 26 फीसदी है और इनमें पिछले एक सप्ताह में एक प्रतिशत की कमी दर्ज की गई है। हालांकि पिछले एक दशक के औसत जल संग्रहण के हिसाब से स्थिति बेहतर है। गौरतलब है कि गत 31 मार्च यानि दो माह पहले इन प्रमुख जलाशयों का जलस्तर 52.632 बीसीएम यानि अरब घन मीटर आंका गया था, जो मौजूदा जल संग्रह 41.066 बीसीएम के मुकाबले करीब 22 फीसदी कम हुआ है। खासबात यह भी है कि इन जलाशयों में से 37 जलाशय ऐसे है जिनसे 60 मेगावाट से भी ज्यादा पन बिजली का उत्पाद होतो है।
एक्शन में योगी सरकार
यूपी के बुंदेलखंड के जिलों में पिछले सप्ताह ही पानी कमी को लेकर हुए हा-हाकार को देखते हुए उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने फरमान जारी कर दिया कि यदि बुंदेलखंड में किसी भी स्थिति में पानी की कमी सामने आई तो उसके लिए अधिकारी जिम्मेदार होंगे, इसलिए ऐसे सूखाग्रस्त इलाकों में आदमी हो या पशु-पक्षी तक के लिए जरूरत के आधार पर पानी की उपलब्धता सुनिश्चित करें और वहीं बुंदेलखंड क्षेत्र की सिंचाई परियोजनाओं की समीक्षा करके इंतजाम करने में कोई भी कोताही नहीं बरती जानी चाहिए। बुंदेलखंड इलाके में केंद्रीय जल आयोग की निगरानी में 29 जलाशयों की स्थिति पर भी नजर रखी जा रही है, जिनका जलस्तर गर्मी के कारण गिरता नजर आ रहा है।

राज्यों में प्रभाव
मंत्रालय के अनुसार पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में फिलहाल पंजाब, राजस्थान, झारखंड, ओडिशा, पश्चिम बंगाल, गुजरात, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, मध्य प्रदेश व छत्तीसगढ़ में जल संग्रहण फिलहाल बेहतर है, लेकिन इसी अवधि की तुलना में हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, त्रिपुरा, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, केरल,कर्नाटक और तमिलनाडु में जल स्तर के भंडारण में कमी देखी जा रही है।
06May-2017

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